प्रोस्टेट कैंसर से बचाव के लिए डेली रूटीन में करें अहम बदलाव, इन तरीकों से इसके खतरे को करें कम

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पुरुषों में 40 साल की आयु के बाद प्रोस्टेट कैंसर की संभावना बढ़ने लगती है। वहीं समय रहते नियमित जांच और सही खानपान की मदद से इस बीमारी से बचा जा सकता है। हालांकि आजकल युवाओं में भी प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ने लगा है।

प्रोस्टेट कैंसर भी एक तरह का कैंसर होता है। यह कैंसर पुरुषों में सबसे आम प्रकार होता है। बता दें कि मूत्राशय और लिंग के बीच स्थित ग्रंथि में होता है। इसकी जद में तमाम लोग आ रहे हैं। कैंसर के सभी प्रकारों में यह दूसरे नंबर का सबसे जानलेवा कैंसर बन चुका है। आमतौर पर 40-45 साल के बाद के पुरुषों में प्रोटेस्ट कैंसर देखने को मिलता है। लेकिन अब इसकी चपेट में युवा भी आ रहे हैं। इस बीमारी को नजर अंदाज करना घातक या जानलेवा भी हो सकता है। वहीं तीसरी स्टेज में इसका पता चलने के बाद इसके इलाज में भी मुश्किलें आती हैं। वहीं समय रहते अपने लाइफस्टाइल में बदलाव और समय रहते चेकअप आदि कराते रहने से इस बीमारी से बचा जा सकता है।

समय रहते कराएं इलाज

आपको बता दें कि समय रहते पता नहीं चलने पर यह शरीर के दूसरे अंगो में भी फैलता है। जिसके कारण कई बार इससे पीड़ित व्यक्ति की जान भी चली जाती है। इस प्रोस्टेट कैंसर से मलाशय, हड्डियां और मूत्राशय प्रभावित हो सकते हैं। प्रोस्टेट कैंसर होने पर ज्यादा बार पेशाब आना, पेशाब में ब्लड का आना या जलन आदि की समस्याएं होती हैं। वहीं अगर शुरूआत में ही इसका उचित इलाज करवा लिया जाए तो आ इस बीमारी से पूरी तरह से निजात पा सकते हैं।

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मॉनिटरिंग

प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण दिखाई देने पर आप सबसे पहले डॉक्टर से जरूर सलाह लें। प्रोस्टेट ग्रंथि की समय-समय पर मॉनिटरिंग होने पर इसको रोकने में मदद मिल सकती है। इसके लिए आप नियमित एमआरआई स्कैन, प्रोस्टेट-विशिष्ट एंटीजन टेस्ट या कभी-कभी बायोप्सी भी करवा सकते हैं। बता दें कि इनके माध्यम से कैंसर कोशिकाओं के विकास के किसी भी लक्षण का पता लगाया जाता है। यदि इन टेस्टों के जरिए सामने आता है कि कैंसर बढ़ रहा है तो आप डॉक्टर की सलाह पर इलाज शुरू कर सकते हैं।

सर्जरी 

प्रोस्टेट कैंसर को सर्जरी के जरिए भी दूर किया जाता है। बता दें कि सर्जिकल हटाने को रेडिकल प्रोस्टेटेक्टॉमी के रूप में जानते हैं। यदि यह ज्यादा नहीं फैला है या इससे किसी दूसरे अंग को अपनी चपेट में नहीं ले रहा है तो सर्जरी की मदद से इसका इलाज किया जा सकता है। हालांकि इसके अपने दुष्प्रभाव होते हैं। लेकिन सर्जरी के बाद आपको कुछ समय के लिए आराम करना होता है।

रेडियोथेरेपी

इसके इलाज के लिए रेडियोथेरेपी भी किया जाता है। बता दें कि रेडियोथेरेपी की मदद से घातक कोशिकाओं को नष्ट कर दिया जाता है। इसके अलावा रेडियोथेरेपी से कैंसर कोशिकाओं के विकास को कम किया जाता है।

कीमोथेरेपी और हार्मोन थेरेपी

कीमोथेरेपी की मदद से हानिकारक कैंसर कोशिकाओं को फैलने से रोका जाता है। इसके अलावा यह इसे जड़ से खत्म करने के लिए दवा के तौर पर भी काम करता है। वहीं हार्मोन थेरेपी की मदद से उन हॉर्मोन को बनने से रोका जाता है। जो  कैंसर कोशिकाओं को विकसित करने में सहायक होते हैं। 

पर्याप्त पोषण

प्रोस्टेट कैंसर को शुरूआत में ही बढ़ने से रोका जा सकता है। इसके लिए आपको अपनी डाइट में सुधार किए जाने की जरूरत होती है। इसके लिए आप अपनी डाइट में हेल्दी चीजें जैसे फूलगोभी, गोभी, ब्रोकोली, और चुकंदर आदि खा सकते हैं। इसको खाने से आपका स्वास्थ्य बेहतर होता है। वहीं सेहत पर बुरा असर डालने वाले खाने को कम करना चाहिए। इस दौरान आप मछली आदि का भी सेवन कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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