Birthday Special: युवराज सिंह ने किया खुलासा, क्यों नहीं बन पाए कभी कप्तान?

Yuvraj singh
प्रतिरूप फोटो
Social Media
Kusum । Dec 12 2023 5:33PM

युवराज सिंह आज अपना 42वां जन्मदिन मना रहे हैं। युवी की गिनती दुनिया के बेहतरीन ऑलराउंडर्स में होती है। वही 2 वर्ल्ड कप चैंपियन टीम का हिस्सा रह चुके हैं। भारतीय क्रिकेट इतिहास में युवराज सिंह का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।

भारतीय टीम के दिग्गज खिलाड़ी रह चुके युवराज सिंह आज अपना 42वां जन्मदिन मना रहे हैं। युवी की गिनती दुनिया के बेहतरीन ऑलराउंडर्स में होती है। वही 2 वर्ल्ड कप चैंपियन टीम का हिस्सा रह चुके हैं। भारतीय क्रिकेट इतिहास में युवराज सिंह का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। उन्होंने कई बार टीम के लिए बेहतरीन पारियां खेली हैं। बता दें कि, युवराज टीम इंडिया में कप्तानी के दावेदार थे लेकिन उनका ये सपना महज सपना बनकर ही रह गया। इसका खुलासा उन्होंने खुद किया कि आखिर वो क्यों कभी कप्तान नहीं बन पाए।

2011 वनडे वर्ल्ड कप और 2007 टी20 वर्ल्ड कप चैंपियन टीम का हिस्सा रहे युवराज सिंह जैसा सीनियर खिलाड़ी टीम में होने के बावजूद एमएस धोनी को कप्तानी सौंपी गई थी। उस टीम में सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली और वीरेंद्र सहवाग जैसे सीनियर खिलाड़ी मौजूद थे। युवी ने स्पोर्ट्स 18 चैनल पर संजय मांजरेकर के साथ बातचीत में कहा कि, आखिर क्यों धोनी को तब कप्तानी दी गई और उन्हें क्यों नहीं मिली। युवी ने बताया कि सचिन तेंदुलकर और ग्रेग चैपल के कारण उन्हें टीम इंडिया की कप्तानी नहीं मिली। 

 

'मुझे अपने साथियों संग खड़ा रहने की सजा मिली'

बता दें कि, युवराज ने कहा कि, मुझे अपने साथियों संग खड़ा रहने की सजा मिली। बोर्ड के कई अधिकारियों ने भी मुझे तवज्जों नहीं दी। मुझे लगता है कि मैं जिसके लिए खड़ा था, वह स्टैंड मेरा साफ था। अगर फिर मुझे ऐसा करना पड़े तो मैं करुंगा, खड़ा रहूंगा, मुझे अपने फैसले पर कोई पछतावा नहीं है। 

युवी ने इस इंटरव्यू में खुलासा किया है कि उनका सपना कप्तान बनने का था लेकिन वह पूरा नहीं हो सका। संजय मांजरेकर ने जब युवी से पूछा कि क्या आपकी इच्छा नहीं थी कि आप कप्तान बने?

'मेरा भी सपना कप्तान बनने का था'

इस पर युवी ने कहा कि मेरा भी सपना कप्तान बनने का था। मुझे लगता था कि मैं भी कप्तान बनूंगा, लेकिन जब ग्रेग चैपल विवाद हुआ, तब मेरे पास 2 विकल्प थे। पहला ये कि मैं ग्रेग चैपल का साथ दूं या दूसरा अपने साथियों के साथ खड़ा रहूं। इस दौरान मैंने अपने साथियों के साथ खड़ा रहना मुनासिब समझा। भारतीय बोर्ड के कई अधिकारियों को मेरा ये फैसला अच्छा नहीं लगा। 

 

 युवराज ने आगे कहा कि इसके बाद उनसे अचानक उप कप्तानी छीन ली गई। युवी ने बताया कि उस समय वीरेंद्र सहवाग टीम में नहीं थे और माही को 2007 टी20 वर्ल्ड कप में कप्तान बना दिया। मुझे ऐसा लगता हैकि उस वक्त जो फैसला मैंने लिया वह मेरे खिलाफ गया। युवी ने कहा कि वीरेंद्र सहवाग सीनियर थे लेकिन वह इंग्लैंड दौरे पर नहीं थे। जब राहुल द्रविड़ वनडे के कप्तान थे तब मैं उप कप्तान था। तब मैं कप्तानी मिलने की उम्मीदें पालने लगा था। लेकिन मैं फिर कहूंगा कि मुझे उस फैसले पर कोई पछतावा नहीं है।

All the updates here:

अन्य न्यूज़