Trichobezoar: पेट में बालों का गुच्छा बनने का ये है भयानक सच, बच्चों की आदतों पर रखें नज़र

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रतलाम के एक बच्चे के पेट से 'ट्राइकोबेजोअर' नामक बालों का गुच्छा और फीता मिला, जिससे पेट दर्द, उल्टी और वजन घटने के गंभीर लक्षण दिख रहे थे। यह दुर्लभ स्थिति बाल खाने की आदत (ट्राइकोफेज़िया) के कारण होती है, जिसके लिए सर्जरी के बाद मनोवैज्ञानिक परामर्श आवश्यक है।

अहमदाबाद से अजब-गजब मामला सामने आया है। डॉक्टर ने बताया कि एक मामला इतना जटिल था कि बच्चों की असामान्य आदतों पर ध्यान देना भी काफी जरुरी है। मध्य प्रदेश के रतलम का सात वर्षीय बच्चा पिछले दो महीने से पेट दर्द, बार-बार उल्टी और वजन समस्या से परेशान था। लेकिन डॉक्टर से दवाई लेने के बाद भी आराम नहीं मिलता है। जब यह बच्चा अहमदाबाद के अस्पताल में पहुंचा, तो ,सब हैरान हो गाए। सीटी स्कैन और एंडोस्कोपी रिपोर्ट को देखकर खुद डॉक्टर चौंक गए। पेट के अंदर मौजूद था बालों का एक बड़ा गुच्छा और साथ में जूते का फीता फसकर फंसा हुआ था। यह केस बिल्कुल भी साधरण नहीं है। बाल पेट के अंदर जाकर 'ट्राइकोबेजोअर' नामक गांठ का रूप ले चुके थे। बच्चों में बाल या असामान्य चीजें खाने की आदत को कभी इग्नोर नहीं करें।

क्या है ट्राइकोबेजोअर?

ट्राइकोबेजोअर एक प्रकार की दुर्लभ चिकित्सीय स्थिति है। इसमें स्थिति में बच्चा या व्यक्ति बालों को चबाकर निगल लेता है। पेट बाल को पचा नहीं पाता, जिस वजह से पेट में बालों का गुच्छा या गेंद बन जाती है। इसे समस्या को हेयरबॉल के नाम से भी जाना जाता है। अक्सर यह समस्या उन्हीं लोगों में देखी जाती है, जो लोग तनाव के चलते बाल खाने की आदत (ट्राइकोफेज़िया) उत्पन्न कर लेते हैं। इस समस्या पर ध्यान न देने से यह बड़ी गांठ में तबदील हो जाती है। जिसके बाद व्यक्ति को पेट दर्द, मतली, उल्टी, कब्ज, वजन घटना और आंत रुकने तक की स्थिति पैदा करती है।

शरीर का इलाज होने के बाद, मन का इंलाज भी जरुरी है

वैसे तो बच्चे की सर्जरी के द्वारा इस समस्या को खत्म कर दिया लेकिन बार-बार व्यक्ति असामान्य वस्तुएं निगलने की आदत में पड़ता है, तो यह समस्या दोबारा से हो सकती हैं। ऐसे में बच्चे की सही ढंग से काउंसलिंग होना जरुरी है। आप मनोवैज्ञानिक परामर्श जरुर लें। क्योंकि यें आदतें खतरनाक होती हैं और यह आपके स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसके साथ ही परिवार को भी सलाह दी जाती है बच्चों के व्यवहार पर लगातार निगरानी रखें। बच्चे को प्यार और धैर्य के साथ समझाएं और समय-समय पर उसके भावनात्मक स्वास्थ्य पर ध्यान दें। डॉक्टर ने बताया है कि इस तरह के मामले में हमे सिखाते हैं कि बच्चे या व्यक्ति की असामान्य आदतों को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए। 

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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