आधारभूत सुविधाओं की कमी से फल—फूल रहे हैं पाखंडी धर्म गुरु

Swami Chaitanyananda Saraswati
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धर्म की आड़ लेकर ऐसे फर्जी बाबा, मौलवी और पादरियों की फेहरिस्त काफी लंबी हैं, जिन्होंने न सिर्फ लोगों को शोषण किया बल्कि धार्मिक आस्थाओं को चोट पहुंचाने का काम किया है। देश में कई ऐसे बाबा हैं जिन्होंने धर्म की आड़ में लोगों का शोषण किया।

भारत में आधारभूत सुविधाओं की कमी एक जटिल मुद्दा है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है, और शहरी क्षेत्रों में भी गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढाँचे (जैसे सड़कें, पुल, आदि) में खामियाँ पाई जाती हैं। इसके मुख्य कारण भूमि अधिग्रहण में बाधाएँ, भ्रष्टाचार, कुशल प्रबंधन की कमी और मांग में वृद्धि हैं। ऐसे हालात देश में ढोंगी बाबाओं को पनपने का मौका देते हैं। ऐसे फर्जी बाबाओं, मौलवियों और पादरियों की सूची में एक नाम और जुड़ गया है। दिल्ली के इंस्टीट्यूट में यौन शोषण के मामला मामला सामने आया है। पुलिस ने मामले में बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि 17 छात्राओं ने श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट के प्रबंधक स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। पुलिस में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की छात्राओं को देर रात कथित स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती के क्वार्टर में बुलाया जाता था। स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती मूल रूप से ओडिशा का रहने वाला है और उस पर पहले भी 2009 और 2016 में छेड़छाड़ के केस दर्ज हो चुके हैं। 

धर्म की आड़ लेकर ऐसे फर्जी बाबा, मौलवी और पादरियों की फेहरिस्त काफी लंबी हैं, जिन्होंने न सिर्फ लोगों को शोषण किया बल्कि धार्मिक आस्थाओं को चोट पहुंचाने का काम किया है। देश में कई ऐसे बाबा हैं जिन्होंने धर्म की आड़ में लोगों का शोषण किया। बाद में पकड़े गए और अब जेल की सलाखों के पीछे हैं या फरार हैं। हरियाणा के रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम को 2017 में दो साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में 20 साल की सजा सुनाई गई थी। इसके अलावा पत्रकार रामचंद्र छत्रपति और डेरा के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले में भी उन्हें उम्रकैद की सजा मिली। गुरमीत को बार-बार पैरोल और फरलो मिलने की वजह से विवाद भी रहा है। हाल ही में, अगस्त 2025 में उन्हें 40 दिन की पैरोल दी गई, जो उनकी 14वीं रिहाई थी। 

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राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद आसाराम को 2018 में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। उन पर सूरत की दो सगी बहनों से दुराचार, गवाहों पर हमला और हत्या जैसे गंभीर आरोप हैं। आसाराम का बेटा नारायण साईं भी सूरत की जेल में दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है। हरियाणा के ही एक और बाबा संत रामपाल हिसार जेल में बंद हैं। सतलोक आश्रम चलाने वाले रामपाल पर देशद्रोह, शारीरिक शोषण, अवैध हथियार रखने और सरकारी काम में बाधा डालने जैसे आरोप हैं। जिसके बाद उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई। स्वामी भीमानंद, जिन्हें इच्छाधारी बाबा के नाम से जाना जाता है। दिल्ली में देह व्यापार का रैकेट चलाने के आरोप में जेल में हैं। तमिलनाडु में तिरुचिरापल्ली आश्रम चलाने वाले स्वामी परमानंद भी जेल में बंद हैं। उनके ऊपर 13 महिलाओं से रेप के आरोप हैं।

सन 90 के दौर में धीरेंद्र ब्रह्मचारी के ऊपर अपनी गन फैक्‍ट्री में अवैध विदेशी हथियार रखने के आरोप लगे। एक तांत्रिक के रूप में विख्यात चन्द्रास्वामी के पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव से गहरे संबंध थे। ईडी ने उनपर 13 मामलों में फेमा के उल्लंघन के मामले में 9 करोड़ रुपए की पेनल्टी लगाई थी। लंदन के एक व्यापारी के साथ धोखाधड़ी के मामले में 1996 में चंद्रास्वामी को गिरफ्तार किया गया था। राजीव गांधी हत्या मामले में भी उनपर हत्यारों की वित्तीय मदद करने के आरोप लगे थे। राजस्थान के अलवर जिले में बहुचर्चित यौन शोषण के आरोपी कौशलेंद्र प्रपन्नाचार्य उर्फ फलाहारी बाबाफलाहारी बाबा यौन शोषण के मामले में उम्रकैद की सजा हुई। इसके साथ ही कोर्ट ने एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था। मुंबई में राधे मां विवादों में रही। उन पर मिनी स्कर्ट पहनने, भक्तों के गले लगना, उनके साथ डांस करना, यही वजह है कि उनपर अश्लीलता फैलाने का भी आरोप लग चुका है। स्वामी नित्यानंद दक्षिण भारतीय अभिनेत्री के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिखाई दिए जिसके बाद उनके समर्थकों ने खासा हंगामा किया। 

