टीकाकरण की रफ्तार काफी धीमी, अगले कुछ माह भारत के लिए महत्वपूर्ण: ऑक्सफोर्ड इकनॉमिक्स
ऑक्सफोर्ड इकनॉमिक्स ने कहा कि राज्य सरकारें इस बार सख्त लॉकडाउन से बच रही हैं।ऐसे में इस बार इसका आर्थिक प्रभाव पिछले साल की दूसरी तिमाही की तुलना में कम रहेगा।कंपनी ने कहा किअंतरराष्ट्रीय अनुभव के आधार पर देखा जाए,तो भारत में टीकाकरण की रफ्तार काफी धीमी है और संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए यह पर्याप्त नहीं है।
नयी दिल्ली। भारत के लिए अगले कुछ महीने अत्यंत महत्वपूर्ण होंगे, क्योंकि कोविड-19 संक्रमण के मामलों उछाल से ‘अपरिपक्व’ आर्थिक पुनरुद्धार के रास्ते में चुनौतियां आएंगी। वैश्विक पूर्वानुमान कंपनी ऑक्सफोर्ड इकनॉमिक्स ने शुक्रवार को यह राय जताई। ऑक्सफोर्ड इकनॉमिक्स ने कहा कि अभी इसका असर काफी सीमित है और अर्थव्यवस्था जुझारू क्षमता दिखा रही है, लेकिन नीति-निर्माताओं के समक्ष अब जरा भी कोताही की गुंजाइश नहीं बची है। ऑक्सफोर्ड इकनॉमिक्स ने कहा कि राज्य सरकारें इस बार सख्त लॉकडाउन से बच रही हैं। ऐसे में इस बार इसका आर्थिक प्रभाव पिछले साल की दूसरी तिमाही की तुलना में कम रहेगा। कंपनी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अनुभव के आधार पर देखा जाए, तो भारत में टीकाकरण की रफ्तार काफी धीमी है और संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए यह पर्याप्त नहीं है।
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ऑक्सफोर्ड इकनॉमिक्स ने कहा, ‘‘यदि स्वास्थ्य की स्थिति उल्लेखनीय रूप से खराब होती है और व्यापक रूप से सख्त अंकुश लगाए जाते हैं, तो 2021 की पहली छमाही के लिए हमारा अनुमान प्रभावित हो सकता है।’’ वैश्विक पूर्वानुमान कंपनी ने कहा कि दूसरी लहर अधिक व्यापक हो रही है, जिससे आगामी दिनों में आवाजाही का स्तर प्रभावित होगा। ‘‘हालांकि, भारतीय अर्थव्यवस्था में 2020 की तरह बड़ी गिरावट नहीं आएगी। अभी लक्षित लॉकडाउन के जरिये महामारी को फैलने से रोकने की रणनीति अपनाई जा रही है।‘‘ ऑक्सफोर्ड इकनॉमिक्स ने कहा कि यह सही है कि पिछले साल संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जिन देशों ने लॉकडाउन नहीं लगाया था, उनका प्रदर्शन अंकुश लगाने वाले देशों की तुलना में आर्थिक रूप से अच्छा नहीं रहा था। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में लगातार 30वें दिन सतत वृद्धि का सिलसिला जारी है। सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 9,79,608 पर पहुंच गई है, जो कुल संक्रमण के मामलों का 7.5 प्रतिशत है।
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