America ने Pakistan को दिए 200 मिलियन डॉलर, भारत से की गद्दारी? क्या आतंकी साजिशों को दिया जा रहा चोरी-छुपे बढ़ावा?

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Prabhasakshi
रेनू तिवारी । Dec 22 2022 12:09PM

अमेरिकी सरकार ने पाकिस्तान में लैंगिक समानता कार्यक्रमों के लिए 200 मिलियन डॉलर देने का फैसला किया हैं। अमेरिकी कांग्रेसी प्रतिनिधि डैन बिशप ने वित्तीय वर्ष 2023 के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में पारित सर्वग्राही विधेयक का विवरण साझा किया।

अमेरिका इस समय पाकिस्तान पर दिल खोल कर महरबान है। भारत और रूस की नजदीकियों का गुस्सा वह डायरेक्ट भारत पर नहीं निकाल सकता इस लिए भारत को चेताने के लिए अमेरिका पाकिस्तान (Pakistan) के साथ नजदीकिया बढ़ाता है। एफ-16 के बाद अब अमेरिका पाकिस्तान को  200 मिलियन डॉलर  (US allots $200 million Pakistan) डेने वाला हैं। अमेकिरा के इस कदम का विरोध उनके ही देश में हो रहा हैं। अमेरिका पाकिस्तान को इतनी बड़ी रकम इस लिए दे रहा है ताकि पाकिस्तान में महिलाओं और पुरुषों के बीच समानता को स्थापित किया जा सके। पूरी दुनिया इस बात से अंजान नहीं है कि पाकिस्तान में जनता की सुविधाओं से ज्यादा आतंकवाद को सपोर्ट करने पर पैसा खर्च किया जाता है। अब ऐसे में इतनी बड़ी रकम का पाकिस्तान लैंगिक समानता के लिए प्रयोग करता है या किसी अन्य सरकारी हित के लिए। बाइडन के इस कदम का विरोध उनकी ही जनता कर रही हैं। 

 

अमेरिका पाकिस्तान पर मेहरबान,  200 मिलियन डॉलर की देगा खैरात

अमेरिकी सरकार ने पाकिस्तान में लैंगिक समानता कार्यक्रमों के लिए 200 मिलियन डॉलर  (US allots $200 million for gender equity and equality programs in Pakistan) देने का फैसला किया हैं। अमेरिकी कांग्रेसी प्रतिनिधि डैन बिशप ने वित्तीय वर्ष 2023 के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में पारित सर्वग्राही विधेयक का विवरण साझा किया। पाकिस्तान के लिए आवंटित जेंडर इक्विटी फंड सीनेट में पेश किए गए विशाल 4155 पेज के 1.7 ट्रिलियन डॉलर के सरकारी व्यय बिल का हिस्सा है, जो पिछले वित्तीय वर्ष में लगभग 1.5 ट्रिलियन डॉलर से अधिक है। यह बिल सितंबर 2023 तक अमेरिकी सरकार की संघीय एजेंसियों को फंड देने के लिए है, जिसमें दुनिया भर में विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों के लिए फंडिंग भी शामिल है। बिल को सीनेट द्वारा 70-25 में चर्चा के लिए स्वीकार कर लिया गया है, और इस सप्ताह के अंत तक पारित किया जाएगा क्योंकि डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन वार्ताकारों ने संघीय एजेंसियों के आंशिक बंद को रोकने के लिए बिल पारित करने पर सहमति व्यक्त की है।

बिल के बारे में बात करते हुए, रेप डैन बिशप ने लिखा, "मेरी टीम और मैं आज ऑम्निबस बिल के माध्यम से पढ़ रहे हैं - सभी $ 1.7 ट्रिलियन और इसके 4,155 पृष्ठ। बिल में कुछ सबसे प्रबल प्रावधानों के लिए अनुसरण करें। उन्होंने बिल में शामिल फंडिंग के कई प्रावधानों को पोस्ट किया।

लंबे लाइन में किए गये एक ट्वीट में उन्होंने उल्लेख किया, "पाकिस्तान में लैंगिक समानता  कार्यक्रम और एक लिंग इक्विटी फंड के लिए $200 मिलियन  (gender equity and equality programs )।" विशेष रूप से संबंधित अधिनियम की धारा III के तहत विनियोजित निधियों में से 200 मिलियन डॉलर की एक लैंगिक इक्विटी और समानता कार्रवाई कोष उक्त कारण के लिए उपलब्ध कराया जा सकता है। पाकिस्तान में लोकतंत्र और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए धन दिया जाता है।

 

2020 में लैंगिक समानता के लिए दिए थे अमेरिका ने $10 मिलियन

यह ध्यान रखना उचित है कि इस उद्देश्य के लिए आवंटित फंड में पिछले कुछ वर्षों में भारी वृद्धि दर्ज की गई है। दिसंबर 2020 में, अमेरिकी कांग्रेस ने पाकिस्तान में लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए 15 मिलियन डॉलर के साथ लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए $10 मिलियन की मंजूरी दी थी। इसलिए, पाकिस्तान में लैंगिक समानता के लिए आवंटित $200 मिलियन इसी कारण से 2020 के आवंटन से 20 गुना वृद्धि है।

 

पाकिस्तान में होता है बड़े स्तर पर महिलाओं और पुरूषों  में भेदभाव?

लैंगिक समानता के लिए अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को स्वीकृत धन का क्या होता है, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है। इस्लामिक देश में महिलाओं की स्थिति इतनी अच्छी नहीं है और इतनी बड़ी धनराशि के बावजूद धार्मिक अल्पसंख्यकों की लड़कियों के साथ अक्सर बलात्कार किया जाता है और जबरन धर्म परिवर्तन किया जाता है। मुस्लिम महिलाओं के नागरिक अधिकार भी मुस्लिम पुरुषों के अधीनस्थ हैं। जहां पाकिस्तान में लैंगिक समानता असंभव लगती है, वहीं इस्लामिक आतंकवाद की फैक्ट्री में लोकतंत्र भी सवालों के घेरे में है क्योंकि लोकतांत्रिक रूप से चुने गए प्रतिनिधि पाकिस्तानी सेना के हाथों में एक उपकरण बन गए हैं। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट 2022 के अनुसार, जो जुलाई 2022 में प्रकाशित हुई थी, पाकिस्तान इंडेक्स के लिए रैंक किए गए 46 देशों में 145 वें स्थान पर है। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान वह देश है जहां महिलाओं को वरिष्ठ, प्रबंधकीय और विधायी भूमिकाओं में सबसे कम हिस्सा मिलता है।

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