- |
- |
अभ्युदय योजना के जरिए प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क तैयारी कराएगी योगी सरकार
- कमलेश पांडेय
- फरवरी 18, 2021 16:39
- Like

उत्तर प्रदेश के दूर-दराज इलाकों में रहने वाले और गरीब तबके के होनहार छात्रों के लिए यूपी की सजग, सक्रिय व संवेदनशील योगी सरकार 'अभ्युदय योजना' लेकर आई है। वास्तव में, यह योजना उन विद्यार्थियों अथवा छात्र-छात्राओं के लिए है जो शहरों में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए नहीं जा सकते हैं।
जीवन एक प्रतियोगिता है, जिसमें अव्वल आना हर कोई चाहता है। लेकिन किसी के पास बुद्धि की कमी महसूस होती है तो किसी के पास धन दौलत का आभाव होता है और किसी किसी कि पारिवारिक व सामाजिक पृष्ठभूमि भी बिल्कुल अलग होती है जो जीवन की प्रतियोगिता में सम्बंधित व्यक्ति को अव्वल आने से रोकती है। लेकिन कहा जाता है कि जहां चाह वहां राह। यानी कि यदि व्यक्ति कोई भी कार्य दिल से करने की ठान ले और अपने चंचल दिमाग को सम्बन्धित कार्य को निष्पादित करने के प्रति एकाग्रचित कर ले तो बुद्धि, धन-सम्पत्ति और निज पृष्ठभूमि की किल्लत कतई उसके लक्ष्य के आड़े नहीं आएगी।
इसे भी पढ़ें: भारतमाला परियोजना- विज़नरी कॉरिडोर अक्रॉस इंडिया
# 16 फरवरी को होगी अभ्युदय योजना की विधिवत शुरुआत
शायद यही सोचकर उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्रीय लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी, राज्य लोक सेवा आयोग यानी यूपीपीएससी, बैंकिंग, एसएससी जैसी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए नि:शुल्क कोचिंग की व्यवस्था की है, ताकि साधन की किल्लत के चलते किसी होनहार छात्र का साध्य नहीं बदले। इसके लिए योगी सरकार ने शिक्षा की देवी मां सरस्वती को समर्पित तिथि वसंत पंचमी के अवसर पर 'अभ्युदय योजना' की शुरुआत की है, जिसकी विधिवत शुरुआत आगामी 16 फरवरी को वसंत पंचमी 2021 से हो गई है।
हालांकि, इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया गत 10 फरवरी से ही शुरू हो गई है। खास बात यह कि स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर रजिस्ट्रेशन शुरू होने की जानकारी दी है। इससे यूपी के प्रतियोगी छात्रों की बल्ले बल्ले हो गई है। उनमें एक नए उत्साह का संचार हुआ है।
# जानिए क्या है 'अभ्युदय योजना'
उत्तर प्रदेश के दूर-दराज इलाकों में रहने वाले और गरीब तबके के होनहार छात्रों के लिए यूपी की सजग, सक्रिय व संवेदनशील योगी सरकार 'अभ्युदय योजना' लेकर आई है। वास्तव में, यह योजना उन विद्यार्थियों अथवा छात्र-छात्राओं के लिए है जो शहरों में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए नहीं जा सकते हैं। ऐसे में प्रदेश के हर मंडल में यानी कुल 16 मंडल में शुरू होने वाली अभ्युदय कोचिंग ऐसे छात्रों के लिए वरदान साबित होगी, जिनके पास प्रतिभा तो है लेकिन संसाधनों की कमी में पीछे रह जाते हैं।
