साक्षात्कारः भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने खुद पर लगे आरोपों का दिया जवाब

Brijbhushan Sharan Singh
ANI

साच को आंच नहीं, मैं पहले दिन से कह रहा हूं, मेरे पर लगे सभी आरोप निराधार हैं, एक भी आरोप कोई साबित कर दें, उसके बाद ऐसा करके दिखाउंगा, जिसकी आज तक किसी ने कल्पना तक नहीं की होगी, मैं खुद को सबके सामने सजा दूंगा।

डाटा-डपटा जरूर, शोषण जैसे आरोप निराधार:  बृजभूषण शरण सिंह

खेलों के भीतर भी खेल होता है, ये हकीकत अभी तक पर्दे में ही रही। पर, अब सार्वजनिक हो गई। भारतीय कुश्ती संघ के तमाम धुरंधर पहलवान संघ अध्यक्ष पर गंभीर आरोपों का पुलिंदा लेकर जंतर-मंतर पर बैठ गए। धरने पर बैठे रेसलर कोई अपरिचित नहीं, सारे के सारे नामधारी-मेडलधारी हैं। आरोप ऐसे हैं जिससे खेल मंत्रालय से लेकर केंद्र सरकार में भी खलबली है। खेल मंत्रालय ने नोटिस जारी कर अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह से जवाब मांगा है। आरोपों का सामना कर रहे भाजपा सांसद एवं कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह से रमेश ठाकुर ने बातचीत करके पूरे मामले की हकीकत जानने की कोशिश की, पेश बातचीत के मुख्य हिस्से।

प्रश्नः आरोप तो निश्चित रूप से गंभीर हैं, कैसे करेंगे सामना?

साच को आंच नहीं, मैं पहले दिन से कह रहा हूं, मेरे पर लगे सभी आरोप निराधार हैं, एक भी आरोप कोई साबित कर दें, उसके बाद ऐसा करके दिखाउंगा, जिसकी आज तक किसी ने कल्पना तक नहीं की होगी, मैं खुद को सबके सामने सजा दूंगा। जान दे दूंगा अपनी? मैं मानता हूं अनुशासनहीनता पर मैंने रेसलरों को हांटा जरूर होगा, अच्छे प्रदर्शन के लिए एक अभिभावक के तौर कठोर रहा, लेकिन ये आरोप एकदम निराधार हैं। इनके पाखंड को कोई भी अच्छे से भांप सकता है। चंद हरयाणवी पहलवान ही क्यों आरोप लगा रहे हैं, बाकी देशभर के पहलवान क्यों नहीं? बाकी तो सभी मेरे समर्थन में हैं। देखिए, ये सब चुनावी गेम है जिसकी तस्वीर थोड़े समय बाद साफ हो जाएगी। सभी कांग्रेस में शामिल होते दिखेंगे ये लोग।

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प्रश्नः तो क्या इस धरने के पीछे कोई राजनीतिक षड्यंत्र है?

जी हां। ये राजनीति से प्रेरित धरना है जितने पहलवान धरने पर हैं सभी चुनाव लड़ने की चाह रखते हैं। किस पहलवान में कितनी ऊर्जा है, उसे मैं मिनट में भांप लेता हूं। धरनाई रेसलरों में अब रेसलिंग का दम तो बचा है नहीं, इसलिए राजनीति में हाथ आजमाना चाहते हैं, इसके लिए वो कांग्रेस के इशारे पर लट्टू हैं। इनकी अगुवाई दीपेंद्र हुड्डा कर रहे हैं। पूर्व में ऐसी एक हरकत मेरे साथ 1993 में भी हुई थी, तब भी धूल चटाई थी, इस बार भी मैं पाक साफ होउंगा, देख लेना। 

प्रश्नः मांग आपके पद छोड़ने की हो रही है, लेकिन आप अड़े हैं?

