जानें क्या होता है विटिलिगो और किन कारणों से होती है यह बीमारी

विटिलिगो या सफेद दाग की समस्या एक प्रकार का चर्मरोग है। इसे मेडिकल की भाषा में ल्यूकोडर्मा के नाम से भी जाना जाता है। इस बीमारी में रोगी के शरीर के विभिन्न हिस्सों में सफेद दाग बन जाते हैं।
हमारे समाज में सफेद दाग या विटिलिगो की बीमारी को लेकर कई प्रकार के मिथक फैले हुए हैं। अगर कोई व्यक्ति सफेद दाग से पीड़ित हो तो लोग उससे दूरी बनाने लगते हैं या संवेदन की भावना से देखते हैं। सफेद दाग को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल और भ्रांतियाँ होती हैं। कुछ लोग इसे कोढ़ भी समझते हैं तो कुछ का मानना होता है कि यह बीमारी छूने से फैलती है। हालांकि, डॉक्टर्स के मुताबिक विटिलिगो एक तरह का ऑटो-इम्यून डिसऑर्डर है जो संक्रामक नहीं है। विटिलिगो एक चर्मरोग से अधिक कुछ नहीं है और यह बीमारी किसी एक व्यक्ति से दूसरों में नहीं फैलती। आज के इस लेख में हम आपको विटिलिगो क्या होता है और इसके कारण क्या है।
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क्या है विटिलिगो
विटिलिगो या सफेद दाग की समस्या एक प्रकार का चर्मरोग है। इसे मेडिकल की भाषा में ल्यूकोडर्मा के नाम से भी जाना जाता है। इस बीमारी में रोगी के शरीर के विभिन्न हिस्सों में सफेद दाग बन जाते हैं। ये दाग किसी एक शरीर के किसी एक हिस्से में हो सकते हैं या एक से ज़्यादा अलग-अलग हिस्सों में भी हो सकते हैं। हालांकि अभी तक इस बीमारी का सटीक कारण पता नहीं चल पाया है लेकिन डॉक्टर्स के अनुसार जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) शरीर को ही नुकसान पहुँचाने लगती है तब ऐसा होता है। डॉक्टर्स के अनुसार यह एक ऑटो-इम्यून डिसऑर्डर है जिसमें शरीर में मौजूद मेलेनोसाइट्स नष्ट होने लगती हैं या काम करना बंद कर देती हैं। मेलेनोसाइट्स त्वचा में रंग बनाने वाली कोशिकाओं को कहा जाता है। विटिलिगो की समस्या में शरीर पर जगह-जगह सफेद दाग दिखाई देते हैं, जो मुँह और नाक के अंदर की त्वचा के ऊतकों (टिश्यू) को भी प्रभावित कर सकते हैं।
सफेद दाग के रंग और आकार के आधार पर विटिलिगो के कई प्रकार हो सकते हैं।
सेगमेंटल विलिटिगो
विटिलिगो के इस प्रकार में शरीर के किसी एक हिस्से या एक भाग में सफेद दाग हो जाते हैं। आमतौर पर कम उम्र में ही हो जाती है और एक-दो साल बढ़ने के बाद बंद हो जाती है।
लोकलाइज़्ड/फोकल विटिलिगो
विटिलिगो के इस प्रकार में शरीर के एक हिस्से या कुछ हिस्सों में सफेद दाग दिखाई देते हैं।
जनरलाइज़्ड विटिलिगो
जब शरीर के कई जगह, अलग-अलग हिस्सों में सफेद दाग हो जाते हैं तो उसे जनरलाइलज़्ड विटिलिगो कहते हैं। इसमें शरीर के एक हिस्से में हुए सफेद दाग शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैलने लगते हैं।
विटिलिगो के कारण
डॉक्टर्स के अनुसार इस बीमारी में शरीर में मेलेनोसाइट सेल्स (त्वचा का रंग बनाने वाली कोशिकाएं) नष्ट हो जाती हैं या काम करना बंद कर देती हैं। जिसके कारण त्वचा और बालों का रंग हल्का होने लगता है या सफेद दाग हो जाता है। शरीर में मेलेनोसाइट्स काम करना क्यों बंद कर देती हैं इस बारे में डॉक्टर्स भी अभी तक कोई सटीक जानकारी नहीं जुटा पाए हैं। हालाँकि, डॉक्टर्स के अनुसार मेलेनोसाइट सेल्स के नष्ट होने के पीछे मुख्य तौर पर ये कारण होते हैं-
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जब शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से शरीर को ही नुकसान पहुँचाने लगती है जिससे मेलैनोसाइट्स नष्ट हो जाती हैं।
ऑटो-इम्यून डिसऑर्डर (स्व-प्रतिरक्षित रोग) जैसे ऑटो-इम्यून थायरॉइड डिसऑर्डर या टाइप- 1 डायबिटीज के प्रभाव से भी ऐसा हो सकता है।
जेनेटिक (अनुवांशिक) कारणों से भी ऐसा हो सकता है। डॉक्टर्स का मानना है कि अगर पेरेंट्स को या परिवार में पहले किसी को यह बीमारी रही हो तो बच्चों में इसके होने की आशंका रहती है।
सनबर्न (सूर्य की तेज किरणों से त्वचा का जल जाना) या औद्योगिक केमिकल्स के संपर्क में आने के कारण भी मेलेनोसाइट सेल्स नष्ट हो सकती हैं।
विटिलिगो की समस्या में किसी स्किन स्पेशलिस्ट या डर्मटॉलजिस्ट से सलाह लें। आज के समय में मेडिकल में कई तरह के विकल्प मौजूद हैं जिनकी मदद से विटिलिगो का उपचार किया जा सकता है। ऐलोपैथी, होम्योपैथी और आयुर्वेद तीनों में ही विटिलिगो का उपचार संभव है। डॉक्टर्स दवाइयों, सर्जरी या थेरेपी की मदद से विटिलिगो का इलाज करते हैं। इन उपचारों की मदद से सफेद दाग को फैलने से रोकने और त्वचा का रंग वापस लाने में मदद मिलती है। मेडिकल उपचार के अलावा सही खान-पान भी विटिलिगो को फैलने से रोकने में बहुत महत्वपूर्ण है।
- प्रिया मिश्रा
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