बैंकों में बीमा, म्यूचुअल फंड जैसे उत्पादों की बिक्री बंद हो: एआईबीओसी
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के अधिकारियों पर कर्मचारियों की कमी के कारण काम का काफी दबाव है और बीमा म्यूचुअल फंड जैसे तीसरे पक्ष के उत्पादों की बिक्री बंद की जानी चाहिए। आल इंडिया बैंक आफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह कहा।
धर्मशाला। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के अधिकारियों पर कर्मचारियों की कमी के कारण काम का काफी दबाव है और बीमा म्यूचुअल फंड जैसे तीसरे पक्ष के उत्पादों की बिक्री बंद की जानी चाहिए। आल इंडिया बैंक आफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह कहा। एआईबीओसी के उपाध्यक्ष दीपक शर्मा ने कहा कि बैंक प्रबंधन बैंकों को सभी बैंक सेवाओं का सुपरमार्केट बना रहे हैं और बैंक अधिकारियों का ध्यान केवल तीसरे पक्ष के उत्पादों की बिक्री की तरफ कर रहे हैं।
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बैंक अधिकारी अपने काम और बॉस को खुश करने तथा विभिन्न प्रकार के दबाव के बीच संतुलन साधने की कोशिश में तनाव में आ रहे हैं। उनमें खुदकुशी की प्रवृत्तियां बढ़ रही हैं। उन्होंने दावा किया कि बैंक अधिकारियों पर उन कार्यों के लक्ष्य को पूरा करने का भारी दबाव है जो वास्तव में उनका मूल काम नहीं है। शर्मा ने कहा कि प्रबंधन बैंकों को सभी बैंकिंग सेवाओं का सुपरमार्केट बना रहे हैं। अधिकारियों पर कर्मचारियों की कमी तथा म्यूचुअल फंड और बीमा उत्पाद बेचने का दबाव है। इससे बैंक अधिकारियों का ध्यान पूरी तरह से तीसरे पक्ष के उत्पादों के बेचने पर आ गया है।
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उन्होंने आरोप लगाया कि बैंक प्रबंधन पिछले कुछ साल से बीमा और म्यूचुअल फंड उत्पाद बेचने का दबाव बना रहा है। इसका कारण वरिष्ठ अधिकारियों को अधिक आय के रूप में मिलने वाला प्रोत्साहन तथा विदेश यात्रा, पांच सितारा होटलों में शानदार पार्टी, पदोन्नति आदि जैसे अन्य लाभ हैं। शर्मा ने कहा कि बैंकों, कर्मचरियों और ग्राहकों के हित में इस प्रकार की गैर-बैंकिंग गतिविधियों पर तुरंत रोक लगाने की जरूरत है। साथ ही बैंक प्रबंधन को सरकार प्रायोजित योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये पर्याप्त संख्या में कर्मचारी नियुक्त किये जाने की आवश्यकता है।
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