अभी जारी रहेगा अप्रत्याशित लाभ कर, इस साल 25,000 करोड़ रुपये जुटने की उम्मीद

Windfall profits tax
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एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा कि यह कर अभी जारी रहेगा,क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें फिर से बढ़ रही हैं। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन विवेक जौहरी ने यहां पीटीआई-से कहा, ‘‘कच्चे तेल की कीमतें फिर से बढ़ रही हैं।

अप्रत्याशित लाभ कर से सरकार को चालू वित्त वर्ष में करीब 25,000 करोड़ रुपये मिलने की संभावना है। घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल और ईंधन के निर्यात पर सात महीने पहले अप्रत्याशित लाभ कर लगाया गया था। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा कि यह कर अभी जारी रहेगा,क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें फिर से बढ़ रही हैं। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन विवेक जौहरी ने यहां पीटीआई-से कहा, ‘‘कच्चे तेल की कीमतें फिर से बढ़ रही हैं। इसलिए फिलहाल अप्रत्याशित लाभ कर जारी रहेगा।’’

दूसरी ओर राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि बजट में चालू वित्त वर्ष के दौरान अप्रत्याशित लाभ कर से 25,000 करोड़ रुपये जुटाने का अनुमान लगाया गया है। जौहरी ने कहा कि भू-राजनीतिक हालात अस्थिर बने हुए हैं और ‘‘यह अनुमान लगाना मुश्किल होगा कि अप्रत्याशित लाभ कर कब तक जारी रहेगा।’’ भारत ने पहली बार एक जुलाई को अप्रत्याशित लाभ कर लगाया था। इसके साथ ही भारत उन देशों में शामिल हो गया, जो ऊर्जा कंपनियों के असामान्य लाभ पर कर लगाते हैं।

उस समय पेट्रोल और एटीएफ पर छह रुपये प्रति लीटर (12 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल) और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर (26 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल) का निर्यात शुल्क लगाया गया। इसी तरह घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन पर 23,250 रुपये प्रति टन (40 डॉलर प्रति बैरल) की दर से अप्रत्याशित लाभ कर भी लगाया गया। इस कर की हर पखवाड़े समीक्षा की जाती है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों के आधार पर दरों को संशोधित किया जाता है। ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन(ओएनजीसी) जैसी कंपनियों द्वारा उत्पादित कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर इस समय 1,900 रुपये प्रति टन है। जौहरी ने कहा कि खुदरा कीमतों में कमी लाने के लिए पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में दो बार कटौती करने से चालू वित्त वर्ष 2022-23 में उत्पाद शुल्क संग्रह में गिरावट आई है। यह 3.35 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान के मुकाबले संशोधित अनुमान में घटकर 3.20 लाख करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए उत्पाद शुल्क संग्रह का अनुमान 3.39 लाख करोड़ रुपये है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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