मत्स्य विज्ञान के क्षेत्र में कुछ इस तरह बनाएं कॅरियर

Fisheries

मत्स्य विज्ञान का अध्ययन स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर किया जा सकता है। मत्स्य स्नातक बनने के लिए राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के मत्स्य महाविद्यालयों से 4 साल का डिग्री कोर्स यानी बैचलर ऑफ फिशरीज साइंस उत्तीर्ण करना होता है।

मत्स्य पालन एक ऐसा कॅरियर है जो अंतर्देशीय और समुद्र या अन्य जलीय प्रजातियों सहित मछलियों को पकड़ने से संबंधित है। इस उद्योग में मछली पकड़ने, प्रसंस्करण, विपणन और संरक्षण शामिल है। यह एक मल्टी−डिसिप्लनरी विषय है जिसमें मछलियों की विभिन्न प्रजातियों के जीवन, हैबिट्स और प्रजनन का जैविक अध्ययन शामिल है। मत्स्य पालन का उद्देश्य समुद्री संपदा को विकसित करना और उसे बनाए रखना है। भारत मछली निर्यात के मूल्य के संबंध में दुनिया में सातवें स्थान पर है। भारत के लगभग 8 मिलियन लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मत्स्य क्षेत्र पर निर्भर हैं। तेजी से विकसित होने वाला मत्स्य उद्योग, न केवल पारंपरिक मछुआरों को रोजगार प्रदान करता है, बल्कि मत्स्य पालन के वैज्ञानिक प्रजनन और प्रबंधन में लगे अत्यधिक कुशल कर्मियों को भी प्रदान करता है। देश के विस्तृत प्राकृतिक संसाधनों, गतिशील उद्यमशीलता कौशल के कारण, यह पेशा भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी फायदेमंद है। ऐसे में आप भी इस क्षेत्र में कॅरियर की असीम संभावनाएं तलाश सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में−

इसे भी पढ़ें: छोटे बच्चों से करते हैं प्यार तो बनें पीडियाट्रिक

व्यक्तिगत कौशल

कॅरियर काउंसलर की मानें तो जिन लोगों ने मत्स्य विज्ञान को कॅरियर के रूप में चुना है, उन्हें समुद्री जीवन में वास्तविक रुचि होनी चाहिए। इस क्षेत्र में बहुत अधिक शोध कार्य करने की आवश्यकता है, इसलिए उनमें रिसर्च ओरिएंटिड मानसिकता होनी चाहिए। इसके अलावा आपको अपने काम के प्रति डेडीकेटिड, मेहनती व जिज्ञासु होना चाहिए। इसके अलावा, एक अच्छा प्रबंधकीय कौशल भी आवश्यक है, क्योंकि मत्स्य विज्ञान एक ऐसा दायर है जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से व्यवसाय से संबंधित है।

योग्यता

एजुकेशन एक्सपर्ट बताते हैं कि मत्स्य विज्ञान का अध्ययन स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर किया जा सकता है। मत्स्य स्नातक बनने के लिए राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के मत्स्य महाविद्यालयों से 4 साल का डिग्री कोर्स यानी बैचलर ऑफ फिशरीज साइंस उत्तीर्ण करना होता है। इस कोर्स में दाखिला लेने के लिए आपको 12वीं में बायोलॉजिकल साइंस के साथ होना आवश्यक है। इस कोर्स में उम्मीदवारों की योग्यता और सीटों की उपलब्धता के अनुसार प्रवेश दिया जाता है। देश में विभिन्न केंद्रीय मत्स्य शिक्षा संस्थान में प्रवेश के लिए उम्मीदवारों को नई दिल्ली स्थित आईसीएआर अर्थात् भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा आयोजित अखिल भारतीय स्तर के प्रवेश परीक्षा के लिए उपस्थित होना पड़ता है। बाहरी राज्य के उम्मीदवारों के लिए विशेष कोटा उन उम्मीदवारों को दिया जाता है जिन्होंने आईसीएआर की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की है और उन्हें फेलोशिप भी मिल रही है।

इसे भी पढ़ें: डॉक्टर बनने के लिए जरूरी है नीट परीक्षा, ऐसे करें इसकी तैयारी

संभावनाएं

कॅरियर एक्सपर्ट बताते हैं कि मत्स्य विज्ञान कई कॅरियर  रास्ते प्रदान करता है। मत्स्य स्नातक सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों जैसे कि मत्स्य विभाग और राष्ट्रीयकृत बैंकों में रोजगार पा सकते हैं। उनके लिए अवसर सरकारी एजेंसियों, कृषि के राज्य विभागों और केंद्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान में मौजूद हैं। इन संस्थानों में भर्ती राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से होती है। वहीं केंद्र सरकार की एजेंसियों में विभिन्न अवसर समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीईडीए), फिशरीज सर्वे ऑफ इंडिया (एफएसआई), एनआईओ, आदि में भी मौजूद हैं। निजी क्षेत्र में जलीय कृषि खेतों, हैचरी और प्रसंस्करण संयंत्रों में भी नौकरी की संभावनाएं उपलब्ध हैं। वाणिज्यिक मछली पालन, बीज उत्पादन और समुद्री उत्पादों का निर्यात मत्स्य पालन में स्वरोजगार की संभावनाएं हैं।

प्रमुख संस्थान

फोनिक्स स्कूल ऑफ फिशरिज, उत्तराखंड

देश भगत यूनिवर्सिटी, पंजाब

कॉलेज ऑफ फिशरिज, छत्तीसगढ़

फिशरिज कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, तमिलनाडु

केरल यूनिवर्सिटी ऑफ फिशरिज एंड ओशियन स्टडीज, केरल

वरूण क्वात्रा

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़