27 साल का लंबा इंतजार खत्म कर साउथ अफ्रीका ने रचा इतिहास, ऑस्ट्रेलिया को हराकर बनी WTC 2025 Champion

आखिरकार 27 साल के लंबे इंतजार के बाद साउथ अफ्रीका टीम ने टेम्बा बावुमा की कप्तानी में चोकर्स का दाग हटा दिया है। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराकर WTC Final 2025 की चैंपियन बनी है।
27 साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार साउथ अफ्रीका टीम ने टेम्बा बावुमा की कप्तानी में चोकर्स का दाग हटा दिया है। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराकर WTC Final 2025 की चैंपियन बनी है।
इसी के साथ साउथ अफ्रीका ने 27 साल बाद कोई आईसीसी खिताब जीता है। इससे पहले इस टीम ने साल 1998 में आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी जीती थी जो अब चैंपियंस ट्रॉफी के नाम से जानी जाती थी। जीत के लिए साउथ अफ्रीका को 282 रनों की जरूरत थी। एडेन मार्करम के बेहतरीन शतक और कप्तान बावुमा की चोट के बाद जुझारू 66 रनों की पारी के दम पर साउथ अफ्रीका ने ये टारगेट 83.4 ओवरों में हासिल कर ऑस्ट्रेलिया के खिताब बचाने के अरमानों पर पानी फेर दिया।
इससे पहले साउथ अफ्रीका ने 1998 में चैंपियंस ट्रॉपी जीती थी। इसके साथ ही प्रोटियाज टीम आईसीसी के दो टाइटल के बीच सबसे लंबा इंताजर करने वाली टीम बन गई है। उन्होंने वेस्टइंडीज को पीछे छोड़ दिया है।
ये जीत साउथ अफ्रीका के लिए आसान नहीं थी। उसके गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 212 रनों पर ढेर कर दिया था। लेकिन बल्लेबाज पहली पारी में सिर्फ 138 रनों पर ढेर हो गई थी। ऑस्ट्रेलिया के पास पहली पारी के आधार पर 74 रनों की बढ़त थी। लॉर्ड्स की पिच को देखते हुए बड़ी बात थी। साउथ अफ्रीका हार मानने के मूड में नहीं थी वो जानती थी कि ऑस्ट्रेलिया बड़े स्कोर की फिराक में होगी। बावुमा ने अपनी रणनीति से ऐसा जाल बिछाया कि कंगारू टीम के लिए रन बनाना मुश्किल हो गया। दूसरी पारी में 73 रनों पर ही ऑस्ट्रेलिया ने सात विकेट खो दिए। आखिर में मिचेल स्टार्क ने नाबाद 58 रनों की पारी खेली और ऑस्ट्रेलिया को मैच में वापस ला दिया। दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया 207 रनों पर ढेर हो गई।
साउथ अफ्रीका को मिला मजबूत लक्ष्य जिसे बनाना आसान नहीं था। साथ ही मिचेल स्टार्क ने रियान रिकेल्टन को तीसरे ओवर में ही पवेलियन भेज साउथ अफ्रीका को झटका दे दिया। स्टार्क ने ही वियान मुल्डर को 70 के कुल स्कोर पर आउट कर दिया।
इसके बाद तीसरे दिन जिम्मेदारी एडेन मार्करम और बावुमा पर थी। दोनों ने विकेट पर पैर जमाए और रन बनाने शुरू किए। इस बीच बावुमा को मांसपेशियों में खिंचाव हुआ लेकिन वह रुके नहीं। मार्करम के साथ उन्होंने शतकीय साझेदारी को अंजाम दिया। मार्करम को कप्तान का साथ मिला और इसका फायदा उन्होंने उठाते हुए शतक जमा दिया। तीसरा दिन जब खत्म हुआ तो साउथ अफ्रीका को जीत के लिए 69 रन चाहिए थे और उसकी जीत पक्की लग रही थी।
फिर चौथे दिन यानी शनिवार को शुरआत साउथ अफ्रीका को दो विकेट का झटका लगा। बावुमा चोट के कारण अपना विकेट गंवा बैठे उन्हें पैट कमिंस ने उनकी पारी को विराम दिया। इस दौरान बावुमा ने 134 गेंदों में 66 रन की बेहतरीन और अहम पारी खेली। इसके बाद ट्रिस्टन स्टब्स भी महज 8 रन बनाकर आउट हो गए। लेकिन मार्करम क्रीज पर जमे थे और उन्होंने पूरी कोशिश करते हुए आखिर तक टीम को जीत की राह पर ले गए। हालांकि, 136 रन बनाकर मार्करम भी अपना विकेट गंवा बैठे इस दौरान उन्होंने 14 चौके जड़े।
आखिर में डेविड बेडिंघम ने नाबाद 21 रन और काइल वेरीयेने ने नाबाद चार रन बनाकर टीम को जीत दिलाई। इसी केसाथ साउथ अफ्रीका और टेम्बा बावुमा वो टीम और कप्तान बन गए हैं जिन्होंने फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को मात दी है।
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