बिलावजह के आरोपों पर तो मैं इस्तीफा नहीं दूंगा, दे दूंगा तो दोषी खुद हो जाउंगा। हां, अगर कुश्ती संघ निर्णय लेगा तो मैं उनके हर फैसले का स्वागत करूंगा। संघ की आपातकालीन मीटिंग बुलाई गई है, मंत्रालय से भी नोटिस मिला है। सामूहिक रूप से जो भी निर्णय होगा, उसे स्वीकार करने में मैं देरी नहीं करूंगा, मैंने कुश्ती को विश्व जगत में लोहा मनवाने के लिए काफी संघर्ष किया है, संघ में सत्-प्रतिशत सुधार करा, जिसका रिजल्ट दिखा भी। प्रशासनिक स्तर पर अनुशासनहीनता को कभी बर्दाश्त नहीं किया, जिस रेसलर ने गलती की, उसपर बिना भेदभाव के एक्शन लिया। सरकार और मंत्रालय ने भी मेरे काम को सराहा, क्या ये सब करना मेरे लिए गुनाह रहा।

  

प्रश्नः आपने कहा, इस मूवमेंट का निशाना आप नहीं, भाजपा है?

जी बिल्कुल......धरने का केंद्रबिदु हरियाणा है। कांग्रेस इन चंद पहलवानों की आड़ लेकर आगामी चुनाव में लीड लेना चाहती है। इनसे अंदरखाने सांठगांठ हो चुकी है कि हरियाणा में सरकार आने पर इन्हें खेल संघों या समितियों में सेट कर दिया जाएगा। धरनाई पहलवान हवा में बातें कर रहे हैं, मीडिया में बोल रहे हैं उनके पास बहुतेरे सबूत हैं। अगर हैं, तो भाई उन्हें जनता की अदालत में सार्वजनिक करें, क्यों दबाकर बैठे हैं? सबसे बड़ी अदालत तो जनता ही हैं ना? बहुत जल्द सबके सब एक्सपोज हो जाएंगे? मैं मानता हूं, इन सभी रेसलरों ने देश-विदेश में हिंदुस्तान का नाम रौशन किया है। पर, इनकी ये बचकानी हरकत इन्हें कहीं का भी नहीं छोड़ेगी। ये राजनीतिक मोहरा बन हुए हैं। कांग्रेस इनका भी इस्तेमाल करके सड़क पर छोड़ देगी, जिसके लिए वो जानी जाती है। उनकी इन्हीं गलतियों के चलते उनके नेता एक-एक करके साथ छोड़ रहे हैं।

प्रश्नः लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने के लिए क्या है आपकी आगे की योजना?

मैं देश और कानून से ऊपर नहीं हूं, सबकी तरह सामान्य व्यक्ति हूं। मेरा पद पर बने रहना, या ना रहना, ये मंत्रालय के फैसले और संघ की कार्यकारिणी के निर्णय पर निर्भर करेगा। लेकिन मैं कतई नहीं चाहूंगा कि मेरे चलते भाजपा पर कोई आंच आए। मैंने ईमानदारी से अपने पद का निर्वाह किया है। एक भी कोई गलती नहीं ढूंढ सकता। प्रधानमंत्री के बताए आदर्शों पर हम चलते आए हैं और आगे भी चलते रहेंगे। रहा सवाल आगे की योजना का, तो सम्मान बचाने के लिए अगर कोर्ट-कचहरी भी करना पड़ा, तो मैं करूंगा।

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प्रश्नः आपकी पहचान बाहुबली नेता की रही है, क्या उसका नुकसान तो नहीं हो रहा?

देखिए, ये सभी मीडिया के दिए हुए नाम हैं। बाकी मेरे विरोधियों की उड़ाई हुई राजनीतिक हवा है। मैं अपने काम में विश्वास रखता हूं, अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों के सुख-दुख में सहभागी होता हूं। उनका आशीवार्द मेरे साथ है, फिर कोई अगर मुझे बाहुबली कहे, चोर कहे, मुझे फर्क नहीं पड़ता। मैं संविधान और कानून में अटूट विश्वास रखने वाला इंसान हूं।

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