शेयर बाजार में निवेश की शुरुआत ऐसे करें, हो जाएंगे मालामाल
शेयर बाजार (स्टॉक मार्केट) में निवेश आजकल हर किसी को लुभा रहा है। ऐसा इसलिए कि डिजिटल क्रांति से उपजी इन्टरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल करने वालों की संख्या बढ़ी है।
शेयर बाजार (स्टॉक मार्केट) में निवेश आजकल हर किसी को लुभा रहा है। ऐसा इसलिए कि डिजिटल क्रांति से उपजी इन्टरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल करने वालों की संख्या बढ़ी है। खासकर, मोबाइल द्वारा रियल टाइम में स्टॉक खरीदना और बेचना सुलभ हुआ है। बढ़ता हुआ स्टॉक मार्केट इंडेक्स और निफ्टी के लुभावने आंकड़े प्रायः हर किसी को लुभा रहे हैं। दरअसल, स्टॉक मार्केट के सम्बन्ध में तमाम जानकारी अब मोबाइल इन्टरनेट पर भी उपलब्ध है जिससे निवेश के अन्य विकल्पों, यथा- बैंक जमा, सोना आदि से भी अधिक लाभ की सम्भावना स्टॉक मार्केट निवेश में है।
लिहाजा, यदि आप भी स्टॉक मार्केट में निवेश की शुरुआत करना चाहते हैं और यह नहीं समझ पा रहे हैं कि स्टॉक मार्केट में निवेश की शुरुआत कैसे और कितनी की जाए, तो निम्नलिखित बातों पर गौर कीजिए ताकि आप स्टॉक मार्केट में समुचित निवेश की शुरुआत आसानी से कर सकें।
# जानिए, शेयर बाजार में निवेश सम्बन्धी पांच अहम बातें
ऐसा करने से पहले आपको स्टॉक मार्केट में निवेश करने में पथप्रदर्शक समझी जाने वाली पांच महत्वपूर्ण बातों को बारीकी पूर्वक समझना होगा। पहला, स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए आपके पास क्या-क्या डॉक्यूमेंट होना चाहिए? दूसरा, स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए आपको किस-किस तरह के एकाउंट खोलने की जरूरत होगी? तीसरा, स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए आपको कम से कम कितने रुपए की जरूरत होगी जिसका बुद्धिमत्तापूर्ण उपयोग करके अपनी निवेश पूंजी बढ़ाते रहेंगे? चौथा, स्टॉक मार्केट में कोई भी स्टॉक कैसे खरीदेंगे तथा कैसे उसे बेचेंगे? पांचवां, स्टॉक मार्केट में निवेश करके आप कैसे सर्वाधिक लाभ कमा पाएंगे और उसे रोटेट करते रहेंगे?
# जानिए, स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए किसी भी व्यक्ति के पास क्या-क्या महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंटस होना चाहिए?
1. पैन कार्ड :- आपको पता होना चाहिए कि स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए सबसे पहले किसी भी इच्छुक व्यक्ति के पास पैन कार्ड होना अनिवार्य है। इसका फुल फॉर्म होता है परमानेंट एकाउंट नंबर। यह दस अंकों का एक महत्वपूर्ण नंबर होता है जिसे भारतीय आयकर विभाग द्वारा जारी किया जाता है। दरअसल, भारत में किसी भी वित्तीय लेनदेन के लिए यही पैन नंबर आवश्यक होता है। यदि आपका पैन कार्ड नहीं बना है तो अविलम्ब इसे बनवा लीजिए। अब इसे बनवाने के लिए ऑनलाइन एप्लीकेशन भी एनएसडीएल की वेबसाइट पर भेज सकते हैं।
2. केवाईसी डॉक्यूमेंट:- आपने देखा होगा कि बैंक भी अपने विभिन्न खातों के लिए एक निश्चित अंतराल पर केवाईसी करती है। इसका फुल फार्म होता है नो योर कस्टमर। इसके अंतर्गत किसी भी खाताधारक से उसके आधार कार्ड एवं अन्य एड्रेस प्रूफ के अपडेट्स मांगे जाते हैं जो केवाईसी डाक्यूमेंट्स कहलाते हैं।
3. इंटरनेट बैंकिंग:- स्टॉक मार्केट से आप जो भी स्टॉक (शेयर) खरीदेंगे, उसका भुगतान करने के लिए आपको अपने ब्रोकर को पेमेंट देना होगा, क्योंकि आपका ब्रोकर ही आपके पैसे को शेयर बेचने वाले तक पहुंचाएगा और आपने जो भी शेयर ख़रीदा है, वह शेयर आपके डीमैट एकाउंट में जमा कर देगा। यही वजह है कि आपको अपने ब्रोकर को भुगतान करने के लिए अनिवार्य रूप से एक ऑनलाइन इन्टरनेट बैंकिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है, जिसके माध्यम से आप अपने ब्रोकर को भुगतान (पेमेंट) दे सकें।
