आतंकवादी बनने का क्रेज कश्मीर में सिर चढ़ कर बोल रहा है

The craze to become a terrorist is climbing in Kashmir

आतंकी बनने का क्रेज कश्मीर में सिर चढ़ कर बोल रहा है। पढ़े लिखे शिक्षित युवकों का आतंकी गुटों में प्रवेश थम नहीं रहा है। चिंता का विषय अब यह है कि सेना के जवान भी आतंकियों के साथ मिल कर बंदूक थाम रहे हैं।

आतंकी बनने का क्रेज कश्मीर में सिर चढ़ कर बोल रहा है। पढ़े लिखे शिक्षित युवकों का आतंकी गुटों में प्रवेश थम नहीं रहा है। चिंता का विषय अब यह है कि सेना के जवान भी आतंकियों के साथ मिल कर बंदूक थाम रहे हैं तो अन्य राज्यों के युवक भी कश्मीर में आकर आतंकवाद की राह पर चलने लगे हैं। इस साल भी बीसियों पढ़े लिखे युवकों ने आतंकवाद का हाथ थामा है। एक युवक तो आसाम का रहने वाला भी है। यही नहीं हैरान कर देने वाला वाकया उस सैनिक द्वारा आतंकियों के साथ मिलकर बंदूक उठाने का भी है जिसने अपनी पोस्टिंग से नाराज होकर आतंकवाद की राह को थाम लिया। इस घटना के चार दिन बाद ही एक और ऐसे युवक ने आतंकवाद की राह थाम ली जिसने हाल ही में एनडीए की परीक्षा पास की थी।

दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में दो सप्ताह पहले सुरक्षा बलों द्वारा 12 आतंकियों को मार गिराए जाने के बाद जिले का एक और इंजीनियरिंग स्नातक युवक आतंकवादी बन गया है। यह युवक है आबिद नजीर जिसने पंजाब में इंजीनियरिंग कॉलेज से बी-टेक डिग्री प्राप्त की है। गत 1 अप्रैल को मारे गए 12 आतंकियों में से तीन आतंकी इसी गांव के थे। आबिद ने भारतीय प्रमुख रक्षा कॉलेज राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) की लिखित परीक्षा में भी योग्यता प्राप्त की थी।

आबिद की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। उसने आतंकियों में शामिल होने की घोषणा एके 47 राइफल के साथ पोज देकर की। आजकल आतंकी संगठनों में शामिल होने के लिए युवकों द्वारा इसी तरीके का इस्तेमाल किया जा रहा है। तस्वीर के अनुसार आबिद का उर्फ नाम अबु बकर भाई है। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि युवक कुछ दिनों पहले उसके घर से लापता हो गया था। आतंकवाद में शामिल होने वाला वह एकमात्र युवक नहीं है। इस महीने शोपियां से एक सैनिक सहित दक्षिण कश्मीर में कई और युवकों ने बंदूक उठा ली है।

कश्मीर घाटी में पिछले एक साल से आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच बढ़ती मुठभेड़ों से आतंकवाद बढ़ने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। इसी क्रम में दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले से दो और युवक आतंकियों में शामिल हो गए हैं। आतंकी बने दोनों युवकों की तस्वीरें सोशल नेटवर्किंग साइटों पर वायरल हो गई हैं। सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में एक युवक की पहचान समीर अहम शेख पुत्र गुलाम मोहम्मद शेख निवासी रावलपुरा शोपियां के रूप में हुई है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार समीर जैश-ए-मोहम्मद संगठन में शामिल हो गया है। 

इलाके के लोगों का कहना है कि वह काफी दिनों से लापता था और उसके परिजन तब से तलाश कर रहे हैं। आज समीर की तस्वीर बंदूक के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो गई जिसमें उसने दावा किया है कि वह आतंकियों में शामिल हो गया है। इस दौरान आतंकी बने एक अन्य युवक की पहचान शह जहान मीर पुत्र अब्दुल मजीद मीर निवासी अमशीपीरा शोपियां के रूप में हुई है। शह जहान की तस्वीर सोशल मीडिया पर एके 47 राइफल के साथ वायरल हो गई है। 

याद रहे कि वर्ष 2016 में हिजबुल के पोस्टर बॉय बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से आतंकवाद में वृद्धि देखने को मिली है। बताया जा रहा है कि इस महीने की पहली तारीख से तीन मुठभेड़ों के बाद से ज्यादा से ज्यादा युवक आतंकी रैंकों में शामिल हो रहे हैं। यदि रिपोर्टों की मानें तो 1 अप्रैल से दक्षिण कश्मीर से 25 से ज्यादा युवक आतंकवाद में शामिल हो गए हैं। हालांकि, इसकी अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।

गैर सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले तीन वर्षों में 280 स्थानीय युवाओं ने आतंकवाद का रास्ता अपनाते हुए हाथों में बंदूक उठा ली। वर्ष 2017 में 126, 2014 में 53, 2013 में 16, 2012 में 21, 2011 में 23 और 2010 में 54 युवा आतंकी संगठनों में शामिल हुए।

जानकारी के लिए बता दें कि इससे कुछ ही दिन पहले दक्षिण कश्मीर से लापता हुआ सेना का जवान आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया। पुलिस अधिकारियों द्वारा जारी की गई जानकारी के मुताबिक इदरिस मीर नाम का यह जवान सेना की जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री (जेएकेएलआई) यूनिट का जवान था।

अधिकारियों के अनुसार, वह इस महीने की शुरुआत में शोपियां के साफनाग में अपने घर लौटा था और इसके बाद से लापता था। हालांकि सेना की तरफ से कहा गया है कि वह ‘लापता’ है और किसी आतंकवादी संगठन में उसके शामिल होने की कोई पुष्टि नहीं हुई है।

ख़बरों की मानें तो पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वह मीर शोपियां से लापता हुआ है। उसने दो स्थानीय लोगों के साथ आतंकी संगठन हिजबुल को ज्वॉइन किया है। ये दो व्यक्ति भी कई दिनों से लापता बताए जा रहे थे। पुलिस के अनुसार इदरिस मीर झारखंड में तैनात किये जाने को लेकर नाखुश था।

इसी बीच सोशल मीडिया पर मीर की एक तस्वीर वायरल हो चुकी है। जिसमें वह बंदूक लिए खड़ा दिख रहा है। हालांकि पुलिस ने इस तस्वीर की पुष्टि नहीं की है। इदरीस मीर के आतंकी संगठन में शामिल होने की खबरों के बाद सुरक्षा एजेंसियां भी एलर्ट हो गई हैं। आईबी की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों आतंकी संगठनों ने सोशल मीडिया के माध्यम से दक्षिण कश्मीर में युवाओं को भर्ती करने का अभियान जोरशोर से छेड़ा हुआ है।

-सुरेश एस डुग्गर

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