Health Tips: लंबे समय तक चिंता और तनाव होने पर डॉक्टर से करें संपर्क, एंग्जाइटी और डिप्रेशन के हो सकते हैं लक्षण
एंग्जायटी और डिप्रेशन होना बहुत नॉर्मल है। अगर यह समस्या लंबे समय तक बनी रहती है, तो ऐसे में इनके लक्षणों को समझना बहुत जरूरी है। आज हम आपको डिप्रेशन और एंग्जायटी के लक्षणों में अंतर बताने जा रहे हैं।
तो वहीं डिप्रेशन में व्यक्ति लंबे समय तक उदास रहता है। ऐसे व्यक्ति का किसी भी काम में मन नहीं लगता है। एंग्जायटी और डिप्रेशन होना बहुत नॉर्मल है। लेकिन अगर यह समस्या लंबे समय तक बनी रहती है, तो ऐसे में इनके लक्षणों की पहचान को समझना बहुत जरूरी है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको डिप्रेशन और एंग्जायटी के लक्षणों में अंतर बताने जा रहे हैं और साथ ही इसके इलाज के बारे में भी बताने जा रहे हैं।
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जानिए क्या होती है एंग्जायटी
जिस व्यक्ति को एंग्जायटी की समस्या होती है, वह अधिक टेंशन लेने लगता है और भविष्य को लेकर मन में तमाम समस्याएं होती है। उसके मन में भविष्य को लेकर डर बैठा रहता है और उसको हर समय यह टेंशन बनी रहती है कि आगे क्या होगा और आगे कुछ गलत तो नहीं होगा। एंग्जायटी से परेशान व्यक्ति अधिकतर भविष्य के बारे में सोचता है।
एंग्जाइटी के लक्षण
एंग्जायटी का सबसे पहला लक्षण बेचैनी वाला होता है। बेचैनी होने के साथ-साथ चिड़चिड़ापन होने लगता है।
एंग्जायटी होने पर एकाग्रता में कमी आती है और चीजों में ध्यान लगाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
एंग्जायटी की समस्या होने पर नींद में दिक्कत होती है और कभी-कभी अधिक बेचैनी, दिल की धड़कनें बढ़ना और कभी-कभी बहुत पसीना आता है।
एक्सपर्ट के अनुसार, एंग्जायटी होने पर सीने में भारीपन लगता है और लगातार घबराहट महसूस होती है। यह इसका बड़ा लक्षण माना जाता है।
टेंशन, नर्वसनेस और चीजों को लेकर एक्साइटमेंट कम होना भी एंग्जायटी के लक्षण होते हैं।
इसमें ब्रीथिंग एक्सरसाइज करना फायदेमंद होता है।
जानिए क्या होता है डिप्रेशन
जो व्यक्ति डिप्रेशन से गुजर रहा होता है, उसको अपनी जिंदगी निराशा भरी लगती है और वह खुद को बेकार समझने लगता है। ऐसा व्यक्ति अपने बारे में कुछ भी अच्छा नहीं मानता है। डिप्रेशन के लक्षण बेसिक से बहुत सीरियस हो सकते हैं।
डिप्रेशन के लक्षण
एक्सपर्ट के अनुसार, डिप्रेशन का शिकार होने पर व्यक्ति का मन किसी भी काम में नहीं लगता है और वह लगातार काम को टालने का प्रयास करता है।
डिप्रेशन के कारण खाने-पीने का भी मन नहीं करता है और शरीर में हमेशा थकान लगती है।
किसी भी चीज पर ज्यादा देर ध्यान नहीं लगा पाते हैं। जिसके कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है।
डिप्रेशन होने पर मूड हमेशा लो रहता है और अधिक खुशी देने वाली चीजों में भी एक्साइटमेंट नहीं महसूस होती है।
अगर इनमें से कोई भी लक्षण आपको या आपके परिवार में किसी को महसूस हो रही है, तो फौरन एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए। क्योंकि यह खतरनाक भी हो सकता है।
साथ-साथ हो सकते हैं डिप्रेशन और एंग्जायटी
हेल्थ एक्सपर्ट की मानें, तो डिप्रेशन और एंग्जायटी साथ-साथ हो सकते हैं। जरूरी नहीं है कि दोनों हमेशा अलग-अलग हों। डिप्रेशन वाला व्यक्ति खुद को बेकार समझने लगता है औऱ हमेशा निराश रहता है। वहीं एंग्जायटी होने पर व्यक्ति को अपने भविष्य की चिंता रहती है। कई बार अधिक तनाव के कारण एंग्जायटी और डिप्रेशन दोनों हो सकते हैं। तनाव को आप योग की मदद से कम कर सकते हैं।
एंग्जायटी और डिप्रेशन का इलाज
बता दें कि एंग्जायटी और डिप्रेशन दोनों का इलाज होता है। इसको किसी तरह का टैबू नहीं समझना चाहिए। बल्कि एंग्जायटी और डिप्रेशन पर खुलकर बात करनी चाहिए, तभी इलाज संभव है। इन दोनों के इलाज के लिए डॉक्टर आपको दवाइयां और टॉक थेरेपी दोनों का कॉम्बिनेशन सजेस्ट कर सकते हैं। हमेशा डॉक्टर की सलाह के बाद ही डिप्रेशन-एंग्जायटी की दवाइयां लेनी चाहिए। बिना डॉक्टर की सलाह के दवाओं का सेवन नहीं करना चाहिए।
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