# विभिन्न महत्वपूर्णप्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी दी जाएगी ट्रेनिंग
योगी आदित्यनाथ की सरकार की इस योजना के जरिए छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उच्च स्तरीय मार्गदर्शन और एग्जाम से पहले ट्रेनिंग दी जाएगी। जिसमें संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी), उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी), अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी), अन्य भर्ती बोर्ड, नीट (एनईईटी), जेईई, एनडीए, पीओ, एसएससी, टीईटी, बीएड और अन्य परीक्षाएं शामिल की गई हैं।
इसे भी पढ़ें: प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना का उद्देश्य और इसके फायदे
बताया जाता है कि इन कोचिंग सेंटर्स में प्रदेश के छात्रों को आईएएस, आईपीएस और पीसीएस अधिकारी भी मुफ्त में कोचिंग देंगे। उनके निज अनुभवों से छात्रगण अपेक्षाकृत अधिक लाभान्वित होंगे। इसके तहत उत्तर प्रदेश के हर मंडल से 500 छात्र-छात्राओं यानी कुल 16 मंडलों से लगभग 8000 छात्र-छात्राओं का चयन किया जाएगा। इस योजना में अभिरुचि रखने वाले अभ्यर्थी http://abhyuday.up.gov.in लिंक पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
# 6 सदस्यीय राज्य स्तरीय समिति का किया गया है गठन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस महत्वाकांक्षी योजना के क्रियान्वयन के लिए अपर मुख्य सचिव समाज कल्याण की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय राज्य स्तरीय समिति का गठन किया गया है। इसके अलावा, विभिन्न मंडलायुक्त की अध्यक्षता में 12 सदस्यीय मंडलीय समिति का भी गठन किया गया है। बताया जाता है कि राज्य स्तरीय समिति कंटेंट और पठन-पाठन सामग्री के लिए जरूरत के हिसाब से एक्सपर्ट को बुलाएगी। वहीं, समिति शिक्षण कैलेंडर बनाने, विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित सामग्री तैयार करने का काम भी करेगी।
- कमलेश पांडेय
वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार
Related Topics
abhyudaya yojana abhyudaya coaching yogi adityanath registration for free coaching upsc coaching upsc free coaching government job in UP up free coaching yojana uttar pradesh Uttar Pradesh government free coaching scheme कोचिंग फ्री कोचिंग अभ्युदय योजना योगी आदित्यनाथ अभ्युदय योजना क्या है अभ्युदय योजना उत्तर प्रदेश वसंत पंचमीदुर्घटना हुई है तो मोटर वाहन अधिनियम के यह प्रावधान करेंगे आपकी मदद
- जे. पी. शुक्ला
- फरवरी 26, 2021 17:26
- Like

यह अधिनियम मोटर वाहनों के चालकों के लाइसेंस, मोटर वाहनों के पंजीकरण, यातायात पर नियंत्रण, मोटर वाहनों के बीमा और मोटर वाहनों से जुडी दुर्घटनाओं के पीड़ितों को मुआवजे के लिए क्लेम ट्रिब्यूनल की स्थापना के लिए प्रावधान करता है।
मृत्यु के मामले में हर्जाने का दावा करने के अधिकार को आम कानून के तहत वर्ष 1846 की शुरुआत में मान्यता मिली थी। आगे कानून विकसित हुआ और भारत में घातक दुर्घटना अधिनियम, 1855 लागू हुआ। इसके बाद मोटर वाहन अधिनियम, 1939 को विशेष रूप से मोटर वाहन से होने वाली दुर्घटनाओं से निपटने के लिए लागू किया गया था। इसके बाद, मोटर वाहन अधिनियम, 1988 को मोटर वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं से संबंधित कानून को मजबूत करने और संशोधित करने के लिए लागू किया गया था।