उत्तर प्रदेश पुलिस ने जमालुद्दीन उर्फ़ छांगुर बाबा को धर्मांतरण के आरोप में गिरफ़्तार भी किया। बलरामपुर ज़िले में उनके घर को बुलडोज़र से गिरा दिया। छांगुर बाबा पर धर्मांतरण, विदेशी फंड़िंग जैसे आरोप हैं। छांगुर बाबा के 14 ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय छापेमारी की। बरेली की एक मस्जिद में नमाज पढ़ाने वाले मौलाना ने मस्जिद की साफ सफाई करने वाली लड़की को जबरदस्ती पकड़कर उसके साथ गलत काम किया। लड़की द्वारा विरोध करने पर उसकी अश्लील फोटो वायरल करने की धमकी दी गई। पुलिस ने आरोपी मौलाना को गिरफ्तार कर लिया है। गोरखपुर के गुलहरिया थानाक्षेत्र में एक मौलवी ने निकाह का वादा कर युवती के साथ शारीरिक संबंध भी बनाना शुरू कर दिया। जब युवती गर्भवती हो गई और निकाह का दबाव बनाने लगी तब मौलवी फरार हो गया। अलवर जिले में एक मौलवी की ओर से 5 वर्षीय बच्ची से छेड़छाड़ और दुष्कर्म की कोशिश का मामला सामने आया है। पुलिस ने आरोपी मौलवी को गिरफ्तार कर लिया।

इसी तरह स्वयंभू ईसाई धर्म प्रचारक बजिंदर सिंह के खिलाफ पंजाब पुलिस ने यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया था। साल 2018 में जीरकपुर की एक महिला द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद उन पर एक और यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया था। तब बजिंदर को लंदन जाते समय दिल्ली एयरपोर्ट से पकड़ लिया गया था। साल 2023 में बजिंदर सिंह के ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की थी। तमिलनाडु के कोयंबटूर में ईसाई पादरी को दो नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी की पहचान 32 वर्षीय जॉन जेबराज के रूप में हुई जो कोयंबटूर के किंग जेनरेशन चर्च में पादरी था और केरल के इलाकों में भी धर्मोपदेश देता था। पुलिस ने उसे पॉक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार किया।

हमारे देश में धर्मभीरु जनता के अंधविश्वासों का फायदा उठाकर बाबागीरी का कारोबार किस तरीके से फूल-फल रहा है, इसका उदाहरण डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा राम रहीम प्रकरण में सामने आया। यौन शोषण मामले में सीबीआई अदालत ने जब उन्हें दोषी ठहराया तो पंजाब-हरियाणा के कई हिस्सों में आगजनी-हिंसा हुई। बाबा समर्थकों ने दो रेलवे स्टेशनों में आग लगा दी और कुछ स्थानों पर हालात नियंत्रित करने के लिए कर्फ्यू लगाना पड़ा। अतीत में देश में ऐसी स्थितियां कई बार बन चुकी हैं। हरियाणा में ही 2014 में संत रामपाल के समर्थक ऐसा कर चुके हैं। पुलिस से संत रामपाल के समर्थक सीधे टकराए थे और हालात काबू पाना मुश्किल हो गया था। यही नहीं, मथुरा में बाबा रामवृक्ष के बेकाबू समर्थकों को नियंत्रित करने में पुलिसकर्मियों को भी जान गंवानी पड़ी थी। रामवृक्ष यादव बाबा जय गुरुदेव के अनुयायी थे, जिन्होंने एक निजी सेना बना ली थी और उनकी समानांतर सरकार चलाने का प्रयास किया था। अंतत: रामवृक्ष पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया। 

इससे पहले कथित संत आसाराम बापू के समर्थक ऐसी ही हिमाकत कर चुके हैं। जयपुर में वर्ष 2001 में बाबा जय राम दास के मामले में भी ऐसा ही हुआ। पुलिस ने इस बाबा को अपनी एक महिला भक्त की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया। इस बाबा पर दर्जनों महिलाओं के यौन शोषण का आरोप लगा। बाबा बीमारी जब के कारण अस्पताल में भर्ती हो गया तब सैकड़ों की संख्या में महिलाएं उसके दर्शन करने पहुंच गई, यह जानते हुए भी इस बाबा पर दर्जनों महिलाओं ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। दरअसल देश में धर्म की आड़ लेकर लोगों के दुख—दर्द दूर करने का झांसा देने वाला बाबा अपना उल्लू सीधा करते रहे हैं। ज्यादातर लोग गरीबी, बेरोजगारी, बीमारी, सम्पत्ति और घरेलू विवाद के कारण बाबाओं की शरण में जाते हैं। इन समस्याओं के समाधान की जिम्मेदारी चुनी हुई सरकारों की है। सरकारें इनका निदान करने में नाकाम रही हैं। ऐसी समस्याओं से पीड़ित लोग ढोंगी बाबाओं के झांसे में आ जाते हैं। बाबाओं का यह जाल तब तक कायम रहेगा, जब तक सरकारें अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से पूरी नहीं कर पाती।

(इस लेख में लेखक के अपने विचार हैं।)
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