जल्द ही मच्छरों से निबटने को उतरेंगे रोबोट

शोधकर्ताओं का कहना है कि यह रोबोट घरों की साफ-सफाई करने वाले रोबोट की ही तरह काम करता है, मच्छरों को मारने के लिए इसमें अलग से लेसर सिस्टम को जोड़ा गया है।

मच्छरों से लगभग सारी दुनिया परेशान है। ये हमारी नींद में तो खलल डालते ही हैं, पढ़ते-लिखते समय भी हमें डिस्बर्ट करते हैं। मच्छरों की कई प्रजातियों ने तो आजकल इंसान की नाक में दम कर रखा है इनके काटने पर चिकनगुनिया, डेंगू, जीका व मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारियां बड़े पैमाने पर फैल रही हैं। मच्छरों से बचने के लिए जरूरी है कि अपने घरों व आसपास के इलाकों में साफ-सफाई रखी जाए तथा पानी इक्ट्ठा न होने दिया जाए, मच्छरदानी का प्रयोग किया जाए या कुछ देसी इलाज नीम के पत्ते, सरसों के तेल आदि का उपयोग किया जाए। 

छोटे पैमाने पर तो मच्छरों से कुछ उपाय करके फिर भी निपटा जा सकता है किन्तु हॉस्पिटल, स्कूल, ऑफिस, रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप, रेस्त्रां आदि ऐसी जगह हैं जहां मच्छर बड़ी तादाद में पनपते हैं तथा यहां सफाई व्यवस्था बनाये रख पाना भी आसान नहीं होता। इन जगहों पर मच्छरों का सफाया किया जाना अत्याधिक कठिन काम है। ऐसी जगहों पर मच्छरों को मारने के लिए हाल ही में एक चीनी कंपनी ने ऐसा रोबोट तैयार किया है जो ‘लेसर’ से मच्छरों को मारता है। इस रोबोट को चीन के शेनझेन की लीशेन नामक कंपनी ने तैयार किया है। कंपनी का दावा है कि यह रोबोट प्रति सेकिंड 30 से 40 मच्छरों को मार सकता है। 

शोधकर्ताओं का कहना है कि यह रोबोट घरों की साफ-सफाई करने वाले रोबोट की ही तरह काम करता है, मच्छरों को मारने के लिए इसमें अलग से लेसर सिस्टम को जोड़ा गया है। इस रोबोट को ‘मच्छर मार रोबोट’ नाम दिया गया है। यह रोबोट 2डी लिडार तकनीक पर काम करता है जिसमें किसी तरह के प्रकाश की पहचान कर उसकी दूरी निर्धारित की जाती है। इस तकनीक का उपयोग आम तौर पर भूगोल और पुरातत्व-संबंधी खोजों में होता है। इसे लेसर स्कैनिंग तकनीक भी कहा जाता है। 

कंपनी का कहना है कि हालांकि लेसर किरणों से मच्छरों को मारने के उपकरण पहले भी बनाए जा चुके हैं किन्तु इन्हें टेबल पर या किसी जगह पर रखकर ही उपयोग किया जा सकता है जबकि घूम-घूम कर मच्छरों को मारने वाला यह रोबोट पहली बार ही बनाया जा सका है। यह रोबोट अस्पतालों, स्कूलों और सार्वजनिक कार्यालयों के अलावा उन इलाकों के लिए भी उपयोगी होगा जहां अधिक मच्छर होने के बावजूद सुरक्षा बलों की तैनाती करना जरूरी होता है। 

कंपनी के अनुसार इस रोबोट का पहली बार प्रदर्शन पोलैंड के कील्स शहर में आयोजित एक सैन्य हार्डवेयर प्रदर्शनी में किया गया। इस प्रदर्शनी में सैन्य वाहन, वायु रक्षा उपकरण तथा हवा में मार करने वाले हथियारों के साथ ही इस रोबोट को भी प्रदर्शित किया गया। कंपनी ने अभी इस रोबोट का व्यावसायिक उत्पादन शुरू नहीं किया है और न ही यह उजागर किया है कि इस रोबोट में किस तरह के लेसर का उपयोग किया गया है। गौरतलब है कि यह कंपनी अपने उत्पादकों में आंखों के लिए सुरक्षित लेसरों का उपयोग करती आई है।

- अमृता गोस्वामी

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