दूध से महंगा हुआ पानी, बनाएं जल प्रबंधन में कॅरियर

अमित भंडारी । Jan 18 2017 1:57PM

जल प्रबंधन का मतलब है पानी का संचयन। इसमें सामान्य पानी, मीठा पानी, भारी पानी, खारा पानी, नदी, नाले, पोखर और तालाब के पानी की सुरक्षा संरक्षण शामिल है।

दुनिया के लगभग हर महानगर में पानी दूध से महंगा बिक रहा है। यही वजह है कि मंगल और दूसरे ग्रहों पर पानी खोजने की कोशिशें जारी हैं। साथ ही आशंका जतायी जा रही है कि अगला विश्व युद्ध पानी को लेकर हो सकता है। बुद्धिजीवियों द्वारा की गई इस तरह की भविष्यवाणी के गहरे निहितार्थ होते हैं। आने वाले समय में मनुष्य के लिए सबसे बड़ी चुनौती पानी की होगी। कर्नाटक, तमिलनाडु, हरियाणा, दिल्ली, उड़ीसा, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में पानी को लेकर लम्बे समय से तनातनी चल रही है। पानी की गहराती समस्या से निपटने के लिए देश की नदियों को आपस में जोड़ने की बात सरकार बड़ी गंभीरता से कर रही है। जल ही जीवन है, इसलिए इसके एक−एक बूंद की सुरक्षा के उपाय खोजे जा रहे हैं। इन चुनौतियों ने जन्म दिया है एक नए रोजगार जल प्रबंधन का।

जल प्रबंधन का मतलब है पानी का संचयन। इसमें सामान्य पानी, मीठा पानी, भारी पानी, खारा पानी, नदी, नाले, पोखर और तालाब के पानी की सुरक्षा संरक्षण शामिल है। ताकि मानव, पशु−पक्षियों और कल कारखानों के साथ−साथ सिंचाई आदि में पानी का इस्तेमाल किया जा सके। जल प्रबंधन के तहत कल कारखानों और प्रदूषित नदियों के पानी को पीने योग्य बनाने या फिर दोबारा उपयोग में लाने की बात के अलावा राजस्थान जैसे सूखाग्रस्त और रेतीले क्षेत्र में पानी की खोज और प्रबंधन, पानी के संग्रह या वर्षा जल के संचयन के लिए बड़े−बड़े हौज और टैंकों का निर्माण, जल संभरण तकनीकविदों की जिम्मेदारी में शामिल है। अब तो नदियों को आपस में जोड़ने की बात की जा रही है। बांध बनाए जा रहे हैं। हाइड्रोकोलिक वाटर का इस्तेमाल बढ़ रहा है और इसके साथ बढ़ रहा है जल प्रबंधन। इस प्रकार जल प्रबंधकों की मांगें बढ़ रही हैं।

अगर आपने 12वीं की परीक्षा भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित के साथ पास की है तो जल प्रबंधन के क्षेत्र में कॅरियर बना सकते हैं। बीएससी के बाद जलस्रोत से जुड़े पाठ्यक्रमों में दाखिला लिया जा सकता है। चयन लिखित परीक्षा के आधार पर होता है। दो वर्षीय एमटेक डिग्री के बाद भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, केन्द्रीय जल विभाग, सिंचाई विभाग, मौसम विभाग, पर्यावरण विभाग, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फ्रेश वाटर आदि संस्थानों में बतौर वैज्ञानिक नौकरी मिल जाती है। इसके अलावा जल प्रबंधन के क्षेत्र में काम कर रही स्वयंसेवी संस्थाओं और विश्वविद्यालयों, अनुसंधान शालाओं आदि में भी रोजगार उपलब्ध हैं। जल प्रबंधन का पाठ्यक्रम इन विश्वविद्यालयों में उपलब्ध है−

− रूड़की विश्वविद्यालय, रूड़की।

− एमबीएम, इंजीनियरिंग कॉलेज, जोधपुर।

− रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज, कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग अन्ना विश्वविद्यालय, चेन्नई।

− तमिलनाडु एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, कोयम्बटूर।

अमित भंडारी

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