मजाकिया अंदाज में मजबूत संदेश देती है आयुष्मान खुराना की फिल्म ''ड्रीम गर्ल''

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रेनू तिवारी । Sep 16 2019 12:46PM

फिल्म ''ड्रीम गर्ल'' भी उनमें से एक है। इस फिल्म ने मजाकिया अंदाज अपना काफी मजबूत संदेश लोगों तक पहुंचा दिया है। फिल्म का संदेश है कि आज दुनिया में लोग इंटरनेट के माध्यम से एक-दूसरे से कनेक्ट होकर दोस्त बना रहे हैं लेकिन वास्तविक जीवन में सुख-दुख बांटने के लिए उनके पास कोई नहीं है।

आयुष्मान खुराना की फिल्म 'ड्रीम गर्ल' बड़े पर्दे पर रिलीज हो गई है। फिल्म का ट्रेलर काफी शानदार था जिसे देखने के बाद फिल्म को लेकर काफी उन्मीदें बन गई थी। आयुष्मान खुराना एक ऐसे अभिनेता हैं जो अपनी फिल्म का चयन काफी सोच-समझकर करते हैं, इसका अंदाजा आप लोग उनकी अबतक की फिल्में देखकर लगा ही चुके होंगे। विकी डोनर से लेकर आर्टिकल 15 तक उन्होंने जिस भी फिल्म का चुनाव किया है उसकी कहानी हमेश लीग से हटकर रही है और साथ ही लोगों ने आयुष्मान की फिल्मों को अंधाधुंध पसंद किया है। फिल्म 'ड्रीम गर्ल' भी उनमें से एक है। इस फिल्म ने मजाकिया अंदाज अपना काफी मजबूत संदेश लोगों तक पहुंचा दिया है। फिल्म का संदेश है कि आज दुनिया में लोग इंटरनेट के माध्यम से एक-दूसरे से कनेक्ट होकर दोस्त बना रहे हैं लेकिन वास्तविक जीवन में सुख-दुख बांटने के लिए उनके पास कोई नहीं है। 

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फिल्म की कहानी

फिल्म की कहानी की बात करें तो फिल्म में करमवीर यानी की आयुष्मान खुराना एक पढ़ा-लिखा लड़का है। लेकिन उनके पास नौकरी नहीं हैं। ( नौकरी न होने के बात उठा कर फल्म ने सरकार पर ताना भी कसा है बेराजगारी का खैर ये तो राजनीतिक बातें हैं हम वापस मुद्दे पर आते हैं) अपना और अपने घर का खर्च चलाने के लिए करमवीर थिएटर में सीता और द्रौपदी जैसे किरदारों को निभाता है। मेल होकर फीमेल किरदार वो इसलिए भी निभाता है क्योंकि उनके अंदर लड़कियों जैसी आवाज में बात करने का हुनर है। पूरे इलाके में करमवीर को सीता मैया के नाम से लोग जानते हैं। 

ये तो थी सीधी-साधी करमवीर की कहानी इस कहानी में ट्वीस्ट तब आता है जब थिएटर से कमाए हुए पैसों में करमवीर की जरूरतें पूरी नहीं हो पाती। करमवीर नौकरी के लिए बहुत हाथ-पैर मारता है लेकिन उसे नौकरी नहीं मिलती। फिर क्या... करमवीर का खुराफाती दिमाग चलता हैं और वो अपनी आवाज के टैलेंट के बल पर 'कॉल सेंटर' ज्वाइन कर लेता है। इस कॉल सेंटर में वह पूजा बनकर काम करने लगता है। पूजा की सेक्सी आवाज लोगों को इस कदर पसंद है कि लोग पूजा के दीवाने हो जाते हैं। कई लोग 'कॉल सेंटर' में पूजा से अपना सुख-दुख भी शेयर करते थे। धीरे-धीरे पूजा के आशिकों की एक लंबी सी लाइन बन जाती है। मजे की बात तो यह है कि इस लाइन करमवीर की गर्लफ्रेंड माही यानी की नुशरत भरुचा के पिता भी शामिल होते हैं। हर कोई पूजा से मिलना चाहता हैं और उससे शादी करना चाहता है। अब आखिर में पूजा का क्या होता हैं? और करमवीर के फैलाए गये मजेदार रायते को देखने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़गी।

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फिल्म की खूबियां

निर्देशक और एक्टिंग की बात करें तो फिल्म को राज शांडिल्य ने डायरेक्ट किया है। एक निर्देशक के तौर पर राज की यह पहली फिल्म है। फिल्म के निर्देशन में राज ने कहीं भी कोई कसर नहीं छोड़ी है। फिल्म को देखकर ये नहीं लग रहा कि ये उनका पहला डायरेक्शन है। राज ने एक्टरों से मनमुताबिक काम लिया है। कॉमेडी और इमोशन से बुनी कहानी और अच्छे डायरेक्शन के बाद फिल्म में चार चाँद लगाया है फिल्म के अभिनेताओं ने... एक्टिंग में आयुष्मान खुराना एक बार फिर से बाजी मारी हैं। नुशरत भरुचा के पास ज्यादा कुछ था नहीं करने को लेकिन जो कुछ किया हैं वो शानदार है। नुशरत की एक बात जो फिल्म में सबसे अच्छी हैं वो यह है कि नुशरत लग बहुत सुंदर रही है। अन्नू कपूर एक बहुत ही मंजे हुए कलाकार है करमवीर के पिता का किरदार उन्होंने बखूबी निभाया है।  इसके अलावा मनजोत सिंह अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराते हैं! विजय राज, राजेश शर्मा, राज भंसाली, अभिषेक बनर्जी, जैसे कलाकार फिल्म को और प्रभावशाली बनाते हैं। फिल्म का संगीत मीत ब्रदर्स में बहुत ही बेहतरीन दिया है... कुल मिलाकर ड्रीम गर्ल एक बेहद मनोरंजक फिल्म है जिसका आनंद आप उठा सकते हैं सिनेमाघरों मे जाकर।

फिल्म की कमी

अब करते हैं असली बात और वो है फिल्म का स्क्रीनप्ले। फिल्म को देखकर लगता कि इसका स्क्रीनप्ले कुछ पुरानी फिल्मों से मिलता जुलता है।ज्यादा कुछ नहीं फिल्म की दिक्कत ये है कि ये जो सीख आपको देती है अगले ही पल उसे खुद ही खारिज कर देती है। फिल्म में दिखाया गया है कि किसी लड़की को उसके प्रोफेशन के हिसाब से जज नहीं करना चाहिए वहीं दूसरे ही पल पूजा को हर जगह लूज करैक्टर बताया जा रहा है। 

ये तो मानसिकता है कि लोग क्या- क्या सोचते हैं लेकिन कुल मिलाकर ड्रीम गर्ल एक बेहद मनोरंजक फिल्म है जिसका आनंद आप सिनेमाघरों मे जाकर उठा सकते हैं।

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