Angarika Sankashti Chaturthi 2023: अंगारकी विनायक गणेश चतुर्थी व्रत से घर में आती है समृद्धि

आज अंगारकी विनायक गणेश चतुर्थी है, इस दिन भगवान गणेश की पूजा होती है तो आइए हम आपको अंगारकी विनायक गणेश चतुर्थी की पूजा विधि और व्रत के महत्व के बारे में बताते हैं।
विनायक गणेश चतुर्थी व्रत से जुड़ी पौराणिक कथा
शिवपुराण में एक कथा प्रचलित है। इस कथा के अनुसार माता पार्वती ने स्नान करते समय अपनी मैल से एक पुत्र उत्पन्न कर द्वारपाल बना दिया। शिवजी जब लौट कर आए तो उस बालक ने प्रवेश करने से मना कर दिया। इस पर शिवगणों ने बालक के साथ संग्राम किया लेकिन कोई बालक से जीत नहीं सका। इस पर शंकर जी त्रिशूल से उस बालक का सिर काट दिया। शिव जी के इस बर्ताव पर माता पार्वती बहुत क्रुद्ध हुईं। इस पर नारद के साथ अन्य देवताओं ने जगदम्बा को स्तुति कर शांत किया। शिव जी के कहने पर विष्णु जी रास्ते में पड़ने वाले पहले जीव का सिर लेकर आए उस बालक धड़ पर स्थापित कर दिया। इस पर जगदम्बा अति प्रसन्न हुई और उसे सभी देवताओं में श्रेष्ठ होने का आर्शीवाद दिया। शिव जी ने कहा हे गिरिजानंदन तू सुख-समृद्धि का स्वामी होगा। भादो मास की कृष्णपक्ष की चतुर्थी को चंद्रोदय के बाद उदित होने के कारण समस्त संसार तेरी अराधना करेगी। गणेश जी की व्रत तथा पूजा से घर में सुखों का वास होगा।
अंगारकी विनायक चतुर्थी का शुभ मुहुर्त
चतुर्थी तिथि की शुरुआत 22 मई की रात 11 बजकर 18 मिनट पर होगी और इसकी समाप्ति 23 मई की देर रात 12 बजकर 57 मिनट पर होगी। विनायक चतुर्थी व्रत 23 मई को रखा जाएगा। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 28 मिनट से दोपहर 1 बजकर 42 मिनट तक रहेगा।
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अंगारकी विनायक चतुर्थी का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार विनायक चतुर्थी का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। भगवान गणेश की पूजा करने से कार्यों में किसी भी तरह की कोई रुकावट नहीं आती है। इसलिए गणपति महाराज को विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है। भगवान गणेश सुख और समृद्धि के देवता हैं। पंडितों का मानना है कि गणेश जी की पूजा करने से सुख, समृद्धि और बुद्धि आती है। इस बार कई तरह के ग्रहों के संयोग से शुभ मुहूर्त बन रहा है इसलिए इस वर्ष गणेश पूजा का विशेष महत्व है।
अंगारकी विनायक चतुर्थी पर करें ये उपाय:
अंगारकी विनायक चतुर्थी का दिन बहुत खास होता है। पंडितों के अनुसार अगर आप इस दिन गणेश जी को शतावरी चढ़ाते हैं तो इससे व्यक्ति की मानसिक शांति बनी रहती है। गेंदे के फूल की माला को घर के मुख्य द्वार पर बांधने से घर की शांति वापस आती है। साथ ही गणेश जी को अगर चौकोर चांदी का टुकड़ा चढ़ाया जाए तो घर में चल रहा संपत्ति को लेकर विवाह खत्म हो जाता है। किसी भी पढ़ाई में परेशानी हो तो आपको विनायक चतुर्थी पर ऊं गं गणपतये नम: मंत्र का जाप 108 बार करना चाहिए। विनायक चतुर्थी के दिन गणेश जी को 5 इलायची और 5 लौंग चढ़ाए जाने से जीवन में प्रेम बना रहता है। वैवाहिक जीवन में किसी भी तरह की परेशानी आ रही हो तो विनायक चतुर्थी के दिन गणेश जी के किसी मंदिर में जाकर हरे रंग के वस्त्र चढ़ाएं।
अंगारकी विनायक चतुर्थी पर ऐसे करें पूजा
- विनायक चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
- इसके बाद भगवान गणेश की प्रतिमा के सामने धूप, दीप जलाएं।
- गणेश भगवान को गंगाजल से स्नान कराएं और उन्हें स्वच्छ वस्त्र अर्पित करें।
- गणपति बप्पा को पुष्प, मिठाई, फल, चंदन और पान का पत्ता अर्पित करें।
- इसके बाद गणेश जी को सिंदूर लगाएं और मोदक का भोग लगाना न भूलें।
- विनायक चतुर्थी की कथा पढ़ें।
- पूजा के अंत में गणेश जी की आरती करें और प्रसाद सभी में बांट दें।
- शाम के समय फिर से विनायक चतुर्थी की पूजा करें और पूरे दिन फलाहार व्रत रखें।
- ये व्रत अगले दिन पूरा होता है।
गणपति और हनुमान जी की पूजा का संयोग
इस साल विनायक चतुर्थी पर बेहद शुभ संयोग बन रहा क्योंकि इसी दिन ज्येष्ठ माह का तीसरा बड़ा मंगल व्रत भी रखा जाएगा। ऐसे में गौरी पुत्र गणेश और बजरंगबली के आशीर्वाद से साधक के सारे कष्ट दूर हो जाएंगे। राहु-केतु से मुक्ति पाने के लिए गणपति की पूजा और मंगल दोष के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए हनुमान जी की पूजा अचूक मानी गई है।
अंगारकी विनायक चतुर्थी के दिन ऐसे करें पूजा
विनायक चतुर्थी का दिन बहुत खास होता है। इसलिए इस दिन सुबह उठ कर स्नान करें। स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप जलाएं और भगवान गणेश को स्नान कराएं। इसके बाद भगवान गणेश को साफ वस्त्र पहनाएं। भगवान गणेश को सिंदूर का तिलक भी लगाएं। गणेश भगवान को दुर्वा प्रिय होती है इसलिए दुर्वा अर्पित करनी चाहिए। गणेश जी को लड्डू, मोदक का भोग भी लगाएं इसके बाद गणेश जी की आरती करें।
- प्रज्ञा पाण्डेय
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