चीन में बंदी बनाकर रखा गया एक कार्यकर्ता ताइवान लौटा, 2017 से बनाकर रखा था बंदी

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चीन में पांच साल तक बंदी बनाकर रखा गया एक कार्यकर्ता ताइवान लौट गया है।चीन द्वारा 2016 में विदेशी गैर-सरकारी संगठनों पर नियंत्रण को कड़ा करने वाला कानून पारित करने के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई थी। ली ने ताइवान के लोकतंत्रीकरण पर ऑनलाइन व्याख्यान दिया था।

ताइपे।चीन में पांच साल तक बंदी रहा ताइवान का एक लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ता शुक्रवार सुबह ताइवान लौट आया। ताइवान की सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने यह जानकारी दी। ली मिंग-चे को 2017 में चीनी अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था और उन पर राज्यसत्ता के विरूद्ध विध्वसंक कार्रवाई करने का आरोप लगाया गया था। चीन द्वारा 2016 में विदेशी गैर-सरकारी संगठनों पर नियंत्रण को कड़ा करने वाला कानून पारित करने के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई थी। ली ने ताइवान के लोकतंत्रीकरण पर ऑनलाइन व्याख्यान दिया था और चीन में राजनीतिक बंदियों के परिवारों के लिए एक कोष का प्रबंधन किया था।

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वह पिछले पांच वर्षों से मध्य हुनान प्रांत की एक जेल में सजा काट रहे थे। ली शुक्रवार सुबह दक्षिणी चीनी शहर जियामेन से विमान से ताइवान लौटे। उनकी गिरफ्तारी तब हुई जब चीन और ताइवान के बीच संबंधों में खटास आ गई और द्वीप ने त्साई इंग-वेन को राष्ट्रपति चुना। त्साई की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी ने ताइवान की औपचारिक स्वतंत्रता की वकालत की है। त्साई के सत्ता में आने के बाद चीन ने ताइवान की सरकार से संपर्क खत्म कर लिया और अब वह ताइवान के आसमान रोजाना अपने सैन्य विमान को भेजता है। चीन का दावा है कि ताइवान उसका हिस्सा है। चीन यह भी दावा करता है कि ताइवान के नागरिक भी चीनी हैं और उन्हें एक विशेष पहचान पत्र जारी करता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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