बिहार में जीत के लिए कांग्रेस फिर से काठ की हांडी के भरोसे

राहुल गांधी ने लिखा कि भाजपा और उसके सहयोगियों ने महाराष्ट्र में चुनाव जीतने के लिए 5 स्टेप की प्लानिंग की थी। कांग्रेस नेता ने यह कहा कि महाराष्ट्र की तरह की मैच फिक्सिंग अगली बार बिहार में होगी, फिर किसी भी राज्य में जहां भाजपा हारती दिख रही हो।
लगातार तीसरी बार लोकसभा चुनाव और कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हारने से भी कांगे्रस ने कोई सबक नहीं सीखा है। देश में भ्रष्ष्टाचार और विकास के मुद्दे उठाने के बजाए पुराने गढ़े मुर्दे उखाड़ कर अपना खोया हुआ जनाधार फिर से प्राप्त करने की नाकाम कोशिशों में जुटी हुई है। देश की सबसे पुरानी पार्टी को देश के मतदाताओं की नब्ज पकड़ में नहीं आई है। इतने चुनाव हारने के बाद भी कांग्रेस को यह समझ नहीं आया है कि आखिर देश के मतदाता चाहते क्या हैं। मतदाताओं की जरूरतों को समझने के बजाए कांग्रेस सत्ता प्राप्ति के लिए काठ की हांडी को बार-बार चढ़ाने के प्रयास में मात खा रही है। महारष्ट्र विधानसभा चुनाव में धांधली के आरोपों से यही लगता है कि कांग्रेस के पास मुद्दों की या समझ की कमी हो गई है।
कांग्रेस महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में फर्जीवाड़े का आरोप लगा रही है। आश्चर्य यह है कि यही कांग्रेस जब कर्नाटक, हिमाचल और तेलंगाना में चुनाव जीती तब निर्वाचन प्रक्रिया पर ऐसे आरोप नहीं लगाए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर फिर एक बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने 5 स्टेप में महाराष्ट्र चुनाव में फिक्सिंग की बात कही है। चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों पर जवाब देते हुए उनके सभी दावों को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने एक अग्रेजी अखबार में लिखे अपने लेख के जरिए भाजपा पर आरोप लगाया कि महाराष्ट्र चुनावों में मैच फिक्सिंग की गई और अब कुछ ऐसा ही बिहार में दोहराया जाएगा। राहुल गांधी ने अपने इस लेख को सोशल मीडिया पर शेयर किया।
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राहुल गांधी ने लिखा कि भाजपा और उसके सहयोगियों ने महाराष्ट्र में चुनाव जीतने के लिए 5 स्टेप की प्लानिंग की थी। कांग्रेस नेता ने यह कहा कि महाराष्ट्र की तरह की मैच फिक्सिंग अगली बार बिहार में होगी, फिर किसी भी राज्य में जहां भाजपा हारती दिख रही हो। राहुल गांधी के इस आरोप पर भाजपा के साथ-साथ जदयू, हम सहित अन्य दलों ने भी कड़ी आपत्ति जताते हुए प्रतिक्रिया दी। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राहुल गांधी द्वारा 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लोकतंत्र में धांधली करने का ब्लूप्रिंट करार दिये जाने पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस नेता कई चुनाव में हार से दुखी और हताश है और इसलिए विचित्र साजिशें रचने का आरोप लगा रहे हैं।
भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा कि ऐसा नहीं है कि राहुल गांधी को यह नहीं पता कि चुनावी प्रक्रिया कैसे काम करती है। उन्हें बहुत अच्छे से पता है। लेकिन उनका मकसद स्पष्टता नहीं, बल्कि अराजकता फैलाना है। जेडीयू नेता के सी त्यागी ने कहा कि चुनाव आयोग का जितना दुरुपयोग कांग्रेस ने अपने जमाने में किया है उतना किसी ने नहीं किया। मुख्य चुनाव आयुक्त एम एस गिल को सांसद बनाया और मंत्री बनाया। कांग्रेस पार्टी की जो नीतियां रही हैं पिछड़ों और वंचितों को लेकर उसके चलते उनके वोटो पर पहले ही चोरी नहीं बल्कि डाका पड़ चुका है। त्यागी ने कहा कि बिहार चुनाव से पहले ही राहुल गांधी हार मान चुके हैं। चुनाव आयोग ने अपने जवाब में राहुल गांधी के दावों को निराधार बताया। निर्वाचन आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों पर लंबा जवाब दिया है। चुनाव आयोग ने कहा कि चुनाव के फैसले पक्ष में नहीं आने के बाद ऐसे आरोप लगाना बेतुके हैं। 