ईपीएफओ की नई गाइडलाइंस, ग्राहक चुन सकते हैं अब उच्च पेंशन का विकल्प

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employee Provident Fund Organization-EPFO) ने उन ग्राहकों के लिए एक नई विंडो की घोषणा की है जो पहले उच्च पेंशन का विकल्प नहीं चुन सकते थे। ईपीएफओ के नए दिशानिर्देश पात्र ग्राहकों को ईपीएस के तहत उच्च पेंशन का विकल्प चुनने में सक्षम बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित चार महीने की समय सीमा के समाप्त होने से ठीक दो सप्ताह पहले आये हैं। ईपीएफओ ने एक नई प्रक्रिया शुरू की है जो नियोक्ताओं और ग्राहकों को कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के तहत बड़ी पेंशन के लिए संयुक्त रूप से आवेदन करने में मदद करती है।
कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2022 में बरकरार रखा था जिसमें पेंशन योग्य वेतन कैप को 6,500 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया था। यह 22 अगस्त, 2014 को पारित किया गया था। इसके अलावा नियोक्ता और सदस्य दोनों ईपीएस में अपने वास्तविक वेतन का 8.33 प्रतिशत योगदान करने में सक्षम थे।
एक कार्यालय आदेश में ईपीएफओ ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा 'संयुक्त विकल्प फॉर्म' को भरने की प्रक्रिया को रेखांकित किया। आदेश के मुताबिक इस उद्देश्य के लिए जल्द ही एक यूआरएल (यूनीक रिसोर्स लोकेशन) मुहैया कराया जाएगा। एक बार प्राप्त होने के बाद क्षेत्रीय पीएफ आयुक्त व्यापक सार्वजनिक सूचना के लिए नोटिस बोर्ड और बैनर पर पर्याप्त नोटिस लगाएंगे। प्रत्येक आवेदन को पंजीकृत किया जाएगा और डिजिटल रूप से लॉग किया जाएगा और आवेदक को रसीद संख्या प्रदान की जाएगी।
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नया क्या है?
कर्मचारियों के पास अब ईपीएस के लिए उच्च योगदान के लिए विकल्प है जो वर्तमान में अधिकतम 15,000 रुपये पेंशन योग्य वेतन का 8.33% है। नई विंडो में कर्मचारियों के पास यह विकल्प होगा कि वे अपने नियोक्ताओं को ईपीएस पेंशन के लिए वास्तविक मूल वेतन के 8.33% के बराबर राशि की कटौती करने दें।
कर्मचारियों और नियोक्ताओं के पास ईपीएस के लिए वास्तविक मासिक मूल वेतन का 8.33% कटौती करने के लिए ईपीएफओ से अनुरोध करने वाले संयुक्त फॉर्म पर हस्ताक्षर करने का विकल्प होगा। यह कर्मचारियों के लिए एक बड़ा कोष और उच्च पेंशन का संचय सुनिश्चित करेगा।
मुद्दा क्या है?
केंद्र सरकार ने 2014 में एक संशोधन के माध्यम से ईपीएस के तहत पेंशन योग्य वेतन कैप को 6500 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दिया था। बदले हुए नियमों के अनुसार नियोक्ताओं और सदस्यों को योजना के लिए वास्तविक वेतन का 8.33% योगदान करना आवश्यक था, यदि यह सीमा से अधिक हो। ईपीएफओ ने तब सभी ईपीएस सदस्यों को उच्च पेंशन के लिए संशोधित योजना का विकल्प चुनने के लिए छह महीने का समय दिया था। हालांकि कई सब्सक्राइबर्स ने यह मौका गंवा दिया। इसलिए पिछले नवंबर में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के आधार पर एक नई विंडो प्रदान की गई है।
शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि सभी कर्मचारी जिन्होंने विकल्प का प्रयोग नहीं किया था, लेकिन ऐसा करने के हकदार थे, लेकिन अधिकारियों द्वारा कट-ऑफ तारीख की व्याख्या के कारण ऐसा नहीं कर सके, उन्हें अपने विकल्प का उपयोग करने का एक और मौका दिया जाना चाहिए।
कौन आवेदन कर सकता है?
ईपीएफओ के परिपत्र दिनांक 20 फरवरी 2023 के अनुसार निम्नलिखित कर्मचारी अपने नियोक्ताओं के साथ संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय में संयुक्त विकल्प प्रस्तुत कर सकते हैं –
- कर्मचारी और नियोक्ता जिन्होंने 5,000 रुपये या 6,500 रुपये की वेतन सीमा से अधिक वेतन में योगदान दिया था।
- कर्मचारी और नियोक्ता जिन्होंने ईपीएस सदस्य होने के दौरान पिछली विंडो में संयुक्त विकल्प का प्रयोग नहीं किया था।
- कर्मचारी जो 1 सितंबर 2014 से पहले सदस्य थे और उस तारीख को या उसके बाद भी सदस्य बने रहे।
आवेदन कैसे करें?
यदि आप एक पात्र अभिदाता हैं तो आप संयुक्त विकल्प फॉर्म पर क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालय के समक्ष संयुक्त विकल्प का प्रयोग कर सकते हैं।
हालांकि यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि क्षेत्रीय पीएफ आयुक्तों द्वारा आवेदन प्रक्रिया की समयसीमा से संबंधित अधिक जानकारी जल्द ही प्रदान की जाएगी। सभी आवेदनों को डिजिटली लॉग इन करना होगा, जिसके लिए ईपीएफओ द्वारा एक अलग यूआरएल सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
ईपीएफ योगदान नियम
वर्तमान में कर्मचारी और नियोक्ता कर्मचारी के मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 12% EPF में योगदान करते हैं। जहाँ कर्मचारी का पूरा योगदान ईपीएफ में जाता है, नियोक्ता का 8.33% योगदान ईपीएस में और 3.67% ईपीएफ में जाता है।
- जे. पी. शुक्ला
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