लिहाजा, आपके सभी तरह के भुगतान का रिकॉर्ड रखने के लिए प्रत्येक स्टॉक ब्रोकर एक एकाउंट खोलता है, जिसे ट्रेडिंग एकाउंट कहते हैं। दरअसल, आपको कोई भी स्टॉक खरीदने के लिए सर्वप्रथम अपने इसी ट्रेडिंग एकाउंट में पैसे जमा करने होंगे, एवं शेयर बेचने पर आपका ब्रोकर इसी ट्रेडिंग एकाउंट में आपको शेयर के बदले पैसा जमा कर देंगा। इसी तरह आपकी शेयर्स की खरीद-बिक्री चलती रहेगी।
4. स्टॉक ब्रोकर का चयन:- कोई भी व्यक्ति प्रत्यक्षतः स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई या एनएसई) से स्टॉक खरीद या बेच नहीं सकता है। इसलिए स्टॉक एक्सचेंज तक हमारे स्टॉक खरीदने या बेचने के आर्डर को किसी स्टॉक ब्रोकर द्वारा ही पूरा किया जाता है। तभी तो शेयर खरीदने के लिए या स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए किसी को भी एक स्टॉक ब्रोकर की जरूरत होती है, जो एक ऐसी एजेंसी होती है जो स्टॉक एक्सचेंज पर स्टॉक खरीदने या बेचने के लिए प्राधिकृत होती है। उदाहरणार्थ– शेरखान, एंजेल ब्रोकिंग, आईसीआईसीआई डायरेक्ट, इंडियाबुल्स और अन्य।
5. डीमैट एकाउंट:- किसी भी व्यक्ति द्वारा ख़रीदे गए शेयर को अपने पास रखने के लिए हमें अनिवार्य रूप से डीमैट एकाउंट की जरूरत होती है, जिसमें ख़रीदे गए शेयर (स्टॉक) इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में जमा (क्रेडिट) रहते हैं, लेकिन जब इसे बेचा जाता है तो इसे बेचने पर भी इस अकाउंट से डेबिट कर दिए जाते हैं। प्रायः हरेक बार यही सिलसिला चलता रहता है।
6. ट्रेडिंग एकाउंट:– किसी भी शेयर को खरीदने या बेचने का काम ट्रेडिंग एकाउंट की मदद से ही किया जाता है जिसमें हमें एक यूजर आईडी और पासवर्ड मिलता है। प्रायः इसकी मदद से ही हम लोग स्टॉक ब्रोकर के सॉफ्टवेयर या सिस्टम का उपयोग करके कोई भी स्टॉक खरीदने अथवा बेचने का आर्डर देते हैं।
# जानिए ब्रोकरेज के बारे में:-
स्टॉक ब्रोकर अपनी सेवाओं के बदले आपसे जो फ़ीस लेता है, उसे ब्रोकरेज कहा जाता है। इसलिए आप जब भी अपने स्टॉक ब्रोकर का चुनाव करें तो स्टॉक ब्रोकर द्वारा दी जाने वाली सेवाओं तथा उसके ब्रोकरेज की तुलना बाजार में उपलब्ध अन्य स्टॉक ब्रोकर्स से जरूर करें ताकि आपको कम फीस देनी पड़े और सेवा भी अपेक्षाकृत बेहतर मिले।
# जानिए, स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए आपको कम से कम कितने रुपए-पैसे की जरूरत पड़ेगी?
अमूमन, स्टॉक मार्केट में निवेश की शुरुआत करने वाले नए निवेशकों के मन में कई तरह के अजीबोगरीब सवाल उठते हैं जिसमें से एक प्रमुख सवाल यह है कि उसके पास न्यूनतम कितने पैसे होने चाहिए? दूसरा सवाल यह कि क्या बैंक एकाउंट जैसे मिनिमम बैलेंस की तरह स्टॉक मार्केट में भी मिनिमम अमाउंट जमा रखने की जरूरत है? आपको पता होना चाहिए कि स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए न्यूनतम धनराशि जैसी कोई लिमिट नहीं होती है बल्कि आप 100 रुपए या 500 रुपए से भी शेयर खरीदना चाहें, बेशक खरीद सकते हैं।
रही बात डीमैट एकाउंट या ट्रेडिंग एकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखने की, तो यह जान लीजिए कि डीमैट एकाउंट में सिर्फ शेयर या स्टॉक जमा होते हैं, पैसे नहीं। लिहाजा, डीमैट एकाउंट में कम या अधिक पैसे रखने का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता। दूसरी तरफ, ट्रेडिंग एकाउंट जिसकी मदद से आप ख़रीदे गए शेयर का भुगतान अपने ब्रोकर को करते हैं, तो आपको ये पता होना चाहिए कि आपके ट्रेडिंग अकाउंट में सिर्फ उतना ही पैसा चाहिए, जितने का आप शेयर खरीदना चाहते हैं। यहां भी स्टॉक ब्रोकर ट्रेडिंग अकाउंट में किसी तरह के मिनिमम अकाउंट बैलेंस मेन्टेन करने की बात नहीं कहते।
