'पाताल' में बने Iran के Fordow Nuclear संयंत्र को उड़ाने की क्षमता रखता है US का Bunker Buster Bomb

यह भी बताया जा रहा है कि MOP तक पहुँच नहीं होने के कारण, इज़राइल ने फोर्डो को अप्रत्यक्ष रूप से निष्क्रिय करने के लिए वैकल्पिक योजनाएँ बनाई हैं। बताया जा रहा है कि इज़राइली बल फोर्डो को बिजली देने वाले जनरेटर या ट्रांसमिशन साइट्स को निशाना बना सकते हैं।
ईरान और इज़राइल के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। इस दौरान सबका ध्यान इस इस्लामी गणराज्य के फोर्डो परमाणु केंद्र की ओर लग गया है जोकि एक पहाड़ के भीतर गहराई में बताया जाता है। ईरान के परमाणु कार्यक्रम का महत्वपूर्ण हिस्सा माने जाने वाला यह केंद्र विशेष रूप से डिजाइन किया गया है ताकि इसे किसी भी प्रकार के हमलों से बचाया जा सके। बड़े से बड़ा बम और मिसाइल हमला इसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। इसे नष्ट करने का मतलब है ईरान की परमाणु हथियार बनाने की क्षमता को पूरी तरह खत्म करना। ईरान जहां एक ओर अपने इस केंद्र की सुरक्षा के प्रति आश्वस्त है तो वहीं अमेरिका को इस केंद्र को उड़ाने की अपनी ताकत पर पूरा भरोसा है। हम आपको बता दें कि पूरी दुनिया में सिर्फ अमेरिका के पास ऐसा हथियार है जो उस पहाड़ को भेद सकता है। इसे बंकर बस्टर बम कहा जाता है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक ‘बंकर-बस्टर’ बम को आधिकारिक रूप से मैसिव ऑर्डनेंस पेनिट्रेटर (MOP) कहा जाता है। हम आपको बता दें कि 30,000 पाउंड के वजन वाला यह बम इंजीनियरिंग की एक अद्भुत उपलब्धि है, जिसे विशेष रूप से गहराई में छिपे और किलेबंद लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। आमतौर पर इसे “बंकर-बस्टर” कहा जाता है। इसका विकास तब हुआ जब खुफिया एजेंसियों को यह पता चला कि ईरान और उत्तर कोरिया जैसे विरोधी देश अपनी परमाणु सुविधाओं को हवाई हमलों से बचाने के लिए उसे ज़मीन के नीचे ले जा रहे हैं।
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मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि आकार और संरचना के मुताबिक यह बम 20 फीट लंबा और 30,000 पाउंड वजनी होता है। इसमें बड़ा विस्फोटक नहीं बल्कि मज़बूत स्टील की परत होती है, जिससे यह ज़मीन, कंक्रीट और चट्टानों की कई परतों को भेदते हुए लक्ष्य तक पहुँच सकता है और फिर विस्फोट करता है। बताया जाता है कि इसकी भारी मात्रा और आकार के कारण केवल B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर ही इस बम को ले जा सकता है और गिरा सकता है। हम आपको बता दें कि यह स्टील्थ बॉम्बर दुनिया में सिर्फ अमेरिका के पास है।
ईरान से सीधे भिड़ रहे इजराइल को भरोसा है कि जरूरत पड़ने पर अमेरिका अपने इस अचूक हथियार का प्रयोग जरूर करेगा क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने एक रिपोर्ट में कहा था कि फोर्डो केंद्र में ईरान परमाणु हथियार बनाने की 90% सीमा के बेहद करीब पहुँच गया है। वैसे इज़राइल के पास उन्नत लड़ाकू विमान और खुफिया क्षमताएँ हैं जिनका इस्तेमाल वह ईरान को नुकसान पहुँचाने में कर रहा है और आगे और भी कर सकता है लेकिन उसके पास न तो मैसिव ऑर्डनेंस पेनिट्रेटर यानि MOP है और न ही वह विमान है जिससे इसे गिराया जा सके। हम आपको यह भी बता दें कि अमेरिका ने अब तक यह बम इज़राइल को देने से इंकार किया है, क्योंकि इससे क्षेत्रीय युद्ध भड़क सकता है। अमेरिका इस बम को अब तक मात्र एक निवारक हथियार के रूप में इस्तेमाल करता है और ईरान को यह संकेत देता है कि उसकी भूमिगत सुविधाएँ पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं।
यह भी बताया जा रहा है कि MOP तक पहुँच नहीं होने के कारण, इज़राइल ने फोर्डो को अप्रत्यक्ष रूप से निष्क्रिय करने के लिए वैकल्पिक योजनाएँ बनाई हैं। बताया जा रहा है कि इज़राइली बल फोर्डो को बिजली देने वाले जनरेटर या ट्रांसमिशन साइट्स को निशाना बना सकते हैं, जिससे इसकी गतिविधियाँ बाधित हो सकती हैं, भले ही मुख्य सुविधा बनी रहे। इसके अलावा, इज़राइली कमांडो फोर्डो में घुसपैठ कर उसमें तोड़फोड़ कर सकते हैं। हम आपको बता दें कि यह रणनीति इज़राइल पहले भी इस्तेमाल कर चुका है, जैसे सीरिया में हिज़्बुल्ला के मिसाइल कारखाने को नष्ट किया गया था। इसके अलावा इजराइल के पास एक और विकल्प है कि फोर्डो का प्रवेश द्वार और सुरंगों को नष्ट कर दिया जाये ताकि इस केंद्र तक पहुँचना असंभव हो जाए।
हम आपको बता दें कि फोर्डो, ईरान की दूसरी परमाणु संवर्धन सुविधा केंद्र नतांज़ से छोटा है और ईरान की राजधानी तेहरान से लगभग 95 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में क़ोम शहर के पास एक पहाड़ के भीतर स्थित है। इसका निर्माण 2006 में शुरू हुआ था और यह 2009 में चालू हुआ था। उसी साल ईरान ने इसकी मौजूदगी को सार्वजनिक किया था। बताया जाता है कि फोर्डो लगभग 80 मीटर (260 फीट) गहराई में चट्टान और मिट्टी के नीचे बसा हुआ है और इसे ईरान और रूस द्वारा आपूर्ति किए गए सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल सिस्टम से भी सुरक्षा प्राप्त है। हालांकि, हालिया इज़राइली हवाई हमलों में इन वायु रक्षा प्रणालियों के प्रभावित होने की संभावना जताई गई है।
बहरहाल, इस कड़ी सुरक्षा के बावजूद, इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि ईरान के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों को नष्ट करना उनकी रणनीति का मुख्य उद्देश्य है। इज़राइली अधिकारियों के अनुसार, फोर्डो इस व्यापक रणनीति में एक प्रमुख लक्ष्य बना हुआ है।
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