इसे भी पढ़ें: अभ्युदय योजना के जरिए प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क तैयारी कराएगी योगी सरकार
मोटर वाहन अधिनियम का उद्देश्य
यह अधिनियम मोटर वाहनों के चालकों के लाइसेंस, मोटर वाहनों के पंजीकरण, यातायात पर नियंत्रण, मोटर वाहनों के बीमा और मोटर वाहनों से जुडी दुर्घटनाओं के पीड़ितों को मुआवजे के लिए क्लेम ट्रिब्यूनल की स्थापना के लिए प्रावधान करता है। सड़क दुर्घटना में किसी व्यक्ति की मृत्यु या शारीरिक चोट से संबंधित मामले की जांच करने वाले पुलिस अधिकारी को 3 महीने के भीतर क्लेम ट्रिब्यूनल को आवश्यक प्रारूप में (धारा 159) रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य होता है।
मोटर वाहन अधिनियम, 1988 को निम्नलिखित उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए अधिनियमित किया गया है:
- देश में वाणिज्यिक वाहनों और व्यक्तिगत वाहनों दोनों की तेजी से बढ़ती संख्या का ध्यान रखना
- सड़क सुरक्षा मानकों और प्रदूषण नियंत्रण उपायों के लिए खतरनाक और विस्फोटक पदार्थों के परिवहन के लिए मानक
- यातायात अपराधियों पर नज़र रखने के प्रभावी तरीकों की आवश्यकता
- ड्राइविंग लाइसेंस प्रदान करने और इसकी वैधता की अवधि से संबंधित कड़ी प्रक्रियाएं
- सामान्य बीमा निगम द्वारा सोलाटियम योजना
- "नो फॉल्ट लायबिलिटी" के मामलों में त्वरित मुआवजे के लिए और “हिट एंड रन” मोटर दुर्घटनाओं के लिए प्रावधान
- मोटर दुर्घटनाओं के पीड़ितों को बीमाकर्ता द्वारा मुआवजे के वास्तविक भुगतान का प्रावधान चाहे किसी भी तरह की व्हीकल हो
- बिना लंबी प्रक्रिया के सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को पर्याप्त मुआवजा प्रदान करना
- यातायात अपराधियों के लिए दंड को बढ़ाना
- हिट एंड रन मामलों के पीड़ितों के मुआवजे की राशि में वृद्धि
- सड़क दुर्घटना पीड़ितों द्वारा मुआवजे के लिए आवेदन भरने के लिए समय सीमा को हटाना
- कुछ मामले में अपराधों की सजा को सख्त बनाना
- सड़क दुर्घटना पीड़ितों को उम्र / आय के आधार पर मुआवजे के भुगतान के लिए फॉर्मूला बनाना, जो अधिक उदार और तर्कसंगत हो
इसे भी पढ़ें: भारतमाला परियोजना- विज़नरी कॉरिडोर अक्रॉस इंडिया
मुआवजे के अनुदान के लिए आवेदन कैसे करें?
क्षतिपूर्ति के लिए आवेदन, मोटर वाहन अधिनियम की धारा 166 के तहत 10 रुपये के कोर्ट-शुल्क टिकटों के रूप में किया जाता है।
मुआवजे के अनुदान की मांग करने वाले क्लेमेंट के आवेदन के लिए निम्नलिखित विवरण दिए जाने चाहिए:
1. घायल / मृत व्यक्ति का नाम और पिता का नाम (विवाहित महिला और विधवा के मामले में पति का नाम)
2. घायल / मृत व्यक्ति का पूरा पता
3. घायल / मृत व्यक्ति की आयु और उसका व्यवसाय
4. बीमाधारक / मृतकों के एम्प्लायर का नाम पता, यदि कोई हो
5. घायल / मृत व्यक्ति की मासिक आय
6. वह व्यक्ति जिसके मुआवजे का दावा किया गया हो, वह आयकर का भुगतान करता है या नहीं
7. दुर्घटना की जगह, तारीख और समय
8. उस पुलिस स्टेशन का नाम और पता जिसके अधिकार क्षेत्र में दुर्घटना हुई या पंजीकृत किया गया था
सीमा अवधि
क्षतिपूर्ति के लिए कोई भी आवेदन तब तक अटेंड नहीं किया जाएगा जब तक कि वह दुर्घटना की घटना के छह महीने के भीतर नहीं किया जाता है।
मुआवजे के लिए आवेदन कहाँ दायर करें?
