सैन्य तख्तापलट के बाद पहली बार आंग सान सू ची व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश हुईं

Aung San Suu

म्यामांर गिरफ्तारी के बाद पहली बार आंग सान सू ची व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश हुईं है।सू ची कई आपराधिक मामलों का सामना कर रही हैं लेकिन पूर्व में उन्हें वीडियो कांफ्रेंस के जरिये अदालत में पेश किया जाता था। सू ची को किसी वकील से भी मिलने की अनुमति नहीं दी जा रही थी।

बैंकॉक।  म्यांमार की अपदस्थ नेता आंग सान सू ची, एक फरवरी को सैन्य तख्तापलट के बाद हिरासत में लिए जाने के बाद से पहली बार सोमवार को व्यक्तिगत रूप से अदालत के समक्ष पेश हुईं। म्यांमा के मीडिया ने यह जानकारी दी। उनके वकीलों में से एक मिन मिन सो ने एसोसिएटेड प्रेस को फोन कर बताया कि सू ची राजधानी नेपीता की नगर परिषद इमारत में स्थापित विशेष अदालत के समक्ष पेश हुईं और इससे पहले अपने वकीलों से मिलीं। वकील राष्ट्रपति विन मिंट से भी मिले जिनकी सरकार में सू ची स्टेट काउंसलर थीं। वह भी उन्हीं आरोपों का सामना कर रहे हैं जिनका सामना सू ची कर रही हैं। सू ची कई आपराधिक मामलों का सामना कर रही हैं लेकिन पूर्व में उन्हें वीडियो कांफ्रेंस के जरिये अदालत में पेश किया जाता था। सू ची को किसी वकील से भी मिलने की अनुमति नहीं दी जा रही थी।

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मिन मिन सो ने बताया कि सू ची का म्यांमा के लोगों को संदेश है कि उनकी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) पार्टी उनके साथ खड़ी है। मिन मिन सो ने अदालत में सुनवाई के बाद कहा, ‘‘ मुख्य बात जो उन्होंने (सू ची ने) कहा कि वह हमेशा सभी लोगों की अच्छी सेहत और बेहतरी की कामना करती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि चूंकी एनएलडी की स्थापना लोगों के लिए की गई है और एनएलडी तबतक वजूद में रहेगी जबतक लोग रहेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह तरोताजा, स्वस्थ और आत्मविश्वास से लबरेज दिख रही थीं।’’

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सू ची के खिलाफ सोमवार को सुनवाई विभिन्न आपराधिक मामलों को लेकर हुई जिसका वह सामना कर रही हैं। इनमें दो मामले कोविड-19 के मद्देनजर वर्ष 2020 के चुनाव प्रचार के दौरान प्राकृतिक आपदा प्रबंधन कानून का उल्लंघन करने के हैं। इसके अलावा उन पर गैर कानूनी तरीके से वाकी-टॉकी का आयात अपने अंगरक्षकों के लिए करने, बिना लाइसेंस रेडियो का इस्तेमाल करने और ऐसी सूचना फैलाने के आरोप है जिनकी वजह से लोगों में तनाव पैदा हो सकता था। सू ची के खिलाफ सबसे गंभीर आरोप औपनिवेशिक कालीन गोपनीयता कानून को भंग करने का है जिसमें उन्हें 14 साल कैद हो सकती है लेकिन इस मामले की सुनवाई दूसरी अदालत कर रही है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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