45 देश हाथ मिलाने आए, भारत बनेगा नया अमेरिका

Modi
ANI
अभिनय आकाश । Mar 19 2025 1:56PM

भारत विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और अगले कुछ सालों में वो तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर है। 140 करोड़ से ज्यादा की आबादी भारत को दुनिया की सबसे बड़ी कंज्यूमर मार्केट बनाती है। ऐसे में विदेशी कंपनियां अब भारत में अपने प्रोडक्ट बेचना चाहती हैं और यहां की मैन्यूफैक्चरिंग का फायदा उठाना चाहती हैं।

दुनिया के बड़े अर्थशास्त्री और फाइनेंशियल एक्सपर्ट ने 10 से 12 साल पहले भविष्यवाणी की थी कि एक दिन भारत अमेरिका और चीन को टक्कर देगा। लेकिन किसी ने ये नहीं सोचा था कि वो दिन इतनी जल्दी आ जाएगा। आज दुनिया के 45 से ज्यादा देश भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट एफटीए साइन करने की लाइन में खड़े हैं। ऐसा अचानक क्या हो गया? अमेरिका और चीन की जगह भारत को प्राथमिकता क्यों दी जा रही है? दरअसल, इसके पीछे की बड़ी वजह ये दोनों देश खुद ही हैं। अमेरिका और चीन ने एक दूसरे के खिलाफ ट्रेड वार छेड़ रखा है। डोनाल्ड ट्रंप ने जब से दोबारा व्हाइट हाउस में प्रवेश किया है हर देश को डराने का टैरिफ और टैक्स उनका पसंदीदा हथियार बन गया है। चीन पर भरोसा पहले ही कम हो चुकी है। कोविड और ताइवान विवाद के बाद तो खासकर। ऐसे में भारत दुनिया के लिए सबसे भरोसेमंद विकल्प बन गया है। ऐसे में भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था ने 45 देशों को अपनी ओर खींचा है।

इसे भी पढ़ें: आतंकवाद-कट्टरपंथ के खिलाफ साझा प्रयास, निवेश के अवसर को बढ़ावा, भारत-न्यूजीलैंड ने साइन किए कई अहम समझौते

भारत विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और अगले कुछ सालों में वो तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर है। 140 करोड़ से ज्यादा की आबादी भारत को दुनिया की सबसे बड़ी कंज्यूमर मार्केट बनाती है। ऐसे में विदेशी कंपनियां अब भारत में अपने प्रोडक्ट बेचना चाहती हैं और यहां की मैन्यूफैक्चरिंग का फायदा उठाना चाहती हैं। मोदी सरकार ने पिछले दस सालों में मेक इन इंडिया, आत्म निर्भर भारत और डिजिटल इंडिया जैसी योजनाओं से भारत को मैन्यूफैक्चरिंग हब बना दिया है। अब दुनिया भारत के साथ व्यापार करने के लिए नई दिल्ली के चक्कर काट रही है। 

इसे भी पढ़ें: India-New Zealand Relations: न्यूजीलैंड के पीएम लक्सन ने पीएम मोदी से की मुलाकात, भारत को बताया ‘अविश्वसनीय रूप से उदार’

किन देशों ने एफटीए पर बातचीत शुरू की

सबसे पहले यूरोपीय संघ के 27 देशों से भारत की बातचीत हुई। फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन ईयू के 27 देश  भारत के साथ व्यापार समझौता करना चाहते हैं। इसके बाद गल्फ काउंसिल के छह देश हैं जो भारत के साथ एफटीए करना चाहते हैं। सऊदी अरब, यूएई, कतर, कुवैत, बहरीन, ओमान जैसे तेल उत्पादक देश भारत के साथ एफटीए पर काम कर रहे हैं। इसके अलावा यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन भी भारत के साथ हाथ मिला चुके हैं। रूस, कजाकिस्तान, आर्मेनिया, बेलारूस, किर्गिस्तान के साथ भारत फ्री ट्रेड डील की बात कर रहा है। अन्य प्रमुख सात देश हैं जो धीरे धीरे इस डील पर बातचीत कर रहे हैं। इनमें अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, श्रीलंका, इजरायल और पेरु शामिल हैं। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़