पार्टी का नाम 'आम आदमी पार्टी' लेकिन काम अमीरों को राज्यसभा सांसद बनाना

वर्ष 2018 में इन्ही अरविंद केजरीवाल ने आशुतोष और कुमार विश्वास जैसे पार्टी के दिग्गज नेताओं को नजरअंदाज करके एनडी गुप्ता और सुशील गुप्ता को राज्यसभा भेजा था। तब से लेकर आज तक केजरीवाल के रवैए, जिद और मनमाने फैसले लेने की आदत में कोई बदलाव नहीं आया है।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब से राज्यसभा के लिए खाली हुई सीट से मशहूर उद्योगपति राजिंदर गुप्ता को उम्मीदवार घोषित कर दिया है। इसी के साथ एक बार फिर से वही पुराना सवाल खड़ा हो गया है कि पार्टी का नाम 'आम आदमी पार्टी' लेकिन काम अमीरों को राज्यसभा सांसद बनाना है। आखिर अरविंद केजरीवाल को हर बार राज्यसभा भेजने के लिए अमीर उद्योगपति ही क्यों पसंद आते हैं ? क्या आम आदमी के नाम पर राजनीति करने वाले केजरीवाल के पास कोई ऐसा आम आदमी नहीं है जिन्हें वो राज्यसभा सांसद बना सके।
वर्ष 2018 में इन्ही अरविंद केजरीवाल ने आशुतोष और कुमार विश्वास जैसे पार्टी के दिग्गज नेताओं को नजरअंदाज करके एनडी गुप्ता और सुशील गुप्ता को राज्यसभा भेजा था। तब से लेकर आज तक केजरीवाल के रवैए, जिद और मनमाने फैसले लेने की आदत में कोई बदलाव नहीं आया है।
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इस बार भी आम आदमी पार्टी ने पंजाब के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक और देश के प्रमुख उद्योगपति राजिंदर गुप्ता को 24 अक्टूबर को होने वाले राज्यसभा उपचुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है। पंजाब विधानसभा में आम आदमी पार्टी का बहुमत है इसलिए राजिंदर गुप्ता को राज्यसभा सांसद बनने से कोई रोक नहीं सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो, राजिंदर गुप्ता पंजाब के सबसे अमीर लोगों में से एक हैं। उनकी कुल संपत्ति 1.2 बिलियन डॉलर यानी लगभग 10 हजार करोड़ रुपए है। यह सीट जिन संजीव अरोड़ा के इस्तीफे के कारण खाली हुई है, वह भी एक उद्योगपति ही हैं। संजीव अरोड़ा का राज्यसभा सांसद का कार्यकाल अप्रैल, 2028 तक था। लेकिन कार्यकाल खत्म होने से पहले ही उन्हें पंजाब की लुधियाना वेस्ट विधानसभा सीट से चुनाव लड़वा दिया गया। विधायक बनने के बाद केजरीवाल के कहने पर भगवंत मान ने उन्हें अपनी सरकार में मंत्री बना दिया। आज तक यह सवाल एक अबूझ पहेली बना हुआ है कि, आखिर संजीव अरोड़ा में ऐसी क्या खासियत थी कि अरविंद केजरीवाल ने पहले उन्हें राज्यसभा सांसद बनवाया और फिर बीच में ही इस्तीफा दिलवा कर भगवंत मान की सरकार में मंत्री बनवा दिया। यह भी एक अबूझ पहेली ही बनी रहेगी कि उद्योगपति संजीव अरोड़ा के इस्तीफे से खाली हुई राज्यसभा सीट पर चुनाव लड़ने के लिए उद्योगपति राजिंदर गुप्ता को ही क्यों चुना गया?
अब जरा इस तथ्य पर भी गौर कीजिए कि, पंजाब में राज्यसभा की 7 सीटें हैं, जिनमें से एक पर होने जा रहे उपचुनाव के लिए राजिंदर गुप्ता को उम्मीदवार बनाया गया है। जबकि छह अन्य आप राज्यसभा सांसदों की बात करें तो इसमें राघव चड्डा और संदीप कुमार पाठक के अलावा आप के अन्य सांसदों में एक निजी विश्विद्यालय के मालिक अशोक कुमार मित्तल, उद्योगपति विक्रमजीत सिंह और मशहूर क्रिकेटर हरभजन सिंह जैसे व्यक्ति शामिल हैं। ऐसे लोगों को राज्यसभा भेजने से पहले केजरीवाल को कम से कम अपनी पार्टी के कैडर को यह तो बताना ही चाहिए कि आखिर अशोक कुमार मित्तल, विक्रमजीत सिंह , हरभजन सिंह और अब राजिंदर गुप्ता जैसे लोगों ने आम आदमी और आम आदमी पार्टी के लिए क्या किया है?
- संतोष कुमार पाठक
लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक हैं।
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