- उस क्लेम ट्रिब्यूनल के अधिकार क्षेत्र में जिसमें दुर्घटना हुई
- क्लेम ट्रिब्यूनल के स्थानीय सीमा के भीतर जिसके अधिकार क्षेत्र में दावेदार निवास करता है या व्यवसाय करता है
- जिनके अधिकार क्षेत्र की स्थानीय सीमा के भीतर प्रतिवादी रहता है
मोटर वाहन अधिनियम के तहत दंडात्मक प्रावधान
मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के अंतर्गत दंडात्मक प्रावधान होते हैं, जिसमें उल्लंघन करने वालों पर सजा या जुर्माना या दोनों लगाया जाता है। यहां तक कि आपराधिक कानून भी होते हैं, जब वाहन चालक की लापरवाही से कोई दुर्घटना का शिकार हो जाता है, जिससे पीड़ित की मौत हो जाती है।
इसे भी पढ़ें: प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना का उद्देश्य और इसके फायदे
मोटर वाहन अधिनियम जनता के लिए विभिन्न नियम और विनियम प्रदान करता है और ऑटोमोबाइल उद्योग में प्रगति के कारण हमारे समाज में इसका व्यापक महत्व भी है। यदि अधिनियम के किसी भी नियम का उल्लंघन किया जाता है तो अपराधी को गंभीर दंड भी दिया जाता है।
मृत्यु / स्थायी विकलांगता के मामले में देय एकमुश्त मुआवजे का भुगतान
मोटर दुर्घटना का शिकार या उसके कानूनी उत्तराधिकारी, निम्नलिखित राशियों के एकमुश्त मुआवजे का दावा कर सकते हैं (धारा 164):
(i) मृत्यु के मामले में रु 5 लाख
(ii) गंभीर चोट के मामले में रु 2.5 लाख
इस अधिनियम में हिट एंड रन मोटर दुर्घटना के मामले में मृत्यु के मामले में रु. 2 लाख और गंभीर चोट के मामले में रु 50,000 के मुआवजे की निश्चित राशि के भुगतान का प्रावधान है।
मुआवजे की राशि मृतक के कानूनी उत्तराधिकारियों के बीच उनकी निकटता के आधार पर वितरित की जाती है। यह प्रत्येक मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर अदालत द्वारा किया जाता है।
- जे. पी. शुक्ला
Related Topics
Motor Vehicle Act 1988 Motor Vehicle Act How to file a claim in case of accident/death by motor vehicle What is the Motor Vehicle Act 1988 Punitive provisions under the Motor Vehicle Act Where to file application for compensation in accident/death by motor vehicle मोटर वाहन अधिनियम मोटर वाहन अधिनियम का उद्देश्य क्या है मोटर वाहन अधिनियम वाहन दुर्घटना दुर्घटना अधिनियम सड़क दुर्घटनाहुनर हाट से जुड़कर अपने उत्पादों को दें एक बड़ा बाजार, ताकि चमक उठे आपका कारोबार
- कमलेश पांडेय
- फरवरी 23, 2021 18:27
- Like

दरअसल, सरकार अब वैश्विक स्तर पर, राष्ट्रीय स्तर पर, प्रदेश स्तर पर, प्रमंडल-मंडल स्तर पर, जनपद व अनुमंडल स्तर पर ऐसे हुनर हाट को बढ़ावा दे रही है, ताकि कारीगर व शिल्पकार एक दूसरे से मिलजुलकर अपना अनुभव व पेशेवर लाभ बढ़ा सकें।
हरेक व्यक्ति में एक खास हुनर होती है, जिससे वह दुनिया को लाभान्वित करते हुए अपनी दुनियादारी को साधता है। मोदी सरकार ने ऐसे हुनर को पहचानने, उन्हें प्रशिक्षित करने, उनकी आर्थिक मदद करके उनके द्वारा तैयार उत्पादों को एक बड़ा बाजार प्रदान करने का बीड़ा उठाया है। सरकार ऐसे समूहों को तकनीकी लाभ पहुंचाने के प्रति भी सचेष्ट है। वह अपनी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं, गैर सरकारी संगठनों, संस्थाओं व निजी कंपनियों के माध्यम से ऐसे पेशेवरों को प्रोत्साहित करके रोजगार के बेशुमार अवसर पैदा करना चाहती है, ताकि एक राष्ट्र के रूप में भारतवर्ष खुद आत्मनिर्भर बन सके। साथ ही अपने अतिरिक्त व गुणवत्ता पूर्ण उत्पादनों से वैश्विक जगत को भी लाभान्वित कर सके।
