वर्षों बाद बन रहा हैं इस नाग पंचमी पर यह खास संयोग

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कमल सिंघी । Aug 5 2019 1:15PM

नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा होती हैं। लेकिन इस बार इस नागपंचमी को श्रावण सोमवार होने की वजह से भगवान शिव की भी पूजा होंगी। श्रावण सोमवार एवं नाग पंचमी का एक ही दिन होने का संयोग लगभग 100 वर्ष से भी ज्यादा का बन रहा हैं।

5 अगस्त को श्रावण माह का तीसरा श्रावण सोमवार हैं। यह दिन काफी खास हैं। क्योंकि इसी दिन नागपंचमी भी हैं। श्रावण सोमवार और नाग पंचमी का एक ही दिन आना बड़ा ही संयोग हैं। यह संयोग 100 वर्षो से भी अधिक समय के बाद बन रहा हैं। श्रावण माह भगवान शिव का प्रिय माह हैं और श्रावण के सोमवार को भगवान शिव अत्यंत ही प्रसन्न रहते हैं तथा शिवजी के साथ सदैव नाग देवता रहते हैं। इसलिए इस बार की नाग पंचमी अपने आप में काफी महत्वपूर्ण हैं इस दिन श्रीवृत्स योग बन रहें हैं। इस नाग पंचमी को इस इतिहासिक संयोग में नाग देवता की पूजा करने से काफी लाभ मिलेंगे। 

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वर्षो बाद बन रहा है अद्भुत संयोग- 

नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा होती हैं। लेकिन इस बार इस नागपंचमी को श्रावण सोमवार होने की वजह से भगवान शिव की भी पूजा होंगी। श्रावण सोमवार एवं नाग पंचमी का एक ही दिन होने का संयोग लगभग 100 वर्ष से भी ज्यादा का बन रहा हैं। इसलिए इस नाग पंचमी को भगवान शिव के साथ ही साथ नाग की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होंगे। इस दिन शिवलिंग पर बने नाग देवता की पूजा करने से विशेष लाभ की प्रप्ति होती हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस अद्भुत संयोग वाली नाग पंचमी को काल सर्पदोष निवारण क्रिया करने से उसका पूरा-पूरा लाभ मिलता हैं।

श्रीवृत्स योग के लाभ-

इस वर्ष की नाग पंचमी कई संयोग लेकर आ रही हैं। इसी दिन श्रीवृत्स योग बन रहा हैं। यह योग सैकड़ो वर्षो में बनता हैं। इस नागपंचमी को श्रीवृत्स योग हैं जिसमे नाग देवता एवं भगवान शिव की पूजा करने से आर्थिक स्थिति, स्वास्थ्य लाभ तथा स्वभाव में वृद्धि होकर हर कार्य में संपन्नता हासिल होगी। साथ ही इस दिन की गई पूजा से विशेष लाभ प्राप्त होंगे। नाग के महलों और शिवलिंग के साथ मौजूद नाग की पूजा करने से इस नाग पंचमी को अलग ही कृपा बरसेगी। साथ ही नाग का खतरा भी दूर होगा।

इस तरह करें नाग पंचमी को पूजन- 

श्रावण सोमवार और नाग पंचमी एक साथ आ रही हैं। इसलिए इस नाग पंचमी के दिन पहले आप शिवजी की पूजा कर सकते हैं। जिसके बाद घर पर इस विधि से नाग देवता की पूजा करें। नाग पंचमी के दिन प्रातः स्नान कर जहाँ पूजन करना हैं उस स्थान पर गोबर से नाग बना लेवे। जिसके बाद नाग देवता का आह्वान करते हुए उन्‍हें बैठने के लिए आसन दें। जिसके बाद नाग देवता को जल, पुष्प और चंदन का चढ़ा देवे। फिर गाय के दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से पंचामृत बनाकर नाग देवता की प्रतिमा को स्नान कराएं। जिसके बाद चंदन और इत्र चढ़ाएं। फिर, चंदन, हरिद्रा, चूर्ण, कुमकुम, सिंदूर, बेलपत्र, आभूषण, पुष्प माला, धूप-दीप, फल और पान का पत्ता चढ़ाने के बाद नाग देवता की आरती करें। पूजन के बाद  "ऊँ कुरुकुल्ये हुं फट स्वाहा" मंत्र का जाप करते हुए नाग देवता को भोग लगाये और अपनी मनोकामना उनसे कह देवे। पूजन के बाद ही अन्न या फलाहार ग्रहण करना चाहिए

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इस शुभ महूर्त में करें पूजन-

कल 5 अगस्त को श्रावण सोमवार को नाग पंचमी हैं। जो 4 अगस्त  की रात्रि 12:19 बजे प्रारम्भ होकर 5 अगस्त की रात 9:25 बजे समाप्त हो जाएगी। इस दौरान कल प्रातः 6:29 बजे से प्रातः 8:41 बजे तक नाग देवता की पूजा करने का सर्वश्रेष्ठ महूर्त हैं।

कमल सिंघी

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