विलय को लेकर ग्रासिम इंडस्ट्रीज से मांगा गया 5,872 करोड़ रुपये का कर
ग्रासिम इंडस्ट्रीज ने कहा कि कंपनी द्वारा आदेश के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा रही है। कंपनी ने कहा कि डीसीआईटी ने 11 फरवरी 2019 को कारणा बताओ नोटिस जारी किया था उसके बाद एक मार्च 2019 को इसे फिर भेजा गया।
नयी दिल्ली। आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी ग्रासिम इंडस्ट्रीज ने शनिवार को कहा कि उसे आयकर विभाग से 5,872.13 करोड़ रुपये का कर मांग नोटिस मिला है। कर मांग आदित्य बिड़ला नुवो और आदित्य बिड़ला फाइनेंशियल सर्विसेज के साथ ग्रासिम इंडस्ट्रीज के विलय के मामले में की गई है। ग्रासिम इंडस्ट्रीज ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, कंपनी को 15 मार्च 2019 को आयकर विभाग के उपायुक्त (डीसीआईटी) की ओर से जारी आदेश मिला है, जिसमें लाभांश वितरण कर और ब्याज समेत कुल 5,872.13 करोड़ रुपये की मांग की गई है।
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कंपनी ने कहा कि उपरोक्त आदेश कानूनन तर्कसंगत नहीं है। ग्रासिम इंडस्ट्रीज ने कहा कि कंपनी द्वारा आदेश के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा रही है। कंपनी ने कहा कि डीसीआईटी ने 11 फरवरी 2019 को कारणा बताओ नोटिस जारी किया था उसके बाद एक मार्च 2019 को इसे फिर भेजा गया।
Grasim receives Rs 5,872.13 cr dividend distribution tax notice from the Deputy Commissioner of Income Tax (DCIT); company is of the view that the aforesaid Order is not tenable in law, necessary action(s) against the order is being taken by co pic.twitter.com/uoS8rfwnKr
— CNBC-TV18 (@CNBCTV18Live) March 16, 2019
इसमें आयकर अधिनियम 1961 की धारा 115- ओ को धारा 115- क्यू के साथ जोड़ते हुये पूछा गया है कि आदित्य बिड़ला कैपिटल लिमिटेड (एबीसीएल) द्वारा ग्रासिम इंडस्ट्रीज के शेयर धारकों को इक्विटी शेयरों के आवंटन पर क्यों न इन प्रावधानों को लागू किया जाये। यह सवाल तीन कंपनियों के बीच हुये मेगा विलय के बाद उठाया गया है। कंपनी ने कहा है कि इन नोटिसों के जवाब में वह पहले ही विस्तृत जवाब दे चुकी है।
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