मोहम्मद सिराज बोले- खराब प्रदर्शन के बाद क्रिकेट छोड़कर ऑटो चलाने की मिली थी सलाह
टीम सत्र की तालिका में सबसे निचले स्थान पर थी। इसी सत्र में कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ उन्होंने 2.2 ओवर में पांच छक्कों के साथ 36 रन लुटाये थे और दो बार बीमर गेंद (बिना टप्पा खाये बल्लेबाज के कमर से ऊंची गेंद) डालने के कारण कप्तान विराट कोहली को उन्हें आक्रमण से हटाने के लिए विवश होना पड़ा।
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उन्होंने कहा, ‘‘ उन्होंने मुझे समझाया था, ’आप आज अच्छा करते हैं और वे आपकी प्रशंसा करेंगे और जब बेहतर नहीं करेंगे तो लोग आपके लिए बुरे शब्दों का इस्तेमाल करेंगे। इसलिए इसे कभी भी ऐसी प्रतिक्रिया को गंभीरता से नहीं लेना चाहिये’। और हां, वही लोग जिन्होंने मुझे बार-बार ट्रोल किया और फिर बाद में कह रहे थे कि तुम सबसे अच्छे गेंदबाज हो भाई। तो मुझे किसी की प्रतिक्रिया से अब ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। मैं आज भी वही सिराज हूं जो उस समय था। ’’ इस 27 वर्षीय ने तब से एक लंबा सफर तय किया है और फ्रैंचाइजी के द्वारा रिटेन किये गये तीन खिलाड़ियों में से एक है। आईपीएल 2020 में प्रभावशाली प्रदर्शन के दम पर उन्होंने ऑस्ट्रेलिया दौरे की टीम में जगह बनायी और पदार्पण के बाद ऐतिहासिक गाबा टेस्ट में शानदार पांच विकेट लेकर टीम में अपनी जगह पक्की की। इस दौरे के शुरू होने के बाद अपने पिता का निधन हो गया था लेकिन कोविड-19 के दौरान पृथकवास और बायो-बबल की जटिलताओं के कारण उन्होंने स्वदेश लौटने की जगह टीम के साथ बने रहने का फैसला किया। सिराज ने कहा, ‘‘मेरे पिता की तबीयत 2020 से ही लगातार खराब रह रही थी। मैं जब भी उनसे बात करता था तो फोन पर हमेशा भावुक होकर रोने लगते थे। इसलिए मैंने उससे ज्यादा बात नहीं की क्योंकि उन्हें रोता देखकर मै बहुत असहाय महसूस करता था।’’
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उन्होंने बताया, ‘‘ जब आईपीएल खत्म हुआ, तो मुझे किसी ने नहीं बताया कि मेरे पिता इतने गंभीर रूप से बीमार हैं। जब भी मैंने फोन करता था तो वे कहते थे कि वह सो रहे है या आराम कर रहे है। ऐसे में मैं उन्हें परेशान नहीं करना चाहता था। जब मैं ऑस्ट्रेलिया पहुंचा तो मुझे पता चला कि पापा की हालत काफी गंभीर है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं पूरे परिवार के साथ लड़ने लगा। अगर मुझे पहले इसका अंदाजा होता तो शायद दौरे पर जाने से पहले उनसे मिल लेता। लेकिन मेरा परिवार चाहता था कि मेरा करियर प्रभावित ना हो। उन्होंने मुझे देश के लिए खेलने के अपने तथा पापा के सपने को पूरा करने का सुझाव दिया। ’’ उन्होंने बताया, ‘‘ मेरे अच्छे प्रदर्शन बाद अगर अखबार में मेरी तस्वीर छपती थी तो मेरे पिता अखबारों से उसे काट कर सहेज कर रखते थे। जब मैं वहां खड़े होकर (टेस्ट पदार्पण पर) राष्ट्रगान गा रहा था तब यही सोच रहा था कि अगर उन्होंने मुझे भारतीय टीम की जर्सी में देखा होता तो उन्हें कितना गर्व होता। उनके शब्द मेरे कानों में हमेशा गूंजते रहते है।
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