देशभक्ति की फिल्में देखने के शौकीन हैं तो जरूर देखें परमाणु

Film review of Parmanu: The Story of Pokhran
प्रीटी । May 28 2018 2:40PM

यदि आपको देशभक्ति से परिपूर्ण फिल्में देखने का शौक है तो इस सप्ताह प्रदर्शित ''परमाणु'' आपको जरूर देखनी चाहिए। सत्य घटना पर आधारित इस फिल्म का क्लाइमैक्स गर्व की अनुभूति कराता है।

यदि आपको देशभक्ति से परिपूर्ण फिल्में देखने का शौक है तो इस सप्ताह प्रदर्शित 'परमाणु' आपको जरूर देखनी चाहिए। सत्य घटना पर आधारित इस फिल्म का क्लाइमैक्स गर्व की अनुभूति कराता है। फिल्म में 90 के दशक के उस दौर को काफी बेहतर तरीके से दर्शाया गया है कि जब दुनिया के अधिकतर देश भारत के खिलाफ थे और परमाणु परीक्षण करना दुश्वार कार्य था लेकिन तत्कालीन केंद्र सरकार ने अमेरिकी सेटेलाइटों और खुफिया एजेंसियों को चकमा देते हुए पांच परमाणु परीक्षण कर पूरी दुनिया को चौंका दिया था। फिल्म की शूटिंग रीयल लोकेशन पर की गयी है और साथ-साथ उसी दौर के चलते फुटेज कहानी को और रियल बना देते हैं।

फिल्म की कहानी के केंद्र में सरकार का जाबांज अधिकारी अश्वत रैना (जॉन अब्राहम) है। एक बार वह प्रधानमंत्री कार्यालय में आयोजित बैठक में भारत को परमाणु ताकत बनाने का प्रस्ताव रखता है तो उसका मजाक उड़ा दिया जाता है लेकिन उसका यह आइडिया कुछ अधिकारी चुरा लेते हैं। अश्वत को बताये बिना परमाणु परीक्षण का प्रयास किया जाता है जोकि नाकाम हो जाता है और इसकी गाज अश्वत पर गिरती है। उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाता है जिसके बाद वह दिल्ली छोड़कर अपने परिवार के साथ मसूरी रहने चला जाता है। केंद्र में जब सरकार बदलती है तो नए प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव हिमांशु शुक्ला (बोमन ईरानी) अश्वत को वापस बुलाते हैं और सरकार की ओर से उसे एक गुप्त टीम गठित करने के लिए कहा जाता है और परमाणु परीक्षण की तैयारी करने को कहा जाता है। अश्वत कुछ अधिकारियों की टीम गठित करता है और उन सभी को छद्म नाम प्रदान करता है। टीम के सदस्यों के पास परीक्षण से जुड़ी अलग-अलग जिम्मेदारी है। यह सभी लोग कैसे वेष बदल कर और अमेरिकी खुफिया एजेंसियों और उसकी सैटेलाइटों को चकमा देकर निर्धारित समय पर परमाणु परीक्षण कर दुनिया को चौंकाते हैं, यह सब निर्देशक ने बड़े ही रोचक अंदाज में दिखाया है।

अभिनय के मामले में जॉन अब्राहम अपनी भूमिका में जमे हैं। उनके चेहरे के हाव-भाव प्रभावित करते हैं। वह काफी समय बाद बड़े पर्दे पर आये और अपनी छाप छोड़ने में सफल रहे। डायना पेंटी भी दमदार लगी हैं। अनुजा साठे ने जॉन की पत्नी के रोल में अच्छा काम किया है। विकास कुमार, योगेंद्र टिंकू, दर्शन पांडेय, अभीराय सिंह, अजय शंकर आदि कलाकारों का काम भी दर्शकों को पसंद आयेगा। हिमांशु शुक्ला की भूमिका में बोमन ईरानी ने गजब का काम किया है। फिल्म का गीत-संगीत निष्प्रभावी है। निर्देशक अभिषेक शर्मा की तारीफ करनी होगी कि उन्होंने एक सच्ची कहानी में चालू मसाला डालने से परहेज किया है। फिल्म का पहला भाग धीमी गति से आगे बढ़ता है लेकिन इंटरवेल के बाद फिल्म काफी तेजी से आगे बढ़ी है।

कलाकार- जॉन अब्राहम, डायना पेंटी, बोमन ईरानी, विकास कुमार, योगेंद्र टिंकू, दर्शन पांडेय, अभीराय सिंह, अजय शंकर और निर्देशक- अभिषेक शर्मा।

प्रीटी

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