भारत क्रिप्टोकरेंसी के नियमन के लिये वैश्विक स्तर पर सहमति के पक्ष में: अजय सेठ

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सचिव ने पीटीआई-से बातचीत में कहा, ‘‘जो भी नियमन लाये जाएंगे, जबतक वैश्विक स्तर पर सहमति नहीं होगी, वे सफल नहीं होंगे। यह 80-90 प्रतिशत सफल हो सकता है लेकिन यह कोई समग्र समाधान नहीं होगा। इसीलिए इस समय हम विभिन्न पक्षों खासकर संस्थागत पक्षों के साथ बातचीत कर रहे हैं।’’

नयी दिल्ली| आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा है कि भारत क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिये वैश्विक स्तर पर एक सहमति के पक्ष में है।

इसका कारण यह है कि अगर स्थानीय स्तर पर कदम उठाये जाते हैं, तो उसका कोई इच्छित परिणाम सामने नहीं आएगा क्योंकि इसका कारोबार इंटरनेट पर होता है और यह किसी भौगोलिक क्षेत्र से बंधा नहीं है।

यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार निजी क्रिप्टोकरेंसी के विनियमन के लिये संसद के मौजूदा बजट सत्र में विधेयक लाएगी, सेठ ने कहा, ‘‘नियमन या पाबंदी जो भी हो, क्रिप्टो परिसंपत्तियों के लिए उपयुक्त नीतिगत कदम पर काम जारी है। यह कब तक होगा, मैं अभी कुछ नहीं कह सकता। पर निश्चित रूप से बजट सत्र में यह होता नहीं दिख रहा। इस संदर्भ में काम जारी है।’’

उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के विनियमन को लेकर जी-20 की बैठक में चर्चा शुरू होगी। जी-20 विकसित एवं विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का समूह है।

सचिव ने पीटीआई-से बातचीत में कहा, ‘‘जो भी नियमन लाये जाएंगे, जबतक वैश्विक स्तर पर सहमति नहीं होगी, वे सफल नहीं होंगे। यह 80-90 प्रतिशत सफल हो सकता है लेकिन यह कोई समग्र समाधान नहीं होगा। इसीलिए इस समय हम विभिन्न पक्षों खासकर संस्थागत पक्षों के साथ बातचीत कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मौद्रिक नीति, राजकोषीय नीति, वित्तीय स्थिरता और विकास अर्थशास्त्र से जुड़े पक्षों के साथ बातचीत जारी है....मुझे उम्मीद है कि चालू वर्ष में क्रिप्टो संपत्ति मामले में उपयुक्त वैश्विक कदम को लेकर जी-20 में इस पर चर्चा शुरू होगी।’’

इंडोनेशिया की अध्यक्षता में जी-20 देशों केवित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक 17 फरवरी से शुरू होगी। दूसरी बैठक अप्रैल और तीसरी जुलाई में होगी।

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