भागमती के सामने कुछ भी नहीं है दुर्गामती, ना डराती है ना ही सस्पेंस बढ़ाती है फिल्म

Durgamati Movie Review in hindi
रेनू तिवारी । Dec 11 2020 5:25PM

बॉलीवुड में पिछले कुछ सालों से लगातार पुरानी फिल्मों या फिर साउथ की हिट फिल्मों का रीमेक बनाने का चलन चल रहा है। अनुष्का शेट्टी की सुरपहिट फिल्म भागमती का हिंदी रीमेक दुर्गामती नाम से बनाया गया है और फिल्म को 11 दिसंबर को अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज किया गया है।

बॉलीवुड में पिछले कुछ सालों से लगातार पुरानी फिल्मों या फिर साउथ की हिट फिल्मों का रीमेक बनाने का चलन चल रहा है। अनुष्का शेट्टी की सुरपहिट फिल्म भागमती का हिंदी रीमेक दुर्गामती नाम से बनाया गया है और फिल्म को 11 दिसंबर को अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज किया गया है। फिल्म का निर्देशन भागमती बनाने वाले निर्देशक जी अशोक ने ही किया है। सुपरहिट भागमती बनाने के बाद जी अशोक को न जाने क्या हो गया कि उन्होंने दुर्गामती को इस कदर बर्बाद कर दिया। भूमि पेडनेकर की हॉरर- थ्रिलर फिल्म दुर्गामती बेहद कमजोर है, जो ना आपको डराती है ना ही सस्पेंस बढ़ाती है। कहानी को पूरी तरह से कॉपी किया है। नये पन के लिए केवल किरदारों की शक्लें बदली है बाकी हर एक सीन और केमरा एंगल तक कॉपी किया गया है। 

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दुर्गामती फिल्म की कहानी 

फिल्म में अरशद वारसी ने इश्वर प्रसाद नाम के नेता का किरदार निभाया है जो जल संसाधन मंत्री है।इश्वर प्रसाद की छवि काफी अच्छी है, लोग उन्हें ईमानदार नेता मानते हैं। नेता के राज्य में अचानक से भगवान की पूरानी मूर्तियां चोरी होने लगती है। इन मूर्तियों की कीमत करोड़ो होती है। लगतार चोरी हो रही मूर्तियों से लोग काफी नाराज है। विपक्ष इस मुद्दे को काफी बढ़ाना चाहता है। विपक्ष के नेता सीबीआई की जांच करवाने की मांग करते हैं। मूर्ति चोरी मामले में इश्वर प्रसाद का नाम आता देख मुख्यमंत्री भी जांच के आदेश दे देते हैं क्योंकि उन्हें इश्वर प्रसाद की ईमानदार छवि से खतरा है। अब जांच शुरू होती है। जांच के दौरान इश्वर प्रसाद की पूर्व सेक्रेटरी आईएएस चंचला ( भूमि पेडनेकर) से पूछताछ होती है। लंबे समय तक इश्वर प्रसाद के साथ काम कर चुकी चंचला अपने पति के खून के आरोप में जेल में बंद होती है।

चंचला को सीबीआई जेल ने निकाल कर एक हवेली में शिफ्ट कर देती है ताकि ठीक से पूछताछ की जा सके। अब चंचला से सीबीआई पूछताछ करती है लेकिन चंचला अपने हर बयान में इश्वर प्रसाद की तारीफ करते हुए काफी कुछ बताती है। ये बहुत कुछ सीबीआई के काम का नहीं होता। चंचला से और पूछताछ के लिए हवेली में ही रखा जाता है। एक दिन चंचला के उपर हवेली की रानी का भूत आ जाता है जिससे पूरी जांच का केंद्र ही बदल जाता है। अब क्या मूर्ति चोर इश्वर प्रसाद का सच सामने आ पता है? क्या चंचला के उपर से ये भूत उतर पाता है? इन सभी सवालों के जवाब के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।

कलाकार और निर्देशन

फिल्म में इश्वर प्रसाद का किरदार अरशद वारसी ने निभाया है। ये किरदार ऐसा है जिसकी फिल्म मैं दो छवि है। एक छवि ईमानदारी की और दूसरी एक भ्रष्ट नेता की जो जनता का पैसा और नेताओं की तरह ही लूट रहा है। अरशद वारसी एक अच्छे अभिनेता है लेकिन फिल्म में उनका दम नहीं दिखा। वहीं दूसरी तरफ फिल्म की लीड एक्ट्रेस भूमि पेडनेकर ने भी कोई कमाल नहीं दिखाया। अनुष्का शेट्टी से अगर तुलना करें को आम भाषा में फिल्म दुर्गामती को भागमती की सस्ती कॉपी कहा जा सकता है। 

शानदार भागमती बनाने के बाद हिंदी रीमेक दुर्गामती बनाते वक्त निर्देशक जी अशोक को आखिर क्या हुआ ये बात समझ से परे हैं। आखिर क्यों जी अशोक  ने फिल्म के साथ ऐसा किया? फिल्म की स्क्रिप्ट काफी कमजोर है। सही डायरेक्शन की कमी कई जगह खल रही हैं। 

फिल्म- दुर्गामती 

कलाकार- भूमि पेडनेकर, अरशद वारसी, करण कपाड़िया, माही गिल, जिशु सेनगुप्ता आदि।

निर्देशक- जी अशोक

निर्माता- भूषण कुमार, अक्षय कुमार आदि

रेटिंग- **(दो स्टार)

अवधि- 2 घंटा 35 मिनट 

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