Movie Review: जिंदगी को प्रेरणा देती है संदीप सिंह की बायोपिक ''सूरमा''

soorma movie review
[email protected] । Jul 13 2018 3:55PM

भारत में लोगों में क्रिकेट का क्रेज ज्यादा देखने को मिलता है। लेकिन फिल्म सूरमा में एक लाइन है वो इस को नकारती है दिलजीत दोसांझ कहते है कि ''प्लेयर तो प्लेयर है चाहे वो क्रिकेट का हो या फिर हॉकी का...''

सूरमा स्टारकास्ट: दिलजीत दोसांझ, तापसी पन्नू, अंगद बेदी, विजय राज, कुलभूषण खरबंदा

सूरमा डायरेक्टर: शाद अली

सूरमा प्रोड्यूसर: चित्रांगदा सिंह

strong>सूरमा मूवी रिव्यू- 4/5 ****

Soorma Movie Review (सूरमा मूवी रिव्यू):भारत में लोगों में क्रिकेट का क्रेज ज्यादा देखने को मिलता है। लेकिन फिल्म सूरमा में एक लाइन है वो इस को नकारती है दिलजीत दोसांझ कहते है कि 'प्लेयर तो प्लेयर है चाहे वो क्रिकेट का हो या फिर हॉकी का...' 

ये लाइन सुनने में जरूर लुभावनी है पर भारत की सच्चाई ये है कि राष्ट्रीय खेल होने के बाद भी हॉकी खिलाड़ियों को वो लोकप्रियता नहीं मिली जो मिलनी चाहिए। 'सूरमा' फिल्म एक हॉकी प्लेयर की कहानी है जिसने पैरालाइज्ड होने के बाद भी खुद को अपने पैरों पर खड़ा किया और देश के लिए कुछ भी कर गुजर गया उसका नाम आपने पहले कभी शायद ही सुना हो, क्योकि वो नाम हॉकी प्लेयर का है क्रिकेट प्लेयर का नहीं। वो नाम है संदीप सिंह।

हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह की जिंदगी बेहद ही प्रेरणादायक है हॉकी में इनका नाम सूमार है। 

फिल्म 'सूरमा' देखने के बाद आपको एहसास होगा कि उनकी ज़िंदगी कितनी प्रेरणादायक है। ये सिर्फ फिल्म नहीं है, ये एक उभरते सितारे के साथ हुए ऐसे हादसे की कहानी है जिससे उबर पाना हर किसी के बस की बात नहीं। एक हादसा जिसने वर्ल्डकप खेलने जा रहे एक चमकते खिलाड़ी को इतना लाचार बना दिया कि उसकी दुनिया हॉस्पिटल के बेड तक सिमट कर रह गई। चलना, टहलना तो दूर करवट बदलने में भी दूसरों के सहारे की दरकार थी। ये फिल्म आपको बहुत हिम्मत देगी और साथ ही ये भी साबित करेगी कि “अगर किसी चीज को दिल से चाहो, तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने की साजिश में लग जाती हैं...” ऐसी चाहत संदीप सिंह ने हॉकी और देश के लिए रखी।

सूरमा फिल्म कहानी

कहानी की शुरूआत सन् 1994 के शाहाबाद से होती है, इस जगह को देश की हॉकी की राजधानी के तौर पर लोग इसे जानते थे। यह एक छोटा सा कस्बा है, जहां ज्यादातर लोगों का बस यही सपना है कि वह भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा बनें। यहां के हर बच्चे, की आंखों में हॉकी प्लेयर बनने का सपना है चाहे वह लड़की हो या लड़का। युवा संदीप सिंह (दिलजीत दोसांझ) भी इन्हीं इसी सपने में जीते है और बेहतरीन हॉकी प्लेयर बनना चाहते है, लेकिन स्ट्रिक्ट कोच के कारण उनकी हिम्मत जवाब दे जाती है और वह हॉकी से पल्ला झाड़ लेते हैं। टीनेज तक उनकी जिंदगी से हॉकी गायब रहता है, लेकिन फिर उनके जीवन में हरप्रीत (तापसी पन्नू) की एंट्री होती है, जिससे संदीप को प्यार हो जाता है। हरप्रीत फिर से संदीप में हॉकी के लिए जज्बा पैदा करती है और उसे आगे बढ़ते रहने और खुद को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करती है। इससे एक बार फिर हॉकी प्लेयर बनना संदीप के लिए जीवन का मकसद बन जाता है। ये तो थी फिल्म के के फर्स्ट हाफ की कहानी। 

शाद अली के डायरेक्शन में बनी फिल्म सूरमा इंटरवल से पहले कहानी सीरिअस मोड़ ले लेती है, जो आपको भावुक कर देती है। दिलजीत ने फिल्म 'सूरमा' में उन्होंने जैसा अभिनय किया है वह बेहतरीन है। वह अपने किरदार के हर भाव और लम्हे को जीते और जीवंत करते दिखाई देते हैं। फिल्म में उनकी हॉकी की स्किल्स तारीफ के काबिल दिखती हैं, लेकिन उन्होंने जिस तरह से अपने किरदार को समझा और पर्दे पर जिया, वह सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। इंटरवल के बाद वर्ल्ड कप खेलने जाते समय उनके साथ एक हादसा होता है और वो पैरालाइज्ड हो जाते हैं। लेकिन वो ज़िंदगी से हार नहीं मानते और दोबारा दमदार वापसी करते हैं। ये कैसे मुमकिन हुआ। ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी। इसमें उनकी ज़िंदगी के दो पहलुओं को दिखाया गया है। एक समय जब वह व्हीलचेयर पर थे और दूसरा जब वो हॉकी खेलने के लिए ग्राउंड पर थे।

सूरमा मूवी रिव्यू

PVR अनुपम साकेत  के दर्शको ने फिल्म सूरमा का काफी अच्छे रिव्यू दिये है। पंजाबियों में फिल्म को लेकर काफी क्रेज दिखाई दिया और फिल्म का रिव्यू देते हुए उन्होंने दिलजीत दोसांझ का जमकर तारिफ की और संदीप सिंह की जिंदगी के प्रेरणा लेने वाला बताया सिनेमा घर से निकलते सभी दर्शको ने फिल्म को जबरदस्त बताया और कहा की फिल्म के कुछ सीन बेहद भावुक है। ये जबाज हॉकी प्लेयर संदीप सिंह की कहानी है और दर्शकों ने उनके इस जज्बे को सलाम किया।

हमारी रेटिंग है 4/5 **** 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़