SIP क्या है ? इसमें कैसे निवेश कर सकते हैं ? इसमें फायदा कब मिलता है ?

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कमलेश पांडेय । Feb 29, 2020 2:42PM
पिछले कुछ सालों में म्यूचुअल फंड में एसआईपी यानी सिप के जरिये निवेश तेजी से बढ़ा है। इसके जरिये आपकी छोटी-सी बचत भी एक बड़ी पूंजी में तब्दील हो सकती है, बशर्ते कि आपमें धैर्य हो। इसलिए आप भी यदि अपनी बचत पर बढ़िया रिटर्न पाना या कमाना चाहते हैं तो एसआईपी को चुनिये।

सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी वित्तीय निवेश का एक बेहतर जरिया साबित हो रहा है। इसके जरिए वित्तीय निवेश अब बहुतेरे निवेशकों की पहली पसंद बन चुका है। यही वजह है कि सर्च इंजन गूगल व अन्य मंचों पर एसआईपी को सबसे अधिक खोजा यानी सर्च किया जा रहा है। ऐसा इसलिए कि अधिकांश निवेशक म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने के इस लाजवाब तौर तरीके के बारे में जानना-बुझना-समझना चाहते हैं। 

कुछ यही बात है कि पिछले कुछ सालों में म्यूचुअल फंड में एसआईपी यानी सिप के जरिये निवेश तेजी से बढ़ा है। इसके जरिये आपकी छोटी-सी बचत भी एक बड़ी पूंजी में तब्दील हो सकती है, बशर्ते कि आपमें धैर्य हो। इसलिए आप भी यदि अपनी बचत पर बढ़िया रिटर्न पाना या कमाना चाहते हैं तो आज हम आपको सूक्ष्म अध्ययन करके बता रहे हैं कि आप आसानी से एसआईपी में कैसे अपना निवेश कर सकते हैं।

खास बात यह कि बहुत से ऐसे निवेशक भी हैं जो पहले से ही एसआईपी में अच्छा निवेश कर रहे हैं, लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं जो उसकी अद्यतन स्थिति को लेकर बहुत ज्यादा स्पष्ट नहीं हैं। इसलिए यहां पर हम आपके लिए एसआईपी का एक क्विक गाइड प्रस्तुत कर रहे हैं, जिसकी सहायता से आप जान-समझ पाएंगे कि कैसे म्यूच्यूअल फंड में एसआईपी का इस्तेमाल कर आप भी अपनी संपत्ति बना और बढ़ा सकते हैं, जो समकालीन अर्थ युग की पहली जरूरत है।

पहला सवाल हर किसी के मन में यही उठता है कि आखिर एसआईपी क्या है?

तो यह जान लीजिए कि एसआईपी मतलब सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान आपको प्रत्येक महीने एक सुनिश्चित रकम को आपकी पसंदीदा म्यूच्यूअल फंड स्कीम में डालने का शानदार अवसर देता है, जो आमतौर पर इक्विटी म्यूचुअल फंड में शुरू किया जाता है। 

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इसी के साथ दूसरा सवाल हर किसी के दिमाग में उपजता है कि एसआईपी यानी सिप क्यों और कब शुरू करें, तो इसका सरल जवाब होगा कि म्युचुअल फंड में निवेश करने में वित्तीय अनुशासन का बहुत बड़ा महत्व है। दरअसल, एसआईपी आपके इसी अनुशासन को हर हाल में कायम रखता है। इसके अलावा, एसआईपी नियमित रूप से म्यूच्यूअल फंड में निवेश जारी रखता है, भले ही शेयर बाजार में तेजी हो अथवा मंदी। इससे उसकी रणनीति पर कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। यह कभी भी ट्रेडिंग मार्किट के शुभ मुहूर्त के हिसाब से कर सकते हैं ताकि शुभ-लाभ बना रहे।

किसी के दिलोदिमाग में तीसरा सवाल यह उठता है कि यदि आपने किसी म्यूचुअल फंड स्कीम में एक निश्चित रकम हर महीने डालने का फैसला किया तो आपको इसके लिए समय निकलना पड़ेगा। उसकी बारीकियों को समझना और आंकना पड़ेगा। वैसे भी जब आप समय निकालकर किसी म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने बैठेंगे तो आप महसूस करते हैं कि शेयर बाजार कमजोर है या तेज है और यदि कमजोर है तो आपको लगता है कि कहीं आपका निवेश डूब ना जाये और शायद इसी वजह से आप अपने फैसले को टाल देते हैं। लेकिन एसआईपी आपको इन सभी परेशानियों से बचाता है और खास निर्धारित दिन को आपकी पसंदीदा म्यूच्यूअल फंड स्कीम में पहले से तय राशि आपके बैंक अकाउंट से लेकर निवेश कर देता है, जिससे आपको औसतन लाभ मिलता है।

चौथी और एसआईपी की सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें कम्पाउंडिंग का फायदा है। यदि आप लंबी अवधि तक म्यूच्यूअल फंड में निवेश करते हैं और रिटर्न कमाते हैं तो आपके इस रिटर्न पर भी आपको रिटर्न मिलता रहता है, जब तक कि आप उस रकम को निकाल ना लें। इससे अंत में आपको एक बड़ा फंड जुटाने में मदद मिलती है।

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पांचवां सवाल यह है कि एसआईपी शुरू करने के लिए किसी भी व्यक्ति को आखिरकार न्यूनतम कितनी रकम चाहिए? तो जवाब यह होगा कि आप किसी म्यूचुअल फंड स्कीम में एसआईपी महज 500 रूपये महीने की रकम से भी शुरू कर सकते हैं। ऐसे में बात यह भी उठती है कि क्या एसआईपी को जारी रखा जा सकता है? तो जवाब यहां भी होगा कि हां। दरअसल, बहुत से एसआईपी तय अवधि के लिए शुरू किये जाते हैं और उनमें हर महीने एक निश्चित रकम डाली जाती है, इसलिए निवेशक एसआईपी को अपने हिसाब से कस्टमाइज कर सकते हैं। वहीं, बहुत से फंड हाउस निवेशक को मासिक, पाक्षिक और पखवाड़े के हिसाब से भी निवेश करने की सुविधा देते हैं, ताकि सबको सहूलियत हो सके।

सबसे अंतिम बात यह कि यदि आप 40 वर्ष की आयु पार कर रहे हैं तो चेक कीजिये अपना पर्सनल फाइनेंस। और यह जान लीजिए कि एसआईपी में निवेशक के पास निर्धारित रकम को घटाने-बढ़ाने का विकल्प भी होता है। इसके अलावा, एलर्ट एसआईपी के जरिये निवेशकों को ऐसी सूचना भी मिलती है जिसमें शेयर बाजार की कमजोरी पर अधिक रकम निवेश करने का मौका उपलब्ध कराया जाता है। वहीं, दीर्घकालीन एसआईपी में निवेशकों को समाप्ति की तारीख चुनने की जरूरत नहीं होती। बस एक बार जब आपके निवेश का लक्ष्य पूरा हो जाये, तब आप फंड हाउस को एक सूचना देकर इसे बंद करा सकते हैं। तो अब और विलम्ब मत कीजिये और एसआईपी में निवेश करके अपनी सम्पत्ति बढ़ाइए।

-कमलेश पांडेय

(वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार)

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