कोरोना महामारी के बावजूद, बढ़ रही आवश्यक चीजों की तेजी से मांग

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निधि अविनाश । Dec 15 2020 6:47PM

कोरोना लॉकडाउन के दौरान लोगों ने जरूरतों के सामानों का काफी स्टॉक बनाया जिसमें कमी तो आई लेकिन अब बड़े पैक का डिमांड दोबोरा बढ़ गया है। कांतार के अनुसार, सॉस और केचप, पानी की बॉटल, सेनीटाइजर के सामान जैसे में काफी तेजी से वृद्धि हुई है।

कोरोना महामारी के कारण लुढ़की भारतीय अर्थव्यवस्था अब वापस अपने ट्रैक पर आ गई है। बता दें कि पूर्व कोविड-19 के बीच उद्योग जगत हरे निशान पर पहुंचता जा रहा है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ट्रैक किए गए 48 में से 30 उच्च-आवृत्ति वाले आर्थिक संकेतक पूर्व-कोविड स्तरों पर लौट आए हैं। इसमें वाहन और दोपहिया बिक्री, और बीमा प्रीमियम, ने भी तेजी दिखाई है। तेल की खपत और इस्पात उत्पादन में सुधार निर्माण, बुनियादी ढांचे, ऑटोमोबाइल और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं की बढ़ती मांग को भी दर्शाता है। 

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इस महामारी के बीच उपभोक्ता न केवल आवश्यक वस्तुएं खरीद रहे हैं, बल्कि कपड़े, ज्वैलरी, क्रॉकरी और खाद्य पदार्थ भी खरीद रहे हैं। साथ ही उपभोक्ता अब इस महामारी के बीच बाहर खाना खाने में भी खर्च कर रहे हैं। ईवाई इंडिया की उपभोक्ता उत्पाद और खुदरा  साझेदार और नेता पिनाकिरंजन मिश्रा ने कहा कि "कई लोगों ने पिछले नौ महीनों में बाहर खाने, खरीदारी या छुट्टियों पर पैसा खर्च नहीं किया है, जिससे उन्होंने कई पैसे सेव किए, यहीं कारण है कि अब लोगों में खरीदारी करने की उत्सुकता काफी बढ़ गई है।

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कोरोना लॉकडाउन के दौरान लोगों ने जरूरतों के सामानों का काफी स्टॉक बनाया जिसमें कमी तो आई लेकिन अब बड़े पैक का डिमांड दोबोरा बढ़ गया है। कांतार के अनुसार,  सॉस और केचप, पानी की बॉटल, सेनीटाइजर के सामान जैसे में काफी तेजी से वृद्धि हुई है। वहीं महामारी की शुरुआत में इन सभी चीजों की मांग में गिरावट हो गई थी या कम हो गई थी। एडलवाइस ने कहा कि डाइन-इन अब लगभग पूर्व-कोविड स्तर का 50% है।पेबैक और अनोमर द्वारा संयुक्त रूप से किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि पार्टी में पहनने वाले कपड़ो की मांग 41% बढ़ गई, इसके बाद सेमी- फॉर्मल और फॉर्मल पहनने में 16% की वृद्धि हुई। घर की सजावट में 27% उपभोक्ताओं के साथ 44% सुधार देखा गया है। EY में मिश्रा के अनुसार, "असली खरीदारी तब ही होगी जब टीका देश में आ जाएगा"। 

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