Interview: कैलाश विजयवर्गीय ने कहा- मध्य प्रदेश में कांग्रेस लड़ाई में ही नहीं है

kailash vijayvargiya
ANI

चुनाव चाहे छोटा हो या बड़ा, भाजपा उसे गंभीरता से लेती है। पूरी दुनिया जानती है कि हमारी पार्टी चौबीसों घंटे काम करती है। कार्यकर्ता जनता के बीच में रहते हैं। जबकि, दूसरे दल ऐसा नहीं करते, वो सिर्फ चुनावों में आकर कौओं की तरह-तरह कांव-कांव करते हैं।

भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में अनुभवी और स्थानीय कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय को उतारा है। जबकि, वर्तमान में वह पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भी हैं और संगठन का काम देखते हैं। जब टिकट वितरण वाली लिस्ट सार्वजनिक हुई तो उनका नाम देखकर कईयों को अचंभा हुआ। सभी ने कहा कि ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी जिससे विजयवर्गीय को भी टिकट देकर चुनाव में उतारना पड़ा। इस मसले पर पत्रकार डॉ. रमेश ठाकुर ने कैलाश विजयवर्गीय से बात की। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के चुनिंदा अंश-

प्रश्नः इस बार के मुख्य चुनावी मुद्दे क्या हैं?

उत्तर- सबका साथ, सबका विश्वास। हमें सबका विश्वास जीतना है। शिवराज सरकार ने राज्य में बेतहाशा विकास किया है। इसलिए हम विकास की ही बात करेंगे। ‘लाड़ली बहना योजना’ कोई चुनाव के कारण नहीं लाई गई है, ये साबित होता है कि महिला सशक्तीकरण को लेकर हमारी सोच सबसे अलग और ईमानदार है। कांग्रेस के पास कहने और बोलने के लिए कुछ भी नहीं है। हम बूथ स्तर तक सम्मेलन और माइक्रो लेवल पर काम कर रहे हैं। पार्टी के छोटे से छोटे कार्यकर्ता और बड़े नेता तक जुटे हैं। यही एकजुटता हमें चुनाव जिताएगी। चुनावी लड़ाई में इस बार कांग्रेस कहीं नहीं है।

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प्रश्नः भाजपा ने कांग्रेस पर फिर परिवारवाद का आरोप गढ़ा है। जबकि, इस आरोप से भाजपा भी अछूती नहीं है?

उत्तर- हमारे यहां परिवारवाद नहीं है। कोई लगातार काम करके आगे बढ़ता है तो उसे टिकट मिलना चाहिए। पर, जब कोई पार्टी परिवारवाद से ऊपर ही न उठे, तो आरोप लगना स्वाभाविक होता है। देशवासी जानते हैं कि कांग्रेस में हमेशा गांधी परिवार का ही दबदबा रहा है। दूसरी, तरफ आप कांग्रेस की सूची देखिए जिसमें आपको दिखाई देगा कि दिग्विजय सिंह के कितने रिश्तेदारों को टिकट दिए गए हैं? एक उम्मीदवार तो ऐसा है जिन पर 54 पुलिस केस हैं, उन्हें भी टिकट दिया। कांग्रेस में परिवारवाद तो हावी है ही, आपराधिक चेहरों की भी भरमार है। हैरानी होती है, महिला उत्पीड़न करने वाले भी चुनाव में हैं।

  

प्रश्नः करीब दस वर्ष बाद आपको पार्टी ने चुनाव में उतारा है। जबकि, आपकी इच्छा नहीं थी?

उत्तर- देखिए, पार्टी में सामूहिक स्तर पर विचार-विमर्श करके फिर निर्णय होता है। हम पार्टी के अनुशासित कार्यकर्ता हैं, शीर्ष नेतृत्व के हर निर्णय को हमें स्वीकारना होता है। अच्छी बात है पार्टी को मुझ पर इतना विश्वास है। बहरहाल, हमारा दिमाग चुनाव पर है, पिछली बातों पर गौर करने का समय अब नहीं। भाजपा एक परिवार है, जहां प्रत्येक चुनाव मिलकर लड़े जाते हैं। मध्य प्रदेश में भाजपा की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनने जा रही है।

प्रश्नः दल-बदल का दौर जारी है। अनगिनत भाजपाईयों ने पार्टी छोड़ी है, ऐसा क्यों?

उत्तर- देखिए, समर्पित कार्यकर्ता कभी पार्टी नहीं छोडते। वैसे, अकेली भाजपा ही थोड़ी है, प्रत्येक चुनाव में ऐसा होता है, हर दल में ऐसा होता है। चुनावों के समय नेताओं का इधर-उधर आना-जाना होता है। भाजपा का संगठन बहुत मजबूत है, नेताओं-कार्यकर्ताओं की अपेक्षा बहुत ज्यादा है। अब सबको तो टिकट मिल नहीं सकता। वैसे, जो जाते हैं, वे भी कई बार वापस आ जाते हैं। पर, इतना जरूर है कि कांग्रेस में अच्छे कार्यकर्ताओं का कोई भविष्य नहीं है।

प्रश्नः मौजूदा चुनाव में भाजपा की सक्रियता जितनी दिख रही है, उतनी कभी नहीं देखी? क्या कहीं कुछ मामला गड़बड़ है? 

उत्तर- चुनाव चाहे छोटा हो या बड़ा, भाजपा उसे गंभीरता से लेती है। पूरी दुनिया जानती है कि हमारी पार्टी चौबीसों घंटे काम करती है। कार्यकर्ता जनता के बीच में रहते हैं। जबकि, दूसरे दल ऐसा नहीं करते, वो सिर्फ चुनावों में आकर कौओं की तरह-तरह कांव-कांव करते हैं। कांग्रेस व अन्य दल चुनाव के समय आते हैं, झूठे वादे करते हैं, जनता को बहला कर चले जाते हैं। कांग्रेस ने पिछले चुनाव में भी झूठे वादे किए थे और अब फिर झूठ बोलकर जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। जनता कांग्रेस के चेहरे को पहचान गई है। इस बार उनकी बुरी तरह से हार होने वाली है।

-डॉ. रमेश ठाकुर

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