Hindenburg case: अडानी ग्रुप को लेकर जांच में SEBI ने अब सुप्रीम कोर्ट में ये क्या कह दिया?

सेबी ने कहा कि जांच के नतीजों के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी। इस साल की शुरुआत में अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा शासन संबंधी कई चिंताएं जताए जाने के बाद समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार मूल्य में 100 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ।
भारतीय अरबपति गौतम अडानी के अडानी ग्रुप पर अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग द्वारालगाए गए आरोपों पर मार्केट रेगुलेटर सेबी ने अपनी रिपोर्ट फाइनल कर दी है। सर्वोच्च न्यायालय को एक फाइलिंग में भारत के बाजार नियामक ने इस बात की जानकारी दी कि इस बात की जांच पूरी कर ली है कि क्या अरबपति गौतम अडानी के समूह ने प्रतिभूति कानूनों का उल्लंघन किया है और आदेश पारित करने के लिए कुछ मामलों में कार्रवाई की सिफारिश की गई है। सेबी ने कहा कि उसने अडानी समूह की सूचीबद्ध कंपनियों से जुड़े 24 लेनदेन की जांच की है, जिनमें से 22 की फाइनल रिपोर्ट तैयार है और 2 अंतरिम रिपोर्ट तैयार है।
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सेबी ने कहा कि जांच के नतीजों के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी। इस साल की शुरुआत में अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा शासन संबंधी कई चिंताएं जताए जाने के बाद समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार मूल्य में 100 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ। समूह ने गलत काम करने से इनकार किया है। इसके बाद, सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को आरोपों पर गौर करने और मार्च में गठित छह सदस्यीय पैनल को अपने निष्कर्ष सौंपने को कहा, जिसमें एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश और अनुभवी बैंकर शामिल थे।
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अदालत द्वारा नियुक्त पैनल ने मई में कहा था कि नियामक ने अब तक अपनी जांच में कोई निष्कर्ष नहीं निकाला है और मामले की उसकी चल रही खोज "बिना गंतव्य की यात्रा" है, लेकिन उसने नियामक को अपनी जांच पूरी करने के लिए और समय दिया।
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