जनता को मिली साफ-सुथरी छवि वाली निर्णायक सरकार

अरुण जेटली (PTI) । May 30 2016 4:24PM

यह सरकार एक विशेष तरह के माहौल में बनी थी। संप्रग सरकार ने नीतियां बनाने का काम ही छोड़ दिया था। वह नीतिगत पंगुता के दौर की तरह था।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजग सरकार ने अपने दो वर्ष का कार्यकाल पूरा किया। अपने सम्पूर्ण कार्यकाल के मध्य तक पहुंचने वाली किसी भी सरकार के लिए यह सामान्य बात है कि वह अपने भविष्य की रूपरेखा को और मजबूती प्रदान करे। मोदी सरकार के लिए पहले दो वर्ष स्लॉग ओवर की तरह थे जहां उसे तेजी से काम करना था। यह सरकार एक विशेष तरह के माहौल में बनी थी। संप्रग सरकार ने नीतियां बनाने का काम ही छोड़ दिया था। वह नीतिगत पंगुता के दौर की तरह था। वैश्विक और घरेलू निवेशक दोनों का भारत से पर विश्वास उठने लगा था। भारत उनके रडार से बाहर हो चुका था। घोटालों और अनैतिक कार्यों से सरकार की विश्वसनीयता बुरी तरह प्रभावित हो गई थी।

प्रधानमंत्री का कार्यालय किसी भी मामले में अंतिम निर्णय करने वाला नहीं रह गया था। वर्ष 2014 के आम चुनाव के नतीजे आशा के अनुरूप ही थे। लोकसभा में निर्णायक बहुमत मिलने से नई सरकार के लिए फैसले लेना आसान हो गया। प्रधानमंत्री स्वभावत: निर्णायक व्यक्तित्व के हैं। ऐसे में प्रशासन चलाने का तरीका बदल गया। प्रधानमंत्री मोदी और उनकी टीम ने देश में बदली हुई राजनीतिक और प्रशासनिक संस्कृति की शुरूआत की और यह दिखा दिया कि देश के केंद्र में एक साफ सुथरी सरकार बन सकती है जहां फाइलें स्वत: आगे बढ़ीं, बिचौलिये बेरोजगार हो गये, विवेकाधिकार खत्म कर दिये गए। इन दो वर्षों के कार्यकाल में भारत नीतिगत पंगुता के दौर से उबर कर तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में तब्दील हो गया। संघीय प्रणाली को इतना सम्मान दिया गया जितना उसे पहले कभी नहीं मिला।

प्रधानमंत्री ने अपनी मजबूत पकड़ के साथ देश को एक ऐसी सरकार दी जो पहले की सरकारों से भिन्न थी। भारत को निवेश की जरूरत थी। निवेश सभी आर्थिक गतिविधियों का शुरूआती बिन्दु है। संप्रग सरकार के दौरान बैंकों और निजी क्षेत्रों ने अपने दायरे से बाहर जाकर काम किया। इसलिए पिछले दो वर्षों में अधिकतर निवेश बढ़े हुए सार्वजनिक खर्च या प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के तौर पर आया। निवेश मुख्यत: भारत के ढांचागत, ग्रामीण और सामाजिक क्षेत्रों में किया गया। राजमार्ग क्षेत्र फिर से फलने फूलने लगा। देश के ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों के लिए इस वर्ष पहले के मुकाबले तीन गुना अधिक राशि खर्च की गई। 25 नये क्षेत्रीय हवाई अड्डे तैयार किये जायेंगे। रेलवे को मजबूत किया जा रहा है। 400 प्रमुख स्टेशनों को आधुनिकतम बनाकर भारतीय रेलवे का कायाकल्प किया जायेगा। देश की छवि निखर जायेगी। देश को जितनी बिजली की जरूरत है उससे अधिक उसके पास उपलब्ध है। अतिरिक्त निवेश कर बंदरगाहों की क्षमता बढ़ाई जा रही है। तेल एवं गैस क्षेत्र में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाये गए हैं। ग्रामीण क्षेत्र में हालात सुधारने के लिए बिना बिजली वाले गांवों का विद्युतीकरण, ग्रामीण क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाने, ग्रामीण जल मल निकासी व्यवस्था, सबके लिए आवास, सिंचाई में अधिक निवेश, रोजगार गारंटी योजना के लिए धनराशि, ब्याज के जाल से किसानों को निकालने के लिये उनको रियायती दरों पर पूंजी की उपलब्धता जैसी योजनाएं शुरू की गईं। सामाजिक क्षेत्र में युगांतकारी योजनाएं लागू की गईं। प्रधानमंत्री जनधन योजना विश्व में अब तक की सर्वाधिक व्यापक वित्तीय समायोजन की योजना है। आज हर भारतीय को बैंक में अपना खाता खोलने की सुविधा है। सब्सिडी को इस तरह तर्कसंगत बनाया गया है कि गरीबों और जरूरतमंदों को इसका लाभ मिल सके। प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना से ऐसा बहुत सा पैसा बच रहा है जो अब तक उन लोगों को जा रहा था जो इसके हकदार नहीं थे, अब यह पैसा उन लोगों के पास पहुंच रहा है जो इसके हकदार हैं। सरकार ने व्यापक सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए रियायती बीमा योजना, रोजगारपरक मुद्रा योजना, महत्वपूर्ण फसल बीमा योजना और समाज के कमजोर तबके के लिए प्रस्तावित स्वास्थ्य बीमा योजना जैसी अनेक योजनायें शुरू की हैं।

