अब्राहम समझौता करवाया, सार्बिया-कोसोवा युद्ध रुकवाया, नोबेल पुरस्कार के लिए डेसपरेट हुए ट्रंप, कहा- मैं चाहे जो करूं ये नहीं मिलने वाला

खुद की प्रशंसा में मुग्ध डोनाल्ड ट्रंप शांति पुरस्कार पाने की चाहत में जिन दो के बीच सीजफायर करवाने की बात कर रहे हैं। उनमें से एक खुलेआम मना कर चुका है कि आपने कोई सीजफायर नहीं करवाया। वहीं दूसरा जाकर पूरी तरह उनके आगे जाकर बिछ गया है।
जिसका मुझे था इंतजार वो घड़ी आ गई...अमिताभ बच्चन की फिल्म डॉन का ये गाना आज अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मनोदशा पर सटीक बैठ रही है। शांति पुरस्कार की चाह रखने वाले डोनाल्ड ट्रंप जो लगातार कह रहे हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच में उन्होंने मध्यस्थता कराई। ये बात इस हद तक पहुंच गई है कि वो पाकिस्तान के आर्मी चीफ को अपने बगल में बुलाव कर बिठा लिया। हालांकि इस दौरान कोई कैमरा नहीं लगवाया। पब्लिक मीटिंग नहीं करवाई। हां, लेकिन खबरें खूब छपवाई। साथ ही ये भी कह दिया कि आसिम मुनीर भी कह चुके हैं कि मुझे शांति पुरस्कार मिलना चाहिए। खुद की प्रशंसा में मुग्ध डोनाल्ड ट्रंप शांति पुरस्कार पाने की चाहत में जिन दो के बीच सीजफायर करवाने की बात कर रहे हैं। उनमें से एक खुलेआम मना कर चुका है कि आपने कोई सीजफायर नहीं करवाया। वहीं दूसरा जाकर पूरी तरह उनके आगे जाकर बिछ गया है।
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भारत पाक के बीच करवाया सीजफायर
इस वक्त का जियोपॉलिटिक्स बहुत ही मजेदार हो चला है। ट्रंप ये कहते नहीं रुक रहे हैं कि उन्होंने भारत पाकिस्तान के बीच सीजफायर करवाया। अपना रुख को दोहराते हुए ट्रंप ने कहा कि वे कई उपलब्धियों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के हकदार हैं। इनमें भारत और पाकिस्तान से संबंधित उनके प्रयास और एक संधि की मध्यस्थता में उनकी भूमिका शामिल है, जिस पर सोमवार को हस्ताक्षर होने की उम्मीद है, जिसका उद्देश्य कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और रवांडा के बीच शत्रुता को समाप्त करना है। ट्रंप ने कहा कि मुझे यह चार या पांच बार मिलना चाहिए था। वे मुझे नोबेल शांति पुरस्कार नहीं देंगे क्योंकि वे इसे केवल उदारवादियों को देते हैं। ट्रंप ने कहा कि नतीजे चाहे कुछ भी हो लेकिन लोग जानते हैं। मेरे लिए यही काफी है। उन्हें ये पता है कि वो कुछ भी कर लें उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलने वाला है।
नोबेल की चाहत में ट्रंप का छलका दर्द
कांगो और रवांडा में समझौता करवाया लेकिन मुझे नोबल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा। इसके साथ ही ट्रंप ने कहा कि मैंने भारत और पाकिस्तान युद्ध रुकवाने के लिए भी नोबल पुरस्कार नहीं मिलेगा। सार्बिया और कोसोवो के बीच युद्ध रुकवाया लेकिन इसके लिए भी मुझे नोबल शांति पुरस्कार नहीं मिलने वाला है। मिस्र और इथोपिया के बीच शांति बनाए रखी। लेकिन मुझे नोबल पुरस्कार फिर भी नहीं दिया जाएगा। मुझे मीडिल ईस्ट में अब्राहम समझौते के लिए भी शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा। ट्रंप ने आखिर में झल्लाते हुए कहा कि मैं कुछ भी कर लूं, लेकिन मुझे नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेन वाला है। रूस, यूक्रेन, ईरान-इजरायल के मामले में भी मुझे नोबल शांति पुरस्कार नहीं मिला।
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पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर की ट्रंप से मुलाकात
बढ़ते कूटनीतिक जुड़ाव के बीच, सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने अमेरिका की यात्रा के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप के साथ एक निजी बैठक की। हालांकि कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि चर्चा क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा सहयोग पर केंद्रित थी। माना जाता है कि इस बैठक ने प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार के लिए ट्रंप का सार्वजनिक रूप से समर्थन करने के पाकिस्तान के फैसले को मजबूत किया है।
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