राहुल गांधी को अब हल्के में लेने की भूल नहीं करे भाजपा

Do not forget to take Rahul Gandhi lightly now
मनोज झा । Sep 16 2017 10:43AM

कांग्रेस मुक्त भारत का सपना देख रहे बीजेपी के लोगों को अब राहुल को गंभीरता से लेना होगा...राहुल लोकप्रियता में भले मोदी के आगे ना टिकें लेकिन जिन मुद्दों को वो उठा रहे हैं उससे उन्हें जनता की सहानुभूति तो मिल ही रही है।

पिछले दिनों अमेरिका की बर्कले यूनिवर्सिटी में राहुल गांधी के भाषण का उनके विरोधी जो भी मतलब निकालें लेकिन जिस अंदाज में उन्होंने छात्रों के सामने अपनी बात रखी उससे ये साफ हो गया कि अब कोई उन्हें हल्के में लेने की भूल ना करे खासकर बीजेपी। ट्विटर पर भले ही कुछ लोगों ने राहुल के भाषण का मजाक उड़ाया हो लेकिन राहुल ने जिस तरह हर मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी उससे साफ हो गया कि अब उन्होंने कांग्रेस को नई दिशा देने के लिए कमर कस ली है।

बतौर पत्रकार मैंने राहुल के भाषण को करीब से देखा और सुना है...कई मौकों पर मुझे खुद लगा कि वो अपनी बात सही तरीके से नहीं रख पा रहे...लेकिन इस बार अमेरिका में वो जिस आत्मविश्वास के साथ बोल रहे थे उसे देखकर मैं भी हैरान रह गया। बीजेपी ने राहुल के भाषण को भले ही विदेशी धरती पर भारत का अपमान बता दिया हो लेकिन देश की जनता सब समझती है। 

जब प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और लंदन में जाकर देश की दुर्दशा के लिए कांग्रेस के 60 साल के शासन को जिम्मेदार ठहरा रहे थे तो बीजेपी को कोई दोष नजर नहीं आया। सवाल उठता है कि आखिर राहुल ने भारत के बारे में ऐसा क्या कह दिया जिसे अमेरिका में बैठे लोग नहीं जानते? चलिए इस बहस को बीच में छोड़कर हम राहुल के भाषण की बात करते हैं।

राहुल ने अपने भाषण में मॉब लिंचिंग, बेरोजगारी और नोटबंदी को लेकर मोदी सरकार को जिस अंदाज में कठघरे में खड़ा किया उससे बीजेपी की बौखलाहट सामने आ गई। लेकिन मुझे राहुल के भाषण में सबसे अच्छी बात तब लगी जब उन्होंने अपनी पार्टी की हार को लेकर बात की। राहुल ने माना कि कांग्रेस अहंकारी हो गई थी, लोगों से संवाद बंद हो गया था जिसके कारण जनता ने हमसे दूरी बना ली। 

राहुल जब स्टेज से अमेरिका में छात्रों के सवालों का जवाब दे रहे थे तो उनमें किसी तरह की झिझक नहीं देखी वो पूरी बेबाकी से सवालों का जवाब देते रहे। राहुल ने यहां तक कहा कि वो 2019 में लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बनने को तैयार हैं।

राहुल ने अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ भी की। राहुल ने प्रधानमंत्री को एक अच्छा वक्ता बताया साथ में ये भी कहा कि वो अच्छे कम्युनिकेटर हैं। और तो और वो यहां तक बोल गए कि मोदी उनसे भी अच्छे वक्ता हैं। कांग्रेस मुक्त भारत का सपना देख रहे बीजेपी के लोगों को अब राहुल को गंभीरता से लेना होगा...राहुल लोकप्रियता में भले ही मोदी के आगे कहीं ना टिकें लेकिन जिन मुद्दों को वो उठा रहे हैं उससे उन्हें जनता की सहानुभूति तो मिल ही रही है। 

पहले गुजरात राज्यसभा चुनाव में अहमद पटेल की जीत और फिर दिल्ली छात्रसंघ चुनाव में एनएसयूआई की धमाकेदार वापसी ने मुरझाई कांग्रेस में जान फूंक दी है। लोकतंत्र में विपक्ष का मजबूत होना अच्छा माना जाता है और अगर राहुल कांग्रेस को फिर से पटरी में लाने पर कामयाब हो जाते हैं तो ये उनकी बड़ी जीत होगी।

मनोज झा

(लेखक एक टीवी चैनल में वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

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