इतिहास में पहली बार कोयला, खनिज, स्पेक्ट्रम आदि केवल आनलॉइन नीलामी के जरिये उपलब्ध हो रहे हैं। खनन क्षेत्र को निवेश के लिए खोला गया है। बिना भेदभाव के आवंटन प्रणाली पहले की घोटाला संस्कृति से पूरी तरह से भिन्न है। भारत में कराधान को बहुत आक्रामक माना जाता है। आज 94 प्रतिशत करदाता अपने रिटर्न ऑनलाइन फाइल करते हैं। सभी करदाताओं को अपने रिफंड की राशि घर बैठे ही डिजिटलीकृत प्रणाली से मिल जाती है और केवल एक प्रतिशत लोगों को ही व्यक्तिगत तौर पर अपने कर आकलन विभाग से सम्पर्क करना पड़ता है। प्रत्यक्ष करों को तर्कसंगत बनाया जा रहा है ताकि निर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के साथ ही निवेश को बढ़ाया जा सके। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने जाने के बाद यह आजादी के बाद अब तक के सबसे बड़े कर सुधारों में शामिल होगा। यह देशभर में वस्तु एवं सेवाओं का निर्बाध अंतरण सुनिश्चित करेगा। इससे कर चोरी रुकेगी, अधिक कर एकत्र हो सकेगा और जीडीपी बढ़ेगी। बैंकिंग क्षेत्र में काफी विस्तार हुआ है। छोटे बैंकों और पेमेंट बैंकों ने उपभोक्ताओं के लिए अधिक विकल्प पेश किये हैं। ऐसे बैंकों के लिए आसानी से लाइसेंस मिल जाता है। दिवाला और रिण शोधन अक्षमता कानून, सरफेसी कानून और ऋण उगाही पंचाट को मजबूत कर बैंकों को अपनी बकाया धनराशि वसूलने में काफी सहूलियत होगी। 14वें वित्त आयोग ने केंद्रीय पूल में राज्यों की हिस्सेदारी 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दी है, इससे राज्य विकास पर अधिक धनराशि खर्च कर सकेंगे। पिछले दो वर्षों में राजग ने देशभर में अपना जनाधार बढ़ाया है।

लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड, जम्मू कश्मीर और असम में विधानसभा चुनाव जीतकर राजग ने अपनी सरकार बनाई है। इस अवधि में हमें दिल्ली और बिहार में हार का सामना भी करना पड़ा। 2014 के बाद अब तक जितने भी राज्यों में चुनाव हुए उन सब में कांग्रेस को पराजय मिली। आज देश के 15 राज्यों में राजग की सरकार है और इसका जनाधार बढ़ा है। अगले एक वर्ष में सरकार बहुत से महत्वपूर्ण विधेयक लायेगी और अनेक नीति निर्धारक कदम उठाये जायेंगे। हमारा प्रयास होगा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से विकास करे। हमने दुनिया को दिखा दिया है कि हम एक अलग तरह की सरकार हैं और हम प्रगति की दिशा में आगे बढ़ते रहेंगे।

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