छोटी सी आमदनी से शुरू करें यह बिजनेस, कमाएं लाखों

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हर्बल कॉस्मेटिक मैन्युफैक्चरिंग में आप साबुन से लेकर क्रीम, शैम्पू, तेल और न जाने कितनी ही चीजों का निर्माण कर सकते हैं। अपने काम के दौरान आपको कई तरह की जड़ी−बूटियों जैसे चंदन, हल्दी, तुलसी, नीम, एलोवेरा, नारियल तेल, लौंग आदि की आवश्यकता होगी।

पिछले कुछ समय से लोग केमिकल युक्त चीजों का इस्तेमाल करना कम पसंद करते हैं, जिसके कारण हर्बल प्रॉडक्ट्स की मार्केट बढ़ी है। यहां तक कि कई तरह की केमिकल युक्त प्रॉडक्ट बनाने वाली कंपनी भी अपने प्रॉडक्ट्स में हर्बल चीजों को शामिल करने लगी है। यह एक ऐसा बिजनेस है, जिसमें आप कम आमदनी के साथ काम शुरू कर सकते हैं और धीरे−धीरे अपना बिजनेस बढ़ा सकते हैं। तो चलिए जानते हैं कि इस क्षेत्र में कैसे रखें अपना पहला कदम−

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कोर्स

अगर आप इस क्षेत्र में कदम रखना चाहते हैं तो पहले आपको हर्बल कॉस्मेटिक मैन्युफैक्चरिंग का प्रशिक्षण हासिल करना होगा। यूं तो कई संस्थान हर्बल कॉस्मेटिक मैन्युफैक्चरिंग का प्रशिक्षण देते हैं। लेकिन आप मानव संसाधन विकास मंत्रालय और लघु उदयोग मंत्रालय द्वारा खोले गए प्रशिक्षण संस्थान में निःशुल्क प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। यह प्रशिक्षण लगभग एक माह का होता है और इसे आयु, योग्यता की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है। अर्थात अगर आप अशिक्षित या अधिक उम्र के भी हैं और अपने पैरों पर खड़े होना चाहते हैं तो निःशुल्क प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं।

लागत व सामान

यह एक ऐसा स्वरोजगार है, जिसमें आप कम लागत में भी काम शुरू कर सकते हैं। शुरूआती दौर में आप पचास हजार से एक लाख रूपयों से काम शुरू कर सकते हैं। अगर आपके पास मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं है तो आप सरकार द्वारा ऋण भी प्राप्त कर सकते हैं। हर्बल कॉस्मेटिक मैन्युफैक्चरिंग में आप साबुन से लेकर क्रीम, शैम्पू, तेल और न जाने कितनी ही चीजों का निर्माण कर सकते हैं। अपने काम के दौरान आपको कई तरह की जड़ी−बूटियों जैसे चंदन, हल्दी, तुलसी, नीम, एलोवेरा, नारियल तेल, लौंग आदि की आवश्यकता होगी। साथ ही कच्चे माल के अतिरिक्त जरूरी बर्तन, गरम करने के लिए गैस और एक कमरे की जरूरत भी आपको पड़ेगी।

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सफलता का सूत्र

अगर आप अपने बिजनेस को सफलता की बुलंदियों पर पहुंचाना चाहते हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। सबसे पहले तो शुरूआत में बहुत अधिक पैसा खर्च न करें, बल्कि सभी जरूरी चीजों को पहले खरीदें। इसके अतिरिक्त सामान की क्वालिटी के साथ कभी समझौता न करें क्योंकि अंत में आपका प्रॉडक्ट ही आपको एक पहचान और पैसा दिलाएगा। बेहतर क्वालिटी के प्रॉडक्ट बनाने के साथ उसकी पैकेजिंग पर भी उतना ही ध्यान देना जरूरी है। आपने सुना भी होगा कि जो दिखता है, वही बिकता है। इसलिए अगर पैकेजिंग खास नहीं होगी तो माल बिकना उतना आसान नहीं होगा। और अंत में, पढ़ने में भले ही यह स्वरोजगार आसान लगे लेकिन इस क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए कठिन परिश्रम, धैर्य और काम के प्रति डेडीकेशन होना बेहद जरूरी है। अगर आपमें यह गुण है तो आप इस क्षेत्र में अपना भविष्य अवश्य चमका सकते हैं।

प्रमुख संस्थान

खादी एंड विलेज इंडस्ट्रीज कमीशन, गांधी आश्रम, राजघाट, नई दिल्ली।

खादी एंड विलेज इंडस्ट्रीज कमीशन, कनाट प्लेस।

डॉ. बी. आर. अंबेडकर इंस्टीटयूट ऑफ रूरल टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, खादी एवं विलेज इंडस्ट्रीज कमीशन, त्रियंबक विद्या मंदिर, नासिक।

डॉ. जेसी कुमारप्पा इंस्टीटयूट ऑफ रूरल टेक्नोलॉजी एंड डेवलपमेंट, गांधी निकेतन आश्रम, काली पट्टी, मदुरै, तमिलनाडु।

मल्टी डिसिप्लिनरी ट्रेनिंग सेंटर, दूरवानी नगर, बेंगलुरू, कर्नाटक।

वरूण क्वात्रा

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