24 दिसंबर 2024 को ही कांग्रेस को भेजे अपने जवाब में ये सभी तथ्य सामने रखे थे, जो चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। ऐसा लगता है कि बार-बार ऐसे मुद्दे उठाते हुए इन सभी तथ्यों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है। चुनाव आयोग ने यह भी लिखा कि किसी के द्वारा प्रसारित कोई भी गलत सूचना चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त हजारों प्रतिनिधियों की बदनामी तथा चुनाव कर्मचारियों का मनोबल तोडऩे वाला होता है, जो इस बड़ी कवायद के लिए अथक परिश्रम करते हैं। आयोग ने कहा कि महाराष्ट्र की मतदाता सूची को लेकर लगाए गए निराधार आरोप कानून के शासन का अनादर है।
चुनाव आयोग ने यह भी लिखा कि महाराष्ट्र में सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक कऱीब 6.41 करोड़ मतदाताओं ने वोट दिया। अर्थात हर घंटे औसतन 58 लाख वोट पड़े। इस लिहाज़ से आखिरी दो घंटों में 116 लाख वोट पड़ सकते थे। जबकि आखऱिी दो घंटों में केवल 65 लाख वोट पड़े जो औसत से काफ़ी कम था। आयोग ने तब कहा था कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2024 से पहले कांग्रेस या किसी अन्य राजनीतिक दल की ओर से कोई शिकायत नहीं थी। गौरतलब है कि इससे पहले कांग्रेस ईवीएम मशीनों से वोटिंग के बजाए बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग कर चुकी है। कांग्रेस का आरोप था कि ईवीएम मशीनों में हेराफेरी की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2024 में कई याचिकाओं को खारिज कर दिया था। इन याचिकाओं में चुनाव के दौरान सभी ईवीएम के जरिए डाले गए वोटों का मिलान वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल स्लिप से करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। याचिकाओं को खारिज करते हुए सीजेआई खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने बैलेट पेपर सिस्टम पर वापस लौटने की याचिकाकर्ताओं की मांग को कमजोर, प्रतिगामी और अनुचित बताया था। बेंच ने फैसला सुनाया था कि ईवीएम सरल, सुरक्षित और उपयोगकर्ता के अनुकूल हैं। चुनाव हो जाने के करीब एक साल बाद महाराष्ट्र में चुनावी धांधलियों का आरोप लगाने पर यही माना जाएगा कि कांग्रेस गफलत में हैं। यदि चुनावों में गड़बड़ी की शिकायतें हैं भी तो इन्हें अदालतों में चुनौती दी जा सकती है। कांग्रेस को शायद अंदाजा है कि अदालतों में उसके लगाए आरोप टिक नहीं पाएंगे। सवाल यह भी है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बेईमानी का मुद्दा उठाने वाली कांग्रेस कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में जीतने के बाद चुप क्यों रही। कांग्रेस ने इन तीनों राज्यों में फिर से मतदान कराने या चुनाव आयोग पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप क्यों नहीं लगाया। कांग्रेस मौजूद ज्चलंत मुद्दों पर शायद भाजपा का सामना नहीं कर सके, यही वजह है कि ऐसे पुराने घिसे-पिटे मुद्दे उठा कर बिहार चुनाव जीतने की कवायद में जुटी हुई है।
- योगेन्द्र योगी
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