इसी नजरिये से गत वर्षों की भांति इस वर्ष 20 फरवरी से 1 मार्च तक नई दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में 26वें हुनर हाट का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें देश के कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 600 से अधिक कारीगर और शिल्पकार भाग ले रहे हैं। इनमें बड़ी संख्या में महिला शिल्पकार भी शामिल हुई हैं। क्योंकि इस बार के हुनर हाट का मुख्य विषय है 'वोकल फॉर लोकल'।
इसे भी पढ़ें: भारतमाला परियोजना- विज़नरी कॉरिडोर अक्रॉस इंडिया
अब आप भी यदि हुनरमंद एवं पेशेवर कारीगर व शिल्पकार हैं तो ऐसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हिस्सा लेना ना भूलें, क्योंकि इसमें शिरकत करने से न केवल आपको एक विशिष्ट पहचान मिलेगी, बल्कि उससे कतिपय खास अनुभव भी हासिल होंगे। साथ ही, बड़ा बाजार और अप्रत्याशित आर्डर जो मिलेंगे, सो अलग।
दरअसल, सरकार अब वैश्विक स्तर पर, राष्ट्रीय स्तर पर, प्रदेश स्तर पर, प्रमंडल-मंडल स्तर पर, जनपद व अनुमंडल स्तर पर ऐसे हुनर हाट को बढ़ावा दे रही है, ताकि कारीगर व शिल्पकार एक दूसरे से मिलजुलकर अपना अनुभव व पेशेवर लाभ बढ़ा सकें। इसके वास्ते वह ऐसे आयोजनों पर विभिन्न तरह के अनुदान यानी सब्सिडी भी मुहैया करवाती है।
बता दें कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा अपने से जुड़े स्वदेशी दस्तकारों, शिल्पकारों के 26वें "हुनर हाट" का आयोजन "वोकल फॉर लोकल" थीम के साथ 20 फरवरी को शुरू होकर आगामी 1 मार्च 2021 तक किया जा रहा है, जिसमें देश के 31 से अधिक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से 600 से अधिक दस्तकार, शिल्पकार शामिल हो रहे हैं। इनमें बड़ी संख्या में महिला कारीगर भी शामिल हैं।
# हुनर हाट ने दिया 5 लाख से ज्यादा दस्तकारों को मौका
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा देशभर के दस्तकारों, शिल्पकारों के स्वदेशी उत्पादनों को लोगों तक पहुंचाने एवं प्रोत्साहित करने के लिए एक "परफेक्ट प्लेटफार्म" के तौर पर "हुनर हाट" लगवाया जा रहा है, जिससे अब तक 5 लाख से ज्यादा दस्तकारों, शिल्पकारों, कलाकारों को रोजगार और रोजगार के जुड़े मौके मिल चुके हैं। लक्ष्य है कि आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के साथ हमलोग 75 "हुनर हाट" के जरिये 7 लाख 50 हजार दस्तकारों को रोजगार-रोजगार के मौकों से जोडे़ंगे।
# "हुनर हाट" ई प्लेटफार्म के साथ ही GeM पोर्टल पर भी
यह "हुनर हाट" ई प्लेटफार्म http://hunarhaat.org के साथ ही GeM पोर्टल पर भी देश-विदेश के लोगों के लिए उपलब्ध रहेगा, जहां लोग सीधे दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों के बेहतरीन स्वदेशी सामानों को देख-खरीद सकेंगे। जाहिर है कि एक ओर जहां "हुनर हाट", देश के स्वदेशी कारीगरों, शिल्पकारों का "एम्प्लॉयमेंट और एम्पावरमेंट एक्सचेंज" साबित हुआ है, वहीं दूसरी ओर "हुनर हाट" इन कारीगरों को देश-विदेश में मौका एवं मार्केट मुहैया कराने का प्रभावी प्लेटफार्म भी बन गया है।
इसे भी पढ़ें: अभ्युदय योजना के जरिए प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क तैयारी कराएगी योगी सरकार
# देश के सभी क्षेत्रों के पारम्परिक लजीज़ पकवानों का भी उठा सकते हैं लुत्फ
नई दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित हो रहे "हुनर हाट" के "बावर्चीखाने" में देश के सभी क्षेत्रों के पारम्परिक लजीज़ पकवानों का यहां आने वाले लोग लुत्फ़ उठा रहे हैं। साथ ही देश के प्रसिद्द कलाकारों के विभिन्न सांस्कृतिक, गीत-संगीत के शानदार कार्यक्रमों का भी आनंद भी ले रहे हैं। तो फिर आपको भी मौका नहीं चूकना चाहिए।
# विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के कारीगर-शिल्पकार पहुंचे दिल्ली, अब उनके राज्यों में भी लगेंगे ऐसे हाट
बता दें कि जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित हो रहे हुनर हाट में आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखण्ड, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, नगालैंड, ओडिशा, पुडुचेरी, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल राज्यों सहित केंद्र शासित प्रदेशों से दस्तकार, शिल्पकार, कारीगर शामिल हो रहे हैं। वहीं, सम्बन्धित केंद्रीय मंत्री की मानें तो आने वाले दिनों में हुनर हाट का आयोजन गोवा, भोपाल, जयपुर, चंडीगढ़, मुंबई, हैदराबाद, रांची, सूरत/अहमदाबाद, कोच्चि, गुवाहाटी, भुवनेश्वर, पटना, जम्मू-कश्मीर आदि स्थानों पर होगा। इसलिये आप भी अपनी पसंद व जरूरत के हिसाब से निकटवर्ती हुनर हाट में शिरकत करने का मन बना लीजिए, यहां पर अपनी भागीदारी जताने से लाभ-हानि से अलग कुछ ऐसी सीख मिलेगी, जिससे भविष्य में आपको अपने कारोबारी अथवा पेशेवर विस्तार में काफी मदद मिलेगी।
- कमलेश पांडेय
वरिष्ठ पत्रकार व स्तंभकार
क्रिप्टो करेंसी को लेकर आपके मन में उठ रहे सवाल, यहा जानें सबकुछ
- अंकित सिंह
- फरवरी 16, 2021 19:15
- Like

सर्वप्रथम क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत 2009 में हुई थी जो “बिटकॉइन” थी। इसको जापान के सतोषी नाकमोतो नाम के एक इंजीनियर ने बनाया था। प्रारम्भ में यह उतनी प्रचलित नहीं थी, किन्तु धीरे-धीरे इसके रेट आसमान छूने लगे, जिससे यह सफल हो गई।
क्रिप्टो करेंसी, अपने यह शब्द खूब सुना होगा। कई बार जानने की कोशिश भी की होगी। आज हम भी आपको इसी क्रिप्टो करेंसी के बारे में बताने जा रहे है। क्रिप्टो करेंसी को लेकर फिलहाल भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। क्रिप्टो करेंसी बिल को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया चल रही है। इसे केंद्रीय मंत्रिमंडल को भेज दिया गया है और जल्द ही इस को लेकर विधेयक लाया जाएगा। इन बातों की जानकारी वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने संसद में दी। आपको यह जान लेना जरूरी है कि फिलहाल क्रिप्टो करेंसी के लिए भारत में कोई भी कानूनी ढांचा भारतीय रिजर्व बैंक, सेबी और अन्य नियामक संस्थाओं के पास नहीं है। भारत में क्रिप्टो करेंसी को मुद्रा नहीं माना गया है। 2018 में आरबीआई की ओर से क्रिप्टो करेंसी से संबंधित लेन-देन पर रोक लगा दी गई थी। हालांकि, 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने इस रोक को हटा दिया। इन दिनों क्रिप्टो करेंसी में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है।
इसे भी पढ़ें: प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना का उद्देश्य और इसके फायदे
अब हम आपको क्रिप्टो करेंसी के बारे में बताते है। क्रिप्टो करेंसी डिजिटल करेंसी होती है। इसे अपना ना देख सकते हैं और ना ही छू सकते है। यही कारण है कि इससे आभासी मुद्रा कहा जाता है। पिछले कुछ सालों में इसका प्रचलन खूब बढ़ा है। क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी मुद्रा है जो कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी होती है। यह एक स्वतंत्र मुद्रा है जिसका कोई मालिक नहीं होता। क्रिप्टोकरेंसी को कोई बैंक जारी नहीं करती है। इसे जारी करने वाले ही इसे कंट्रोल करते हैं। एक अथॉरिटी के काबू में भी नहीं होती। अमूमन रुपया, डॉलर, यूरो या अन्य मुद्राओं की तरह ही इस मुद्रा का संचालन किसी राज्य, देश, संस्था या सरकार द्वारा नहीं किया जाता। यह एक डिजिटल करेंसी होती है जिसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है। आमतौर पर इसका प्रयोग किसी सामान की खरीदारी या कोई सर्विस खरीदने के लिए किया जा सकता है।
