Supertech Emerald Case: सुप्रीम कोर्ट के बाद सीएम योगी भी सख्‍त, दोषी अफसरों पर सख्त कार्रवाई के दिए आदेश

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राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में कहा नोएडा के सुपरटेक एमेरल्ड द्वारा अवैध रूप से ट्विन टावर बनाए जाने के मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए।

लखनऊ/नोएडा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा के सुपरटेक एमेरल्ड द्वारा अवैध रूप से ट्विन टावर बनाए जाने के मामले में शासन स्तर से विशेष समिति गठित कर प्रकरण की गहराई से जांच करने और हर दोषी अधिकारी के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में कहा नोएडा के सुपरटेक एमेरल्ड द्वारा अवैध रूप से ट्विन टावर बनाए जाने के मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए।

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उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के नोएडा में नियमों का उल्लंघन कर एमेरल्ड कोर्ट परियोजना में बनाए गए सुपरटेक के 40 मंजिला दो निर्माणाधीन टावरों को मंगलवार को तीन महीने के भीतर गिराने का निर्देश दिया था और कहा था कि मामले में जिले के अधिकारियों की ‘‘मिलीभगत’’ साफ नजर आती है। आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने लखनऊ में मामले की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को जरूरत पड़ने पर दोषियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का भी निर्देश दिया। योगी ने कहा शासन स्तर से विशेष जांच समिति गठित कर इस प्रकरण की गहन जांच कराई जानी चाहिए। एक-एक दोषी अधिकारी के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। आवश्यकतानुसार आपराधिक मामला भी दर्ज किया जाए। इस संबंध में तत्काल कार्यवाही की जाए। मंगलवार को उच्चतम न्यायालय ने नोएडा के सेक्टर 93 में सुपरटेक एमेरल्ड कोर्ट हाउसिंग परियोजना के तहत नियमों का उल्लंघन कर बनाए गए ट्विन टावर को ध्वस्त करने का आदेश दिया है।

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शीर्ष अदालत ने ट्विन टावर को तीन महीने के अंदर जमींदोज करने का आदेश देते हुए कहा कि जिला स्तरीय अधिकारियों की सांठगांठ से किए गए इस इमारत के निर्माण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी होगी ताकि नियम कायदों का अनुपालन सुनिश्चित हो सके। ‘नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण’ (नोएडा)के अधिकारियों को फटकार लगात हुए न्यायालय ने इसके अधिकारियों की एमेरल्ड कोर्ट परियोजना में सुपरटेक के साथ मिलीभगत की कई घटनाओं को रेखांकित किया। उसने कहा ‘‘ मामले से योजना प्राधिकारण और डेवलेपर के बीच कानून के प्रावधानों के उल्लंघन के सिलसिले में कपटपूर्ण मिलीभगत का खुलासा हुआ है।’’ शीर्ष अदालत ने यह निर्देश भी दिया था कि घर खरीददारों का समूचा धन बुकिंग की तारीख से 12 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाया जाए और दोनों टावर की वजह से एमेराल्ड कोर्ट की ‘रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन’ (आरडब्ल्यूए) को हुई परेशानी के लिए दो करोड़ रुपये दिए जाएं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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