कथक को नए आयाम तक पहुंचाने में रहा बिरजू महाराज का अहम योगदान

Birthday story on birju maharaj

कथक का नाम जैसे ही जुबान में आता है बिरजू महाराज खुद-ब-खुद याद आ जाते है। आपको बता दें कि 4 फरवरी को ही पद्मविभूषण से सम्मानित पंडित बिरजू महाराज का आज 80वां जन्मदिन हैं।

कथक का नाम जैसे ही जुबान में आता है बिरजू महाराज खुद-ब-खुद याद आ जाते है। आपको बता दें कि 4 फरवरी को ही पद्मविभूषण से सम्मानित पंडित बिरजू महाराज का आज 80वां जन्मदिन हैं। पिछले कई दशकों से भारतीय शास्त्रीय नृत्य ‘कत्थक’ को नए आयाम पर पहुंचाने में बिरजू महाराज ने अहम भूमिका अदा की है। वहीं उन्होंने बॉलीवुड की कई फिल्मों में भी कथक का रंग जमाया है और अपनी एक अलग छाप छोड़ी है।

4 फरवरी 1938 को बिरजू महाराज का जन्म लखनऊ में कत्थक के सबसे पहले गुरु महराज ईश्वरीय प्रसाद जी के घर में हुआ था।

जानकारी के मुताबिक भगवान कृष्ण ने महराज ईश्वरीय प्रसाद को स्वप्न में यह आदेश दिया कि वह नटवरी नृत्य (कत्थक) को फिर से स्थापित करें।

बिरजू महाराज ने कथक के जरिये दुनिया में भारत का कद पहले से कहीं ज्यादा ऊंचा कर दिया। भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने में इनका अहम योगदान रहा है।

- अनुराग गुप्ता

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