सर्वप्रथम क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत 2009 में हुई थी जो “बिटकॉइन” थी। इसको जापान के सतोषी नाकमोतो नाम के एक इंजीनियर ने बनाया था। प्रारम्भ में यह उतनी प्रचलित नहीं थी, किन्तु धीरे-धीरे इसके रेट आसमान छूने लगे, जिससे यह सफल हो गई। देखा जाए तो 2009 से लेकर वर्तमान समय तक लगभग 1000 प्रकार की क्रिप्टो करेंसी बाजार में मौजूद हैं, जो पियर टू पियर इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के रूप में कार्य करती है।
अब हम आपको मुख्य क्रिप्टो करेंसी जो आजकल बाजार में उपलब्ध है और जिन का प्रचलन भी ज्यादा हो रहा है उसके बारे में बताते है। इनमे रेड कॉइन, सिया कॉइन, सिस्कोइन, वॉइस कॉइन और मोनरो शामिल हैं।
1. रेड कॉइन:- इसका उपयोग लोगों को टिप देने के लिए किया जाता है।
2. सिया कॉइन:- सिया कॉइन को एस सी से अंकित किया जाता है। यह कॉइन अच्छी ग्रोथ कर रही है। इस कॉइन की कीमत और भी अधिक बढ़ सकती है।
3. एसवाईएस कॉइन (सिस्कोइन):- यह क्रांतिकारी क्रिप्टो करेंसी है जो जीरो लागत के वित्तीय लेनदेन और अविश्वसनीय गति के साथ प्रदान करता है।
4. वॉइस कॉइन:- यह उभरते हुये संगीतकारों के लिए तैयार किया गया एक ऐसा मंच है जहां गायक अपने संगीत का स्वयं मूल्य निर्धारण कर सकते हैं।
5. मोनेरो:- यह भी एक प्रकार की क्रिप्टो करेंसी है जिसमें विशेष प्रकार की सिक्योरिटी का उपयोग किया जाता है। इसे रिंग सिग्नेचर नाम से जाना जाता है।
इसे भी पढ़ें: क्या है नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन? आम लोगों को इससे क्या होगा लाभ?
अब हम आपको क्रिप्टो करेंसी के फायदे और नुकसान के बारे में बताते है। सबसे पहले आप इसके लाभ जान लीजिए। क्रिप्टो करेंसी के लाभ अधिक है और घाटा कम क्योंकि क्रिप्टो करेंसी डिजिटल है। ऐसे में इसमें धोखाधड़ी की संभावनाएं बहुत कम होती है। अधिक पैसा होने पर क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना फायदेमंद साबित हो सकता है। इसकी कीमतों में लगातार उछाल आता रहता है। क्रिप्टो करेंसी के लिए कई सारे वॉलेट उपलब्ध है। इसकी वजह से खरीदारी और पैसे का लेनदेन आसान हो जाता है। क्रिप्टो करेंसी पर किसी अथॉरिटी का कंट्रोल नहीं होता जिसके चलते नोटबंदी या करेंसी का मूल्य घटने जैसा खतरा कभी सामने आता नहीं है। क्रिप्टो करेंसी खरीद कर उसे देश के बाहर आसानी से भेजी जा सकता है और फिर उसे पैसे में रुपांतरित किया जा सकता है। क्रिप्टो करेंसी का सबसे बड़ा फायदा उन लोगों को होता है जो अपना धन छुपाकर रखना चाहते हैं। इसलिए क्रिप्टो करेंसी पैसे छुपाकर रखने का सबसे अच्छा प्लेटफॉर्म बनकर उभरा है। आपको यह जानना भी जरूरी है कि क्रिप्टो करेंसी पूरी तरह से सुरक्षित है।
आपने क्रिप्टो करेंसी के फायदे तो जान लिया, अब नुकसान भी जान लीजिए। क्रिप्टो करेंसी डिजिटल करेंसी है ऐसे में इसका मुद्रण नहीं किया जाता। यानी कि इस करेंसी के नोट नहीं छापे जाते हैं और ना ही बैंक के अकाउंट या पासबुक जारी किया जाता है। क्रिप्टो करेंसी पर कंट्रोल किसी देश, संस्थान या सरकार का नहीं है ऐसे में कभी-कभार इसकी उछाल बहुत ज्यादा हो जाती है तो वहीं गिरावट भी काफी देखने को मिलती है। इस वजह से इसमें निवेश करना कभी-कभी जोखिम भरा साबित होता है। इसका उपयोग गलत कामों के लिए जैसे हथियार की खरीद-फरोख्त, ड्रग्स सप्लाई, कालाबाजारी आदि में आसानी से किया जा सकता है, क्योंकि इसका इस्तेमाल दो लोगों के बीच ही किया जाता है। लिहाजा, यह काफी खतरनाक भी हो सकता है। इसको हैक करने का भी खतरा बना रहता है। इसका एक और नुकसान यह है कि यदि कोई ट्रांजैक्शन आपसे गलती से हो गया तो आप उसे वापस नहीं मंगा सकते हैं जिससे आपको घाटा होता है।
- अंकित सिंह