# जानिए, स्टॉक मार्केट में स्टॉक कैसे खरीदेंगे और कैसे बेचेंगे?
इस बात में कोई दो राय नहीं कि स्टॉक मार्केट में निवेश की शुरुआत करने वाले नए निवेशकों के मन में कई तरह के प्रश्न होते हैं जिसमें एक प्रमुख सवाल यह है कि आखिरकार किसी भी स्टॉक को हम लोग कैसे खरीदेंगे और फिर कैसे बेचेंगे? तो आपको पता होना चाहिए कि अब स्टॉक खरीदना और बेचना दोनों ही आसान है, बिल्कुल मोबाइल से एसएमएस या व्हाट्सएप्प पर मैसेज भेजने जैसा।
ऐसा इसलिए कि जब आप किसी ब्रोकर के पास अपना डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोल लेते हैं तो आपका ब्रोकर आपको स्टॉक खरीदने-बेचने के लिए ट्रेडिंग एकाउंट का यूजर आईडी और पासवर्ड देगा। और आप उस यूजर आईडी और पासवर्ड को स्टॉक ब्रोकर के सॉफ्टवेयर में चाहे वो कंप्यूटर पर हो या मोबाइल पर, जैसे ही लॉग इन करते हैं तो यूजर आईडी/पासवर्ड की मदद से स्टॉक खरीदने-बेचने का आर्डर अपने ब्रोकर को देते हैं जो आपका आर्डर स्टॉक एक्सचेंज, यथा-बीएसई या एनएसई में भेजता है। फिर जैसे ही स्टॉक एक्सचेंज आर्डर को पूरा कर देता है तो आपको उस स्टॉक के खरीदने के आर्डर के पूरा हो जाने का एक कन्फर्मेशन मैसेज मिल जाता है।
# जानिए, स्टॉक मार्केट में होने वाली दो तरह की ट्रेडिंग- इंट्रा डे ट्रेडिंग और डिलीवरी बेस्ड ट्रेडिंग को
1. इंट्रा डे ट्रेडिंग:– इस तरह की ट्रेडिंग में आप शेयर को अपने पास रखने के लिए नहीं खरीदते हैं, बल्कि आप शेयर के भाव में होने वाले उतार-चढ़ाव का फायदा उठाकर लाभ कमाना चाहते हैं। लिहाजा, आप जिस दिन शेयर खरीदने का आर्डर देते हैं, उसी दिन बेच भी देते हैं। इस प्रकार यदि आप इंट्रा डे ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको अपने ट्रेडिंग एकाउंट में लॉग इन करके, स्टॉक खरीदने का आर्डर देते समय इंट्रा डे का विकल्प चुनना होगा, तभी वह काम करेगा।
2. डिलीवरी बेस्ड ट्रेडिंग:- जब आप ख़रीदे गए शेयर को अपने पास कुछ दिन या फिर जितना चाहें उतने समय के लिए अपने पास रखना चाहते हैं तो इस तरह के शेयर की खरीद के आर्डर को डिलीवरी बेस्ड ट्रेडिंग कहा जाता है। इसके लिए आपको अपने ट्रेडिंग अकाउंट में लॉग इन करके स्टॉक खरीदने का आर्डर देते समय डिलीवरी का विकल्प चुनना होगा।
ध्यान रहे कि डिलीवरी बेस्ड ट्रेडिंग में खरीदे गए स्टॉक/शेयर आप जिस दिन खरीदते हैं, उस दिन को छोड़कर अगले दो दिन बाद (टी + 2 डेज) ही आपके डीमैट एकाउंट में जमा होते हैं। इस तरह की डिलीवरी बेस्ड ट्रेडिंग में जब आपके डीमैट एकाउंट में शेयर जमा हो जाए तो उसके बाद ही आप उसे बेचें। लिहाजा, जब आप स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग शुरू करें तो इस बात को पहले सोचें कि आप किस तरह की ट्रेडिंग करना चाहते हैं– इंट्रा डे या डिलीवरी ट्रेडिंग।
-कमलेश पांडे
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