जानिये NEET परीक्षा 2018 से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातें
NEET की अधिसूचना 8 फरवरी, 2018 को प्रकाशित की गई थी जिसमें कुछ आश्चर्यचकित करने वाली नयी घोषणाएं शामिल की गयी थीं जैसे कि इस साल NIOS उम्मीदवारों को निषेध करना या फिर ऊपरी आयु सीमा निर्धारित करना।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी परीक्षा (सीबीएसई) द्वारा आयोजित NEET (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) 2018 6 मई, 2018 के लिए निर्धारित है। NEET की अधिसूचना 8 फरवरी, 2018 को प्रकाशित की गई थी जिसमें कुछ आश्चर्यचकित करने वाली नयी घोषणाएं शामिल की गयी थीं जैसे कि इस साल NIOS उम्मीदवारों को निषेध करना या फिर ऊपरी आयु सीमा निर्धारित करना।
वर्ष 2017 में 11.3 लाख उम्मीदवारों ने परीक्षा के लिए आवेदन किया था। इस वर्ष यह संख्या 12 लाख तक पहुंचने की संभावना है। इस वर्ष जिन शहरों में परीक्षा करवाई जायेगी उसकी संख्या 84 से 150 कर दी गयी है। सभी उम्मीदवारों से अनुरोध है कि वे एक बार किये गए NEET 2018 के परिवर्तनों को अछि तरह से पढ़ लें:
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1. MCI द्वारा इस वर्ष उन छात्रों को निषेध करने का फैसला लिया गया है जो अपनी +2 ओपन या डिस्टेंस शिक्षा से पूर्ण कर रहे हैं। यह फैसला इसलिए किया गया है क्योंकि MCI का मानना है कि जो छात्र नियमित रूप से अपनी +2 पूरी कर रहे हैं, उनके और दूसरी श्रेणी के छात्रों में शिक्षा के स्तर का अंतर है। CBSE भी MCI के निर्णय से सहमत है और इसी कारण CBSE द्वारा केवल नियमित छात्रों को ही परीक्षा देने कि अनुमति प्रदान की गयी है।
2. CBSE द्वारा अधिकतम आयु सीमा सामान्य श्रेणी के लिए 25 वर्ष तथा आरक्षित श्रेणी के लिए 30 वर्ष कर दी गयी है। अर्थात जो भी उम्मीदवार NEET 2018 के लिए उपस्थित होना चाहते हैं, उनकी उम्र 31 दिसंबर तक 17 से 25 वर्षों के बीच होनी चाहिए तथा आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए उम्र सीमा 31 दिसंबर तक 25 से 30 वर्षों के बीच होनी चाहिए।
3. भारत के सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस वर्ष NEET 2018 में उर्दू भाषा का परिचय कराया गया। अर्थात् इस वर्ष हिंदी तथा अंग्रेजी के अतिरिक्त उर्दू भाषा में भी परीक्षा करवाई जाएगी। इस परिवर्तन की पुष्टि NEET 2018 के लिए जारी की गयी अधिसूचना में प्राप्त की जा सकती है।
4. यदि कोई उमीदवार आयुर्वेद, योग और नेचुरोपैथी, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी में से किसी में भी दाखिला पाना चाहता है तो उसे NEET 2018 देना आवश्यक है।
बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी (BAMS)
बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी (BHMS)
यूनानी चिकित्सा और सर्जरी (BMS) की बैचलर
बैचलर ऑफ सिद्ध मेडिसिन एंड सर्जरी (BSMS) और
बैचलर ऑफ नेचुरोपैथी और योग विज्ञान (BNIS)
इन सभी पाठ्यक्रमों में से यदि आप किसी भी पाठ्यक्रम में प्रवेश करना चाहते हैं तो आपको NEET का पेपर देना ज़रूरी है।
5. आंध्रा प्रदेश तथा तेलंगाना, इन दोनों राज्यों ने अपने मेडिकल महाविद्यालयों में इस वर्ष से 15% सीटें NEET द्वारा चुने गए उम्मीदवारों के लिए रखी हैं। इसी प्रकार NEET की परामर्श प्रक्रिया के दौरान भी 15% सीटें इन दोनों राज्यों के छात्रों के लिए आरक्षित हैं। पिछले वर्ष तक इन दोनों राज्यों के छात्रों को स्वयं-घोषणा पत्र जमा कराना होता था परन्तु अब ऐसा नहीं है।
इन सब के अतिरिक्त MCI दवरा एक और सुझाव दिया गया है। वह सुझाव यह है कि जो छात्र MBBS विदेशी महाविद्यालयों तथा विश्वविद्यालयों से करना चाहते हैं, उन्हें भी NEET की परीक्षा उत्तीर्ण करनी पड़ेगी। यह फैसला देश के छात्रों के खराब प्रदर्शन को ध्यान में रख कर लिया गया है। इन सभी छात्रों को MCI द्वारा आयोजित FMGE परीक्षा में बैठना पड़ता है जिसमें पिछले कुछ समय से सभी परीक्षार्थियों का प्रदर्शन काफी शर्मनाक रहा है।
साभार कालेजदुनिया.कॉम
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