दूतावासों में भी नौकरियों के कई अवसर, पगार भी अच्छी

अमित भंडारी । Apr 5 2017 3:41PM

भारत स्थित विभिन्न देशों के दूतावासों में उस देश के नागरिकों के अलावा भारतीय नागरिकों को भी विभिन्न कामों के लिए नियुक्त किया जाता है। लेकिन इसकी जानकारी कुछ लोगों तक ही सीमित है।

भूमंडलीकरण के इस दौर में दूतावासों की भूमिका बेहद अहम हो गई है। कुछ साल पहले तक यह दो देशों के बीच सिर्फ राजनयिक संबंध को जोड़ने का काम किया करते थे। लेकिन आज यह विभिन्न देशों के बीच सांस्कृतिक मेलजोल बढ़ाने से लेकर कई दूसरे कामों को भी अंजाम दे रहे हैं। ऐसे में इन दूतावासों में रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं।

भारत स्थित विभिन्न देशों के दूतावासों में उस देश के नागरिकों के अलावा भारतीय नागरिकों को भी विभिन्न कामों के लिए नियुक्त किया जाता है। लेकिन इसकी जानकारी कुछ लोगों तक ही सीमित होने के कारण बहुत सारे अभ्यर्थी अपने देश के विदेशी संस्थानों में रोजगार पाने से वंचित रह जाते हैं। आमतौर पर दूतावासों में विभिन्न पदों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता स्नातक और संबंधित काम में अनुभव है। लेकिन यदि अभ्यर्थी के पास संबंधित देश की भाषा के अलावा कई भाषाओं का ज्ञान है तो उसे प्राथमिकता दी जाती है।

दूतावासों में आमतौर पर लिपिक, पुस्तकालय, तकनीशियन, दुभाषिया, सामाजिक कार्यकर्ता, कला−संस्कृति से जुड़े लोगों और चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के लिए नियुक्तियां की जाती हैं। 

लिपिक वर्गीय कार्य− इस वर्ग में कार्य के लिए नियुक्त उम्मीदवार का स्नातक होने के साथ−साथ टंकण और कम्प्यूटर का ज्ञान होना जरूरी है। इस विभाग में नियुक्त होने वाले अभ्यर्थी को वीजा आदि से जुड़े दूसरे कागजी कामों का दायित्व निभाना पड़ता है।

पुस्तकालय− हर दूतावास में एक पुस्तकालय होता है, जिसमें ज्यादातर उस देश के प्रकाशनों की पुस्तकें होती हैं। पुस्तकालय को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए पुस्तकालय विज्ञान में स्नातक या डिप्लोमाधारी व्यक्तियों की नियुक्ति होती है।

तकनीशियन− दूतावासों में बिजली, पानी, लिफ्ट आदि की व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए कई प्रकार के तकनीशियनों की नियुक्तियां होती है। इसके लिए अभ्यर्थी का संबंधित क्षेत्र में प्रशिक्षण प्राप्त होना आवश्यक होता है।

सामाजिक कार्यकर्ता− सभी दूतावासों में सांस्कृतिक मेल−जोल और समाज सेवा से जुड़े कार्यों का बढ़ावा देने का कार्य होता है। लिहाजा दूतावासों में इस क्षेत्र से जुड़े अभ्यर्थी को नियुक्त किया जाता है। इसके लिए आमतौर पर अभ्यर्थी के अनुभव को प्राथमिकता दी जाती है।

चतुर्थवर्गीय कर्मचारी− दूतावासों में साफ सफाई, पार्क आदि के रखरखाव के लिए चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों की भी नियुक्ति होती है। रिक्तियों के अनुसार समय−समय पर समाचार पत्रों में आवेदन−पत्र आमंत्रित किया जाता है। लेकिन आमतौर पर इसके लिए दूतावास कार्यालय के सूचना पट्ट पर ही नोटिस लगाया जाता है। इच्छुक अभ्यर्थी दूतावासों में व्यक्तिगत रूप से सम्पर्क कर रिक्तियों से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसमें नियुक्त कर्मचारियों को सप्ताह में पांच दिन ही कार्य करना पड़ता है और उन्हें भारत सरकार के निर्धारित मानदंड के अनुसार वेतनमान दिया जाता है। वेतनमान के अतिरिक्त कई प्रकार की सुविधाएं भी मिलती हैं। कार्य कुशलता के आधार पर पदोन्नति भी दी जाती है।

अमित भंडारी

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