NPS में अकाउंट खुलवाएं, बुढापे में किसी के आगे नहीं फैलाने पड़ेंगे हाथ!

National Pension Scheme

अगर आप एनपीएस में अकाउंट खुलवाना चाहते हैं, तो आप की उम्र 18 से 65 साल के बीच में होनी चाहिए। इसमें कोई भी भारतीय नागरिक अपना अकाउंट ओपन करा सकता है। मुख्य रूप से इसमें दो तरह के अकाउंट ओपन होते हैं।

पहले के जमाने में सरकारी नौकरी करने वालों को सबसे बड़ा फायदा यह दिखता था कि जब तक वह नौकरी करते थे, तब तक वह सैलरी लेते थे और जब वह नौकरी से रिटायर होते थे, तब उन्हें पेंशन मिलने लगती थी!

जाहिर तौर पर यह एक बड़ा आकर्षण था, जो लोगों को सरकारी नौकरी की तरफ हमेशा से खींचता रहा है। हालांकि 2005 के बाद तमाम सरकारी नौकरियों से पेंशन की सुविधा समाप्त कर दी गई और उसके बदले में एनपीएस यानी नेशनल पेंशन स्कीम की शुरुआत की गई। इसकी शुरुआत की तिथि 3 जनवरी 2004 थी। शुरुआत में इसमें केवल सरकारी कर्मचारी ही इन्वेस्ट कर पाते थे, किंतु बाद में 2009 में इसे प्रत्येक तरह के लोगों के लिए ओपन कर दिया गया।

मतलब प्राइवेट जॉब करने वाले लोग भी इस स्कीम का फायदा आसानी से ले सकते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि एनपीएस में इन्वेस्ट करने वाले लोगों को इस पर अच्छा खासा ब्याज भी मिल जाता है। आइए जानते हैं इसके कुछ पॉइंट्स...

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अगर आप एनपीएस में अकाउंट खुलवाना चाहते हैं, तो आप की उम्र 18 से 65 साल के बीच में होनी चाहिए। इसमें कोई भी भारतीय नागरिक अपना अकाउंट ओपन करा सकता है। मुख्य रूप से इसमें दो तरह के अकाउंट ओपन होते हैं जो कि टियर - 1 और टियर - 2 के नाम से जाने जाते हैं। इस अकाउंट को आप खुद अपने नाम से अथवा अपनी वाइफ के नाम से खुलवा सकते हैं। तकरीबन 60 वर्ष उम्र होने के पश्चात आपको एक साथ कैश और उसके बाद प्रत्येक महीने में पेंशन की सुविधा मिलती है।

इस स्कीम में प्रत्येक व्यक्ति को एक परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर कार्ड दिया जाता है, जिस पर 12 अंकों का एक नंबर दर्ज होता है। यही नंबर तमाम लेनदेन में प्रयोग किया जाता है।

टियर 1 अकाउंट की बात करें तो इस अकाउंट को खुलवाना अनिवार्य होता है। आप इस अकाउंट में जो भी पैसा जमा कर रहे हैं, उसे तय वक्त से पहले नहीं निकाल सकते हैं। यानी रिटायरमेंट तक आपको पैसा इसमें रखना ही। ऐसे में जब आप स्कीम से बाहर जाएंगे, तब ही इसकी रकम आप निकाल सकते हैं। 

इसी प्रकार से टियर 2 अकाउंट की बात करें तो कोई भी टियर 1 अकाउंट होल्ड करने वाला व्यक्ति इस अकाउंट को खोल सकता है और अपनी मर्जी से इसमें रकम जमा कर सकता है और निकाल भी सकता है। यूं यह अकाउंट सभी के लिए अनिवार्य नहीं है।

एक और ज़रूरी बात यह है कि 60 से पहले मौत होने पर नॉमिनी को पूरी पेंशन वेल्थ दी जाती है। ऐसे में यह काफी काम की स्कीम मानी जा रही है।

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मतलब जिस प्रकार से कोई सरकारी कर्मचारी रिटायर होता था और उसको पेंशन का लाभ मिलता था, ठीक उसी प्रकार आपको भी रिटायरमेंट के बाद पेंशन का लाभ मिलेगा और आप आत्मनिर्भर रूप से शेष जीवन व्यतीत कर सकेंगे।

अब आपके मन में प्रश्न उठा रहा होगा कि एनपीएस में हमें कितना इन्वेस्ट करना पड़ेगा?

तो यह जान लें कि कम से कम रकम इस पर आप इन्वेस्ट कर सकते हैं। अगर महीने के 1 हजार रुपए भी आप इन्वेस्ट करते हैं, तो 65 साल की उम्र तक जब आप रिटायर होंगे, तब आपको तकरीबन ₹900000 (9 लाख) कैश और प्रत्येक महीने 9000 तक की पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी।

इसी प्रकार अगर आप प्रत्येक महीने ₹5000 का इन्वेस्ट करते हैं, और अगले 30 साल तक आप इन्वेस्ट करते रहते हैं, तो उस पर तकरीबन 10% का रिटर्न आपको मिल सकता है। एग्जांपल के तौर पर अगर आपकी एज 30 वर्ष है और अगले 30 सालों के लिए प्रत्येक महीने आप ₹5000 इन्वेस्ट करते हैं, तो 60 साल की उम्र के बाद जब आप रिटायर होंगे, तो आपको 45 लाख रुपया एक साथ मिलेगा। और उसके बाद प्रत्येक महीने ₹45000 की पेंशन भी मिलेगी।

हालांकि गौर करने वाली बात यह है कि 30 साल में प्रत्येक महीने 5000 के हिसाब से आप तकरीबन 1800000 (18 लाख) रुपए इन्वेस्ट करेंगे। हालांकि इंटरेस्ट रेट थोड़ा बहुत ऊपर जरूर हो सकता है, लेकिन बावजूद इसके यह काफी फायदे का सौदा है।

इसकी मैच्योरिटी 60 वर्ष की होती है और उसके बाद आप कुल जमा राशि का 60 फ़ीसदी पैसा बिना कोई टैक्स दिए निकाल सकते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि भारत सरकार के नियमों के अनुसार इस में टैक्स में आपको काफी छूट मिलती है। पहले से आपको एटीसी के अंतर्गत डेढ़ लाख रुपए का जो बेनिफिट मिलता है, एनपीएस कराने के बाद आपको ₹50000 का अतिरिक्त बेनिफिट मिलेगा। मतलब आप ₹200000 की छूट इनकम टैक्स के तौर पर ले सकते हैं।

जहां पैसे कमाए जाते हैं, वहां रिटायरमेंट के बाद सेफ्टी की बात भी आती है। तो आप इसके लिए एक हद तक निश्चिंत हो सकते हैं, क्योंकि पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण अर्थात पीएफआरडीए की ओर से यह स्कीम चलाई जा रही है और यह काफी हद तक सेफ मानी जाती है। आप यही सोच लें कि पिछले कुछ सालों में इस स्कीम का लाभ लेने वाले लोग बड़े पैमाने पर सामने आए हैं।

सच कहा जाए तो इस जीवन का कोई भरोसा नहीं है। खासकर प्राइवेट जॉब में अगर जॉब सिक्योरिटी नहीं है, तब आपको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में आपको तत्काल ही एनपीएस में पंजीकरण करा लेना चाहिए और बुढ़ापे के बाद आप किसी भी तरह की दिक्कतों का सामना ना करें, इसके प्रति सजन हो जाना चाहिए।

मिथिलेश कुमार सिंह

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