प्रभाव नहीं छोड़ पायी ''तूतक तूतक तूतिया''

प्रीटी । Oct 12, 2016 12:41PM
फिल्म में हर वह मसाला है जोकि बॉक्स ऑफिस पर किसी फिल्म को हिट कराने के लिए जरूरी है लेकिन सबसे खास चीज सशक्त कहानी का अभाव भी है।

इस सप्ताह प्रदर्शित फिल्म 'तूतक तूतक तूतिया' दक्षिण के प्रसिद्ध निर्देशक विजय की फिल्म है। उन्होंने इसे एक साथ हिंदी, तमिल और तेलुगू में बनाया तो सही लेकिन फिल्म में दक्षिण की छाप ज्यादा नजर आती है। फिल्म की खास बात यह है कि इसके माध्यम से अभिनेता सोनू सूद ने निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रख दिया है। फिल्म में हर वह मसाला है जोकि बॉक्स ऑफिस पर किसी फिल्म को हिट कराने के लिए जरूरी है लेकिन सबसे खास चीज सशक्त कहानी का अभाव भी है।

फिल्म की कहानी में शुरू में दिखाया गया है कि कृष्ण कुमार (प्रभुदेवा) चाहता है कि उसकी शादी एक मॉडर्न विचारों वाली लड़की के साथ हो, लेकिन हालात कुछ ऐसे बनते हैं कि उसकी शादी गांव की एक लड़की देवी (तमन्ना भाटिया) से हो जाती है। कृष्णा देवी को मुंबई तो ले आता है लेकिन अपनी शादी के बारे में किसी को नहीं बताता और अपनी पत्नी को एक अलग अपार्टमेंट में रखता है। अपार्टमेंट में रहते हुए देवी के शरीर में एक दिन एक भूत रूबी की आत्मा समा जाती है। रूबी फिल्म अभिनेत्री बनना चाहती थी लेकिन उसकी यह तमन्ना पूरी नहीं हो सकी थी इसलिए वह अब देवी के शरीर में आकर अपने इस अधूरे सपने को साकार करना चाहती है। कहानी में जब बॉलीवुड के नंबर वन हीरो राज खन्ना (सोनू सूद) की एंट्री होती है तो कहानी नया मोड़ लेती है।

अभिनय के मामले में प्रभु देवा को सबसे ऊपर रखा जा सकता है। उन्होंने कहीं कहीं दर्शकों को हंसाने का काम भी किया है। सोनू सूद नंबर वन हीरो के रोल में जमे नहीं। तमन्ना भाटिया आकर्षक भी लगीं और उन्होंने काम भी अच्छा किया है। अन्य सभी कलाकार सामान्य रहे। फिल्म के कुछ गीत आजकल काफी सुने जा रहे हैं और उनका फिल्मांकन भी प्रभावी है। निर्देशक विजय ने यदि पटकथा पर मेहनत की होती तो यह अच्छी फिल्म बन सकती थी।

कलाकार- प्रभु देवा, सोनू सूद, तमन्ना भाटिया।

निर्देशक- विजय।

- प्रीटी

अन्य न्यूज़