वेदांता को राजस्थान तेल ब्लॉक का अनुबंध विस्तार मिला

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[email protected] । Oct 29 2018 3:09PM

खनन क्षेत्र की कंपनी वेदांता लिमिटेड को राजस्थान के बाड़मेर स्थित तेल ब्लॉक की अनुबंध अवधि 10 साल बढ़ाने के मामले में सफलता मिली है।

नयी दिल्ली। खनन क्षेत्र की कंपनी वेदांता लिमिटेड को राजस्थान के बाड़मेर स्थित तेल ब्लॉक की अनुबंध अवधि 10 साल बढ़ाने के मामले में सफलता मिली है। हालांकि, यह अवधि इस शर्त के साथ बढ़ाई गई है कि कंपनी तेल ब्लॉक से होने वाले मुनाफे में सरकार को अधिक हिस्सेदारी देगी। कंपनी ने सोमवार को यह जानकारी दी। सरकार की तरफ से बाड़मेर स्थित तेल एवं गैस ब्लॉक आरजे-ओएन-90..1 को 25 साल के लिये आवंटित किया गया था। यह अवधि 14 मई 202 को समाप्त हो रही है।

वेदांता लिमिटेड ने नियामकीय जानकारी में कहा है, ‘‘पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय के जरिये कार्य को अंजाम देते हुये भारत सरकार ने राजस्थान ब्लॉक आरजे-ओएन-90..1 के उत्पादन भागीदारी अनुबंध को दस साल के लिये विस्तार देने की मंजूरी दे दी है।’’ इस ब्लॉक का अनुबंध 15 मई 2020 से आगे 10 साल के लिये बढ़ा दिया गया है। 

इसमें कहा गया है, ‘‘अनुबंध में यह विस्तार भारत सरकार ने उसकी 7 अप्रैल 2017 की नीति के तहत नई तेल अन्वेषण लाइसेंसिंग नीति लागू होने से पहले आवंटित तेल खोज ब्लॉक के विस्तार के तहत दी गई है। इसमें कुछ शर्तों के साथ यह विस्तार दिया गया है।

सरकार ने पिछले साल एक नीति को मंजूरी दी थी जिसमें कंपनियों के साथ उत्पादन भागीदारी अनुबंध (पीएससी) की अवधि को शुरूआती 25 साल से आगे बढ़ाने का प्रावधान किया गया है। हालांकि, इसके साथ यह शर्त भी रखी गई है कि समय सीमा का विस्तार तभी होगा जब कंपनी तेल उत्पादन मुनाफे में सरकार का हिस्सा 10 प्रतिशत बढ़ाने पर सहमत होगी।

वेदांता ने इस नीति को चुनौती दी थी। मामला इस समय अदालत में है। कंपनी का दावा है कि सरकार ने पुरानी नीति को बीच में ही बदल दिया जबकि मई 1995 के उत्पादन भागीदारी अनुबंध में उन्हीं शर्तों पर ब्लॉक के अनुबंध में 10 साल के लिये स्वत: विस्तार का प्रावधान है। यदि ब्लॉक में तेल एवं गैस उपलब्ध है तो यह विस्तार पुरानी शर्तों पर ही होगा। वेदांता ने नीति में बदलाव को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। इस साल जुलाई में उच्च न्यायालय ने सरकार को पुरानी शर्तों पर ही विस्तार देने का आदेश दिया। लेकिन सरकार ने मामले को न्यायालय के आदेश को आगे चुनौती दी है। मामला अदालत में है।

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