युवा पीढ़ी को जरूर देखनी चाहिए फिल्म ''पार्टिशन: 1947''

Review of Film Partition: 1947
प्रीटी । Aug 21 2017 12:47PM

इस सप्ताह प्रदर्शित फिल्म ''पार्टिशनः 1947'' आज के युवाओं को जरूर देखनी चाहिए क्योंकि इसमें लॉर्ड माउंटबेटन के दौर को तो दिखाया ही गया है साथ ही अंग्रेज शासन के आखिरी दौर में क्या हो रहा था यह भी दर्शकों को जानने को मिलेगा

इस सप्ताह प्रदर्शित फिल्म 'पार्टिशनः 1947' आज के युवाओं को जरूर देखनी चाहिए क्योंकि इसमें लॉर्ड माउंटबेटन के दौर को तो दिखाया ही गया है साथ ही अंग्रेज शासन के आखिरी दौर में क्या हो रहा था यह भी दर्शकों को जानने को मिलेगा। निर्देशक गुरिदंर चड्ढ़ा ने इस फिल्म को बनाने से पहले काफी रिसर्च की है तभी फिल्म शुरू से लेकर अंत तक दर्शकों को बांधे रखती है। उस समय के नेताओं के बीच अनबन की बात हो या फिर देश के बंटवारे के हालात हों, बड़ी संजीदगी से सब कुछ पर्दे पर पेश किया गया है। हालांकि इस फिल्म के आने से पहले यह अफवाह थी कि यह पंडित जवाहर लाल नेहरू और लेडी माउंटबेटन के रिश्तों पर आधारित है लेकिन निर्देशक ने हर मंच से इस बात से इंकार किया था।

फिल्म की शुरुआत अंग्रेजी शासन के आखिरी कुछ दिनों से होती है, जब ब्रिटिश सरकार लॉर्ड माउंटबेटन को भारत भेजती है। ब्रिटिश सरकार भारत को आजाद करने के लिए तैयार तो हो गयी थी लेकिन देश को दो टुकड़ों में बांट देना चाहती थी। माउंटबेटन हालांकि निजी तौर पर बंटवारे के खिलाफ थे लेकिन उन्हें आदेश का पालन करना था। उनके सामने चुनौती यह भी थी कि हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच टकराव नहीं पैदा हो। माउंटबेटन को जवाहर लाल नेहरू और मुस्लिम लीग के नेता जिन्ना के बीच सुलह समझौता भी करवाना था। इसके साथ ही फिल्म में आलिया (हुमा कुरैशी) और जीत (मनीष दयाल) की प्रेम कहानी भी चलती है। ये दोनों अलग-अलग धर्म से हैं और आपस में प्यार करते हैं। यह दोनों वायसराय के ऑफिस में काम करते हैं। हालात ऐसे बनते हैं कि दोनों को देश के विभाजन के बाद अलग होना पड़ता है। 

अभिनय के मामले में हर कलाकार ने उम्दा काम किया है। हुमा कुरैशी की यह पहली अंतरराष्ट्रीय फिल्म है और उन्होंने इस मौके का भरपूर लाभ उठाते हुए अपनी छाप छोड़ी है। निर्देशक ने फिल्म में विभाजन से पहले के दिनों में वायरराय हाउस में होने वाली गतिविधियों और वहां के हालात को दमदार तरीके से पेश किया है। फिल्म में ए.आर. रहमान के संगीत ने और चार चांद लगा दिये हैं। इस फिल्म को भारत में रिलीज होने से पहले कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दिखाया जा चुका है और वहां इसे खूब सराहना मिली है। यदि आप भी भारत-पाकिस्तान विभाजन के पीछे के हालातों के साथ-साथ माउंटबेटन के बारे में और जानना चाहते हैं तो किसी पुस्तक के जरिये जानकारी हासिल करने से अच्छा है इस फिल्म को देख लें। यह जानकारी के साथ-साथ आपका मनोरंजन भी करती है।

कलाकार- हुमा कुरैशी, मनीष दयाल, ओम पुरी, माइकल गैम्बन, जिलियन एंडरसन, ह्यू बोनविले और निर्देशक गुरिंदर चड्ढा।

प्रीटी

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